Move to Jagran APP

बॉलीवुड के इन सितारों का राजनीति से नहीं कोई संबंध, फिर भी चला रहे सियासी बाण...

राजनीति और फिल्‍म जगत का वैसे तो कोई सीधा संबंध नहीं है लेकिन कई बॉलीवुड सितारे राजनीति के मैदान में अपना परचम लहरा चुके हैं।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 23 May 2019 08:33 AM (IST)Updated: Thu, 23 May 2019 08:55 AM (IST)
बॉलीवुड के इन सितारों का राजनीति से नहीं कोई संबंध, फिर भी चला रहे सियासी बाण...
बॉलीवुड के इन सितारों का राजनीति से नहीं कोई संबंध, फिर भी चला रहे सियासी बाण...

नई दिल्‍ली, जेएनएन। राजनीति और फिल्‍म जगत का वैसे तो कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन कई बॉलीवुड सितारे राजनीति के मैदान में अपना परचम लहरा चुके हैं। सुनील दत्‍त से लेकर धर्मेंद्र तक ने राजनीति में एक लंबी पारी खेली। हालांकि, लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान कई ऐसे बॉलीवुड सितारे प्रचार करते नजर आए, जिनका राजनीति से सीधा कोई सरोकार नहीं है। इनमें से कुछ सितारों ने अहम मुद्दे उठाए, तो वहीं कुछ के दांव उल्‍टे साबित हुए।

loksabha election banner

स्‍वरा भास्‍कर का ईवीएम पर सवाल
स्‍वरा भास्‍कर का राजनीति से सीधा संबंध नहीं है, लेकिन वह ज्‍वलंत मुद्दों पर अपनी राय रखने से पीछे नहीं रहतीं। ऐसे में लोकतंत्र के महापर्व में भी उन्‍होंने अपनी भागीदारी निभाई। स्‍वरा भास्‍कर ने लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान बेगूसराय से कन्हैया कुमार के लिए प्रचार किया था और फिर उन्होंने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए भी वोट मांगे थे। स्वरा भास्कर वैसे सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव रहती हैं और उनके ट्वीट्स पर जमकर रिएक्शन भी आते हैं। पिछले दिनों स्वरा भास्कर ने अपने ट्वीट में लिखा, 'अगर ईवीएम से छेड़छाड़ और उसे बदलने की बात सही है..., तो विपक्षी पार्टियां कोर्ट क्यों नहीं जाती हैं....या कुछ और???' अपने इस ट्वीट से स्वरा भास्कर ने विपक्षी पार्टियों से सवाल पूछा कि अगर ईवीएम की गड़बड़ी की बात सच है तो वह इस मुद्दे पर कोर्ट क्यों नहीं जाते हैं? हालांकि, स्‍वरा भास्‍कर को राजनीति से जुड़ना का लाभ कम और नुकसान ज्‍यादा हुआ है। हाल ही में उन्‍होंने बताया कि चुनाव प्रचार करने के बाद उनके हाथ से कई ब्रांड के विज्ञापन निकल गए।

जावेद अख्तर धर्म की राजनीति पर कटाक्ष
सामाजिक मुद्दों पर जावेद अख्‍तर अपनी बेबाक राय रखते रहे हैं। कन्हैया कुमार के लिए मशहूर गीतकार और स्क्रिप्‍ट राइटर जावेद अख्तर ने चुनाव प्रचार किया। इस दौरान उन्‍होंने कहा कि धार्मिक पहचान से भरा दिमाग विकल्प नहीं हो सकता। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा मुसलमानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी के खिलाफ 'एकजुट होने और वोट देने' की अपील को नकारते हुए जावेद अख्तर ने कहा था कि किसी की धार्मिक पहचान से भरा दिमाग राजनीतिक विकल्प नहीं बन सकता है। जावेद अख्‍तर का राजनीति से सीधा संबंध नहीं है, लेकिन उनकी सोच दर्शाती है कि उनका झुकाव किस ओर है।

अनुपम खेर ने घर-घर जाकर किया चुनाव प्रचार
अनुपम खेर का सीधा राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन उनकी पत्‍नी किरण खेर इस बार फिर भाजपा की ओर से चुनाव मैदान में उतरी हैं। अनुपम खेर ने किरण खेर के लिए जमकर प्रचार किया। चुनाव प्रचार के अभियान के लिए वह काफी समय तक चंडीगढ़ में मौजूद रहे। चंडीगढ़ की गलियों में घूम-घूमकर प्रचार करते नजर आ रहे हैं। हालांकि, इस दौरान उन्‍हें कई कड़वे अनुभवों से भी गुजरना पड़ा। अनुपम खेर सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं। ऐसे में भविष्‍य में अगर अनुपम खेर भी राजनीति के मैदान में उतरते हैं, तो कोई हैरानी नहीं होगी।

शबाना आजमी का वोट बैंक की राजनीति पर हमला
हिंदी सिनेमा की बेहतरीन अदाकारा शबाना आजमी का राजनीति से कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन वह सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय देने में काफी पीछे नहीं रहती हैं। शबाना आजमी ने बेगूसराय में कन्हैया कुमार के लिए चुनाव प्रचार किया था। उन्‍होंने कन्हैया कुमार पर लगे देशद्रोह के आरोप को झूठा बताया और कहा था कि बीजेपी द्वारा जो भी कन्हैया पर आरोप लगाए जा रहे हैं, वो सही नहीं है। यह सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। वोट के लिए हिंदुत्व की बात कर रहे हैं। इसलिए सभी लोग इस तरह की अफवाहों से सतर्क रहें। शबाना आजमी ने गिरिराज सिंह पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वह महिलाओं का सम्मान नहीं करते हैं, इसलिए वह कह रहे हैं कि कन्हैया कुमार के पक्ष में नाचने वाले प्रचार कर रहे हैं।

फरहान अख्‍तर का दांव पड़ा उल्‍टा
फिल्‍ममेकर और एक्‍टर फरहान अख्‍तर को हाल ही में सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया गया। दरअसल, अख्तर ने भोपाल के मतदाताओं से वोट अपील की है, लेकिन ये अपील करने में उन्हें एक हफ्ते की देरी हो गई। फरहान ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'प्रिय भोपाल के मतदाताओं, यही वह टाइम है जब आप अपने शहर को एक और गैस त्रासदी से बचा सकते हो। हालांकि, उन्‍होंने विपक्षियों पर पलटवार भी किया। फरहान का राजनीति से कोई सीधा संबंध नहीं है। शायद इसीलिए उनसे यह बड़ी चूक हो गई। इस बार चुनाव मैदान में उर्मिला मातोंडकर से लेकर सनी देओल तक कूद पड़े हैं। ऐसे में अगर फहान अख्‍तर भी अगली बार चुनाव मैदान में बतौर प्रत्‍याशी नजर आएं, तो हैरानी नहीं होगी।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.