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LokSabha Election 2019: BIG ISSUE: करोड़ों खर्च कर भी उत्तर पियारपुर नहीं बना आदर्श गांव

उधवा प्रखंड के उत्तर पियारपुर पंचायत को आदर्श गांव के रूप में विकसित करने का प्रयास प्रारंभ किया गया पर यहां भी बुनियादी समस्या दूर करना बाकी है।

By Edited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 02:26 PM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 02:30 PM (IST)
LokSabha Election 2019: BIG ISSUE: करोड़ों खर्च कर भी उत्तर पियारपुर नहीं बना आदर्श गांव
LokSabha Election 2019: BIG ISSUE: करोड़ों खर्च कर भी उत्तर पियारपुर नहीं बना आदर्श गांव
साहिबगंज, धनंजय मिश्र। राजमहल लोकसभा क्षेत्र विकास को करोड़ों रुपये खर्च हुए परंतु गांवों को आदर्श बनाने को लेकर गंभीरता नहीं दिखी है। वर्तमान सांसद विजय हांसदा ने पहले पतना प्रखंड के सुदूर पहाड़ी क्षेत्र के तालझारी पंचायत को आदर्श गांव के रुप में विकसित करने का प्रयास किया गया परंतु पंचायत के 22 गांवों में अब भी बुनियादी समस्या बरकरार है। बाद में उधवा प्रखंड के उत्तर पियारपुर पंचायत को आदर्श गांव के रूप में विकसित करने का प्रयास प्रारंभ किया गया पर यहां भी बुनियादी समस्या दूर करना बाकी है। अब नीति आयोग ने आकांक्षी जिला के तौर पर साहिबगंज जिले के विकास का कार्य शुरू किया है। इसके तहत सबसे पहले बरहड़वा प्रखंड के 45, साहिबगंज प्रखंड के 32, पतना प्रखंड के 35, तालझारी प्रखंड के 50 एवं मंडरो प्रखंड के 45 गांवों को अति पिछड़ा गांव घोषित किया गया है।
सांसद निधि मद के 12.50 करोड़ रुपये हुए खर्च : बेरोजगारी की समस्या दूर करने के लिए सांसद के प्रयास से कोई बड़ा उद्योग लगा न ही गंगा पुल बना। साहिबगंज शहर के खासमहाल के काले कानून को भी दूर करने में सांसद को सफलता नहीं मिली है। राजमहल लोकसभा क्षेत्र के विकास के लिए सांसद निधि के मद में सांसद विजय कुमार हांसदा को 12.50 करोड़ रुपये प्राप्त हुआ है। ब्याज की राशि जोड़ दी जाए तो कुल मिलाकर 13.72 करोड़ की राशि अबतक उपलब्ध थी। इसमें से सबसे अधिक राशि साहिबगंज जिले को ही मिली है। परंतु जमीनी हकीकत यह है कि जंगलों के कीमती पेड़ों की जगह अब ठूंठ ही बच गया है। लोग झरना-जोरिया का पानी पीकर बीमारियों का शिकार होते हैं। गांवों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क की पहुंच अबतक नहीं है। सड़के अत्यंत जीर्ण-शीर्ण है। गांवों में आने-जाने के लिए पगडंडी का ही आसरा है। शिक्षा के प्रति गांव के लोगों में रुझान तो है। परंतु शहर से पहाड़ों पर चढ़ने वाले शिक्षक रोज नहीं पहुंच पाते हैं। क्या कहते हैं लोग 74 चेतना मंच साहिबगंज के संयोजक प्रदीप कुमार राय बताते हैं कि गांवों की कौन कहे शहरी जलापूर्ति योजना चालू नहीं हो सकी है। लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। अंजुमन नगर से शहर को हो रही जलापूर्ति बंद रहने की समस्या को लेकर प्रस्ताव पारित कर नगर परिषद जलापूर्ति के लिए दिया गया है परंतु समस्या दूर करने का कोई प्रयास नहीं हो रहा है। बोरियो प्रखंड के तेतरिया पहाड़ पर पहाड़िया आदिम जनजाति के बच्चों व अभिभावकों को अबतक स्वच्छता के प्रति जागरूक नहीं किया गया है। गंदगी से बीमारी पनप रही है। गांव के प्रधान चादों पहाड़िया ने बताया कि गांव में पेयजल की घोर किल्लत है। दोनों चापाकल खराब पड़े हैं। पीने के पानी के लिए लोगों को पहाड़ के नीचे जाना पड़ता है। गंदा पानी पीना पड़ता है। गांव के बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जाते हैं।
क्षेत्र के विकास के लिए प्रयासरत हूं। जितनी भी राशि मिली है सभी को पूरे क्षेत्र में वितरित किया है। अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के कारण साहिबगंज जिले की होने वाली बैठक में शामिल होकर विकास का गतिमान करने का पूरा प्रयास वे कर रहे हैं। उनके कार्यकाल में क्षेत्र का बुनियादी विकास किया गया है। लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने का वे भरसक प्रयास कर रहे हैं। राजमहल लोकसभा क्षेत्र में बुनियादी सुविधा के लिए अपने मद से राशि खर्च की है।
-विजय कुमार हांसदा, सांसद, राजमहल।

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