Phase 1 Lok Sabha Election : कोई पहली बार देखा VVPat तो कोई 1952 से करता आ रहा मतदान
बिहार में पहले चरण की वोटिंग खत्म हो गई है। लोकतंत्र के इस महापर्व की शुरुआत काफी अच्छी रही। युवा वोटरों में उत्साह देखते ही बना। महिलाएं भी बढ़-चढ़कर भाग ली। कई रंग नजर आए।
पटना [जेएनएन]। बिहार में पहले चरण की वोटिंग खत्म हो गई है। छिटपुट घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो लोकतंत्र के इस महापर्व की शुरुआत काफी अच्छी रही। युवा वोटरों में उत्साह देखते ही बना। पहले चरण में लोकसभा की चार सीटों गया, औरंगाबाद, जमुई और नवादा में मतदान हुआ। लोकतंत्र के इस महापर्व के पहले चरण में ही कई रंग देखने को मिल रहे हैं। चाहे बात जमुई की हो या फिर औरंगाबाद की अथवा गया या नवादा की। हर जगह मन को प्रफुल्लित करने वाले रंगों में लोग डुबकी लगाते दिखे।
1952 से हर बार, लगातार किया मतदान
बात करते हैं गया की। मतदान से खुद को दूर रखने वाले लोगों के लिए फतेहपुर पंचायत के इटमा निवासी हेमराज पासवान एक प्रेरणा हैं, जिनके लिए लोकतंत्र का यह महापर्व अति पावन है। उनकी उम्र 100 साल के करीब है। उन्होंने 1952 से लेकर अभी तक सभी चुनावों में मतदान किया है। गुरुवार को भी वे अपने पोते मुखिया टुनटुन पासवान के साथ वोट देने पहुंचे। उन्होंने बूथ संख्या 205 पर मतदान किया। वयोवृद्ध हेमराज पासवान ने कहा कि वे चला-चली की बेला में है, लेकिन मतदान के लिए उनका जोश किसी भी युवा से कम नहीं है। यही इस देश की ताकत है, जिसने एक-एक व्यक्ति को एक वोट का समान अधिकार दिया है। हमलोग इसे यहां तक लेकर आए, अब आज की पीढ़ी इसे और मजबूती दे। उन्होंने कहा कि मतदान का जो प्रतिशत होना चाहिए, वह नहीं है। इसे सब मिलकर बढ़ाएं। वे इसे बात से खफा थे कि लोगों की शिकायतें तो खूब होती हैं, पर वोट देने के लिए ही नहीं निकलते।
तो खेत में कराई गई वोटिंग
औरंगाबाद में गया जिले के भी कई विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। बात करते हैं औरंगाबाद में शामिल गया जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र प्राथमिक विद्यालय अनरबन सलैया बूथ का। यह बूथ जंगल और पहाड़ों की तराई में है। यहां जाने के लिए दुर्गम रास्ता है। यहां सभी मतदानकर्मी देव प्रखंड के ढिबरा थाना के बालूगंज कलस्टर से पहुंचे थे। सुबह सीआरपीएफ के अधिकारी नरेंद्र कुमार के साथ रहे सीआरपीएफ जवान की सुरक्षा में मतदानकर्मी बूथ पर पहुंचे तो बूथ के बरामदे के बाहर जमीन में नक्सलियों द्वारा लगाया गया केन बम को देखा। केन बम लगा देख मतदानकर्मी मतदान केंद्र से अलग हटकर खेत में वोटिंग कराई गई।
पहली बार वोटरों ने देखा EVM-VVPat
खास बात कि सलैया बूथ पर किसी भी दल के पोलिंग एजेंट नहीं थे। मतदानकर्मियों द्वारा वोट शुरू करने के लिए पोलिंग एजेंट की खोज की तो किसी भी प्रत्याशी का पोलिंग एजेंट नहीं पहुंचे। वोट देने पहुंचे गोपालडेरा गांव निवासी महेंद्र सिंह भोक्ता ने अपनी स्थानीय भाषा में कहा कि गांव में कोई वोट मांगे न अलथी हल। अनरबन सलैया निवासी भुनेश्वर सिंह भोक्ता, ललीता देवी, विजंती देवी अशिक्षित हैं, पर वोट का महत्व समझते हैं। कहा कि वोट हमर अधिकार हई। कोई वोट मांगे अलथी कि न, पर हमनी तो वोट देबई। कई ग्रामीणों ने बताया कि वे पहली बार ईवीएम और वीवीपैट मशीन से वोट दिए हैं। आज वे जंगल लकड़ी काटने और महुआ बीनने नहीं गए हैं, बल्कि वोट देने आए हैं।
युवाओं में चरम पर जोश, महिलाओं में भी उत्साह
