जागरण इलेक्शन एक्सप्रेस: मोदी सरकार में महिलाओं को मिली ताकत, अब सुविधाएं देने वाले को मिलेगा ‘वोट’
एक महिला ने कहा कि नरेंद्र मोदी ही ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने मुस्लिम महिलाओं की सुध ली है। तीन तलाक जैसे मुद्दे को उठाकर उन्होंने हमे गर्त से बाहर निकाला है।
दीपक भट्टाचार्य, बर्धमान। सप्ताह का पहला दिन। हावड़ा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म चार पर दैनिक यात्रियों का जमघट। कारशेड से ईएमयू (इलेक्टिक मल्टीपल यूनिट) लोकल प्लेटफार्म पर दाखिल हुई। ट्रेन में चढ़ने के लिए यात्रियों में होड़। धक्का-मुक्की और आपसी तकरार के बाद लोग सीट पर बैठ चुके थे। इसके बाद अपने साथियों के लिए कोई माचिस की डिब्बी तो कोई रुमाल रखकर सीट पर हक जमा रहा था। अपने निर्धारित समय सुबह 8.25 बजे लोकल ट्रेन बर्धमान के लिए रवाना हुई। नींद की खुमारी के बीच ताजातरीन खबरों को जानने के लिए किसी ने बांग्ला तो किसी ने अंग्रेजी और हिंदी के अखबारों के पन्ने पलटने शुरू किए। मैंने भी पुरानी पीढ़ी यानी बुजुर्गों के बीच अपनी सीट संभाल ली।
इस बीच बांग्ला अखबार में राजनीतिक खबरों पर निगाह गड़ाए सुचित्ता भौमिक नाम बुजुर्ग से मैंने चर्चा छेड़ दी। पहले तो उन्होंने एक टक मेरी ओर देखा फिर गरज पड़े केंद्र की भाजपा सरकार पर। फिर क्या था, हमने भी बुजुर्ग का मूड भांप लिया और उनकी हां में हां मिलाता रहा क्योंकि मुङो तो लोकसभा चुनाव को लेकर उनका मत जानना था। बुजुर्ग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए गए जीएसटी व नोटबंदी जैसे फैसले पर ही कटाक्ष शुरू कर दिया। बोले, कालाधन वापस लाने की दुहाई देकर उन्होंने मध्यम वर्गीय परिवारों को ही लाइन में खड़ा कर दिया। हालांकि, उन्होंने पश्चिम बंगाल से घुसपैठियों (बांग्लादेशी व रोहिंग्या मुसलमान) को निकालने के लिए अमित शाह द्वारा एनआरसी लागू करने के आश्वासन पर भरोसा जताया। कहा कि एक बार फिर केंद्र में भाजपा सरकार आती है तो बंगाल के लोगों को कुछ तो लाभ मिलेगा।
तृणमूल समर्थक नजर आ रहे जटिलेश्वर साव ने नरेंद्र मोदी का तो विरोध किया लेकिन हाल में हुए पुलिस बनाम सीबीआइ की घटना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का विरोध भी किया। कहा कि बंगाल में वैसे तो सब कुछ ठीक है लेकिन केंद्र में गठबंधन की जगह भाजपा की सरकार बनना ही बेहतर होगा। भाजपा के धुर विरोधी नजर आने वाले रेलकर्मी विश्वनाथ मुखर्जी ने हाल ही में पुलवामा हमले के बाद पाक में घुसकर एयर स्ट्राइक किए जाने पर मोदी की हिम्मत की सराहना की। लेकिन रेल कर्मचारियों को खास सुविधाएं नहीं मिलने से भाजपा से खफा भी दिखे।
चर्चा के बीच ही 8.53 बजे ट्रेन डानकुनी स्टेशन पर पहुंच गई। यहां कुछ यात्री उतरे तो कुछ अन्य यात्री सवार हो गए। मैंने भी अपना कोच बदल दिया। अब मैं नई पीढ़ी से रूबरू हुआ। इस बीच बर्धमान निवासी उस्मान अंसारी ने भाजपा को अल्पसंख्यकों का धुर विरोधी बताया। कहा कि आए दिन मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर मुसलमान खुद को असुरक्षित मान रहे हैं। बातों ही बातों में ट्रेन 9.41 बजे चंदनपुर स्टेशन पर जा पहुंची। करीब 19 मिनट ट्रेन के देरी से पहुंचने पर खफा यात्रियों ने रेल प्रशासन को कोसना शुरू कर दिया था।
सियासत की लड़ाई में नुकसान अवाम को ही : इसी बीच लता रानी साहा, मारिया दत्ता, राबिया खातून ने राहुल गांधी का गुणगान शुरू कर दिया। मैंने पूछा ऐसा क्यों तो उन्होंने बताया कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो राहुल गरीब परिवारों की महिलाओं के खाते में 72 हजार रुपये सालाना डालेंगे। मुङोसमझने में देर नहीं लगी कि उनके सपने में कांग्रेस का वादा ही तैर रहा है। महिला और पुरुष यात्रियों की सबसे ज्यादा शिकायत लोकल ट्रेनों की लेटलतीफी को लेकर रही। साथ ही ऑफिस टाइम पर लोकल ट्रेनों की संख्या में इजाफा करने पर भी जोर रहा। कुछ यात्रियों का कहना था कि अब लोग जागरूक हो गए हैं। किसी भी पार्टी के बहकावे में नहीं आने वाले। जो पार्टी सबसे अधिक सुविधाएं देगी, उसी को वोट दिया जाएगा।
यात्री अर्घ दास का कहना था कि सियासत की लड़ाई में नुकसान अवाम को ही होता है। चुनाव में वोट हासिल कर जीतने के बाद सभी पार्टियां एक हो जाती हैं। इस बार काफी सोच विचार कर मतदान करना पड़ेगा। इस बार मौसमी नेताओं को संसद नहीं भेजा जाएगा। आखिरकार 20 मिनट की देरी से दोपहर 11.03 लोकल ट्रेन बर्धमान स्टेशन पर पहुंच गई। यात्री भी उतरकर अपने-अपने गंतव्यों की ओर चले गए और मेरा भी सफर समाप्त हो गया।
मोदी सरकार में महिलाओं को ताकत मिली
लोकल ट्रेन सुबह 9.41 बजे शक्तिगढ़ स्टेशन पहुंची तो यहां के यात्री भी गुस्से में लालपीला हो रहे थे। वजह थी, करीब 30 मिनट ट्रेन का देरी से पहुंचना। मैं उतरकर आरपीएफ की इजाजत से महिला कोच में दाखिल हो गया। नसरीन बीवी, इंजीनियरिंग की छात्र सुष्मिता मंडल, रत्ना भट्टाचार्य नामक कुछ महिला यात्रियों ने मोदी सरकार की उज्जवला योजना, जनधन योजना की सराहना की। बैंककर्मी साजिया नसरीन ने कहा कि मोदी सरकार में ही महिलाओं को ताकत मिली है। एक महिला ने कहा कि नरेंद्र मोदी ही ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने मुस्लिम महिलाओं की सुध ली है। तीन तलाक जैसे मुद्दे को उठाकर उन्होंने हमे गर्त से बाहर निकाला है। ऐसे व्यक्ति को ही दोबारा प्रधानमंत्री बनना चाहिए।