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Lok Sabha Election 2019: दो दशक से धूमल पर केंद्रित हमीरपुर की सियासत

1996 में कांग्रेस ने सेवानिवृत्त मेजर जनरल विक्रम सिंह को चुनाव मैदान में उतारकर धूमल को शिकस्त दी इसके बाद धूमल ने प्रदेश में हिमाचल विकास कांग्रेस के साथ मिलकर पांच वर्ष तक सरकार चलाई।

By BabitaEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 08:52 AM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 08:52 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019:  दो दशक से धूमल पर केंद्रित हमीरपुर की सियासत
Lok Sabha Election 2019: दो दशक से धूमल पर केंद्रित हमीरपुर की सियासत

बिलासपुर, राजेश्वर ठाकुर। कांग्रेस का गढ़ माने जाते रहे हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में भाजपा का खाता पहली बार 1990 में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने खोला था। हालांकि उस समय भाजपा की जीत का अंतर कम रहा, लेकिन पार्टी नादौन हलके से संबंधित नारायण चंद पराशर का वर्चस्व पहली बार तोड़ने में कामयाब रही। इसके बाद धूमल ने इस ससंदीय क्षेत्र से दूसरी बार जीत दर्ज की।

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कांग्रेस ने 1996 में सेवानिवृत्त मेजर जनरल विक्रम सिंह को चुनाव मैदान में उतारकर धूमल को शिकस्त दी। इसके बाद धूमल ने विधानसभा की ओर रुख  किया और शांता कुमार की अल्पकाल की सरकार के बाद प्रदेश में हिमाचल विकास कांग्रेस के साथ मिलकर पांच वर्ष तक सरकार चलाई। भाजपा ने इस संसदीय

क्षेत्र में अपने वर्चस्व को दोबारा कायम करने के लिए धूमल के विकल्प के रूप में सुरेश चंदेल को 1998 में चुनाव मैदान में उतारा। चंदेल ने लगातार तीन बार कांग्रेस को धूल चटाई और भाजपा की जीत का अंतर पहले से कई गुना बढ़ा दिया। कांग्रेस ने इस दौरान बिलासपुर से वरिष्ठ नेता रामलाल ठाकुर को चुनाव मैदान में उतारा, लेकिन वह इस सीट पर कब्जा नहीं कर पाई। हालांकि यह कांग्रेस के लिए सुखद भी रहा। रामलाल ने कांग्रेस की हार का अंतर सवा लाख से कम कर डेढ़ हजार तक पहुंचा दिया। 

सांसद रिश्वत मामले में सुरेश चंदेल के पार्टी से बाहर होने के बाद धूमल फिर भाजपा के लिए विकल्प बने और उन्होंने दोबारा रामलाल ठाकुर को बडे़ अंतर से हरा दिया। इसके बाद धूमल ने फिर विधानसभा का रुख किया और मुख्यमंत्री पद पर रहते अपने बडे़ बेटे अनुराग ठाकुर को लोकसभा चुनाव में टिकट

दिलाया। वह दो बार पिता के मुख्यमंत्री रहते हमीरपुर से सांसद बने। अनुराग 2014 में देश में मोदी लहर के चलते तीसरी बार सांसद बने। इस तरह हमीरपुर संसदीय सीट पूर्व धूमल के इर्द-गिर्द घूमती रही है। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में 17 विधानसभा क्षेत्र हैं। इस बार विधानसभा में 10 सीटों पर भाजपा विधायक, छह पर कांग्रेस व एक पर आजाद उम्मीदवार विजयी रहे हैं। 


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