उधर जमुई में गुरुवार को सूर्योदय के साथ नई ऊर्जा का संचार हुआ। वोटिंग के प्रति युवाओं, महिलाओं, दिव्यांगों का जोश देखते ही बन रहा था। यही वजह रही कि जमुई में वोट का परसेंटेज 54 परसेंट हो गया इस बार, जबकि 2014 में 50 परसेंट ही था। खासकर शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण इलाकों में वोटिंग को लेकर उत्साह ज्यादा था। हर वर्ग के मतदाताओं ने वोट डाले। हैदराबाद से वोट डालने आए शशिकांत मिश्रा का कहना था कि वोट को लेकर उनकी नींद गायब थी। सुबह वह स्नान करने के बाद मतदान करने अपने भाई के साथ गए। जमुई के हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक आदर्श बूथ बनाया गया था। वहां पहली बार वोट डालने वाले युवाओं को गुलाब का फूल भेंट किया जा रहा था। ग्रामीण इलाकों में मतदान केंद्रों पर महिलाओं की लंबी कतार देखी गई। आदर्श मतदान केन्द्र प्लस टू हाई स्कूल जमुई में वोट डालने आई महिला कुसुमलता देवी का कहना था कि पांच वर्षों में एक बार ही तो वोटरों को अपना हिसाब चुकाने का मौका मिलता है। यदि इस मौके का भी हम इस्तेमाल नहीं करेंगे तो जनतंत्र के प्रहरी नेता हमारी बात कैसे सुनेंगे। इसी मतदान केंद्र पर जिला जज पद्मा चौबे ने भी मतदान किया।
नवादा में बोगस वोटिंग रोकने को हवाई फायरिंग
छिटपुट घटनाओं को छोड़ दें तो नवादा लोकसभा क्षेत्र में स्थिति शांतिपूर्ण रही। घटनाओं के बीच भी लोग उत्साहित होकर घरों से वोट देने के लिए निकले। प्रशासन ने भी इसमें काफी मदद की। वोटरों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दी। शरारती तत्वों को खदेड़ दिया। नवादा के बरबीघा विधानसभा के बूथ नंबर 144 और 145 महबतपुर में बोगस वोटिंग रोकने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। इस दौरान पुलिस और शरारती तत्वों में जमकर रोड़ेबाजी हुई। नवादा विधानसभा क्षेत्र के सिसवां गांव में पुलिस और ग्रामीणों में झड़प हो गई। कौवाकोल प्रखंड के केवाली बूथ संख्या 215 पर असामाजिक तत्वों ने कंट्रोल यूनिट बॉक्स को नष्ट कर दिया। गोपालपुर में मतदान के दौरान दो पक्षों में झड़प हुई। इस दौरान बूथ पर सुरक्षा में तैनात एक पुलिस कर्मी जख्मी हो गए। गोविंदपुर बनिया बीघा मतदान केंद्र पर उपद्रवियों ने पथराव किया। इसके बाद भी लोगों में उत्साह बना रहा और 2014 से इस बार यानी 2019 मेें अधिक वोट डाले। इस बार 52.50 परसेंट लोगों ने वोट डाले, जबकि 2014 में वोटों का परसेंटेज 51.75 परसेंट रहा था।
कुल 44 उम्मीदवार हैं मैदान में
गौरतलब है कि पहले चरण में किस्मत आजमाने वाले दिग्गजों में गया सीट पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के विजय मांझी और महागठबंधन के उम्मीदवार व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी हैं। जबकि, औरंगाबाद में निवर्तमान सांसद व भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रत्याशी सुशील सिंह और महागठबंधन के घटक दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रत्याशी उपेंद्र प्रसाद हैं। नवादा सीट पर एनडीए की ओर से सूरजभान सिंह के भाई व लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) प्रत्याशी चंदन कुमार हैं। जबकि, महागठबंधन उम्मीदवार के रूप में राष्टीय जनता दल (RJD) के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी हैं। जमुई लोकसभा सीट पर महागठबंधन प्रत्याशी के रूप में राष्टीय लोक समता पार्टी (RLSP) से भूदेव चौधरी और एनडीए प्रत्याशी के रूप में एलजेपी के चिराग पासवान एक बार फिर किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं आज की वोटिंग में कुल 44 उम्मीदवार खड़े हैं।