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Lok sabha Election 2019: शिमला में 38 साल सोलन रहा सुल्तान

Lok Sabha Election 2019 शिमला संसदीय सीट के तहत तीन जिलों सोलन शिमला और सिरमौर के 17 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। वर्ष 1980 से 2014 तक सोलन के ही प्रत्याशियों ने लोकसभा की जंग लड़ी है।

By BabitaEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 08:19 AM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 08:19 AM (IST)
Lok sabha Election 2019: शिमला में 38 साल सोलन रहा सुल्तान
Lok sabha Election 2019: शिमला में 38 साल सोलन रहा सुल्तान

सोलन, सुनील शर्मा। केंद्र की राजनीति में सोलन का योगदान 38 साल से लगातार बना आ रहा है। विगत 10 चुनाव ऐसे हुए हैं जिनमें प्रमुख पार्टियों भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही प्रत्याशी जिला सोलन से ताल्लुक रखते रहे हैं। वर्ष 1980 से 2014 तक सोलन के ही प्रत्याशियों ने लोकसभा की जंग लड़ी है। माना जा रहा है कि इस बार भी सोलन का ही दबदबा रहेगा।

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शिमला संसदीय सीट के तहत तीन जिलों सोलन, शिमला और सिरमौर के 17 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। जिला सोलन भाजपा और कांग्रेस के लिए इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह शिमला और चंडीगढ़ के नजदीक और तेजी से विकसित होने वाला शहर है। इसके साथ ही यह शिमला और सिरमौर के केंद्र में है। सोलन जिला में ही प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र बद्दी-बरोटीवाला- नालागढ़ भी स्थापित है। इस कारण लोकसभा में सोलन का प्रतिनिधि होना समस्त प्रदेशवासियों के लिए फायदे का भी सौदा माना जाता है।

केडी ने लगाया जीत का छक्का

वर्ष 1980 में पहली बार सोलन जिला से कृष्ण दत्त सुल्तानपुरी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े और

उन्होंने लोकसभा में शिमला संसदीय क्षेत्र की आवाज को बुलंद किया। इसके बाद 1984, 1989, 1991, 1996 और 1998 तक केडी सुल्तानपुरी लगातार छह बार सांसद बने। वर्ष 1998 में सुल्तानपुरी ने भाजपा के वीरेंद्र कश्यप को पराजित किया। इसके बाद 1999 में फिर से लोकसभा के चुनाव हुए और इसमें हिमाचल विकास कांग्रेस (हिविकां) की टिकट पर कर्नल धनीराम शांडिल ने पहली बार ताल ठोंकी और

कांग्रेस प्रत्याशी गंगू राम मुसाफिर को पराजित किया।

2004 के चुनाव धनी राम शांडिल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे और भाजपा प्रत्याशी हीरानंद

कश्यप को पराजित कर दूसरी बार लोकसभा में कदम रखा। भाजपा का कमल 2009 में खिला। यहां मैदान

में फिर सोलन जिला के ही नेता थे जिनमें भाजपा की तरफ से वीरेंद्र कश्यप और कांग्रेस की तरफ धनीराम

शांडिल लगातार तीसरी बार हैट्रिक लगाने उतरे थे, लेकिन चुनाव नहीं जीत पाए। वर्ष 2014 के चुनाव में

कश्यप ने कांग्रेस नेता मोहन लाल ब्राक्टा को पराजित कर लगातार दूसरी जीत दर्ज की।

सोलन से फिर दावेदारी की तैयारी

लोकसभा चुनाव 2019 का रण तैयार है और फिर सोलन के नेताओं ने कमर कसी है। कांग्रेस सरकार की तरफ से इस बार पूर्व में सांसद रहे कृष्णदत्त सुल्तानपुरी के पुत्र विनोद सुल्तानपुरी और सोलन से वर्तमान में सांसद वीरेंद्र कश्यप के बीच मुकाबले के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि पूर्व में सांसद कर्नल धनीराम शांडिल की भी अटकलें तेज हैं। शिमला और सिरमौर जिला से भी कई नेता टिकट की दौड़ में शामिल हैं। हालांकि अभी आलाकमान पर ही निर्भर करेगा कि इस बार फिर लोकसभा का चुनावी अखाड़ा सोलन होगा या फिर शिमला या सिरमौर। 


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