लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ नहीं होगा कोयलांचल का सबसे ताकतवर राजनीतिक घराना!
सूरजदेव सिंह को काैन नहीं जानता है? उन्हीं के छोटे पुत्र हैं सिद्धार्थ। सूरजदेव सिंह ने झरिया विधानसभा क्षेत्र का लगातार चार बार चुनाव जीतकर 1977 से 1991 तक प्रतिनिधित्व किया।
धनबाद, मृत्युंजय पाठक। लोकसभा चुनाव- 2019 में भाजपा के साथ कोयलांचल का सबसे ताकतवर राजनीतिक घराना 'सिंह मैंशन' नहीं होगा। भाजपा की राजनीति में रहते हुए भी 'सिंह मैंशन' चुनावी रण में अलग झंडे और चिह्न के साथ खड़े होने की रणनीति पर काम कर रहा है। अगर ऐसा होता है तो यह धनबाद लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के लिए खतरे की घंटी होगी।
24 को शक्ति प्रदर्शनः जनता मजदूर संघ (कुंती गुट) के संयुक्त महामंत्री सिद्धार्थ गाैतम उर्फ मनीष सिंह ने धनबाद से लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। चुनाव से पहले अपने समर्थकों में जोश भरने के लिए मनीष ने 24 फरवरी को कोयला नगर के नेहरू कॉम्पलेक्स मैदान में जन चेतना रैली आयोजित की है। इस रैली को सफल बनाने के लिए जोर-शोर से लगे हैं। धनबाद शहर के साथ ही लोकसभा क्षेत्र के सभी विधानसभा क्षेत्रों को होर्डिंग और बैनर लगाकर समर्थकों से जन चेतना रैली में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने के लिए अपील की गई है। मार्के की बात यह है कि होर्डिंग पर पूर्व विधायक दिवंगत सूरजदेव सिंह, बलिया जिला परिषद के चेयरमैन रामधीर सिंह और पूर्व विधायक कुंती सिंह की तस्वीर है। लेकिन, भाजपा विधायक संजीव सिंह कहीं भी दिखाई नहीं दे रहे हैं। एक तरह से जन चेतना रैली कर मनीष शक्ति प्रदर्शन करना चाहते हैं। चुनाव से पहले समर्थकों की भीड़ जुटाकर राजनीतिक दलों को संदेश देना चाहते हैंं कि उनके पास प्रभावी जनाधार है। यह स्थापित राजनीतिक दलों से टिकट की दावेदारी की राजनीति भी हो सकती है।
काैन हैं सिद्धार्थ गाैतमः सूरजदेव सिंह को काैन नहीं जानता है? उन्हीं के छोटे पुत्र हैं सिद्धार्थ। सूरजदेव सिंह ने झरिया विधानसभा क्षेत्र का लगातार चार बार चुनाव जीतकर 1977 से 1991 तक प्रतिनिधित्व किया। सिद्धार्थ की माता कुंती सिंह भाजपा के टिकट पर दो बार 2005 और 2009 में झरिया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत चुकी हैं। वर्तमान में बड़े भाई संजीव सिंह झरिया से भाजपा के विधायक हैं। और अब उनके छोटे भाई धनबाद से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं।
योग्य समझती है तो भाजपा टिकट देः चुनाव लड़ने के सवाल पर सिद्धार्थ कहते हैं-मेरा परिवार राजनीतिक परिवार है। हम भी राजनीति करना चाहते हैं। लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे के सवाल पर कहते हैं कि अभी किसी से बात नहीं हुई है। निर्दलीय ही लड़ेंगे। क्या भाजपा विधायक और बड़े भाई संजीव सिंह से चुनाव लड़ने के सवाल पर बात हुई है, इस सवाल पर सिद्धार्थ कहते हैं-भैया जेल में हैं। इस मुद्दे पर उनके कोई बात नहीं हुई है। हां, घर में माता कुंती सिंह से जरूर बात हुई है। उनका आशीर्वाद मेरे साथ है। एक सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा अगर उन्हें योग्य समझती है तो टिकट दे, मैं चुनाव लड़ने को तैयार हूं।
नीरज हत्याकांड में जेल में बंद हैं विधायक संजीव सिंहः 21 मार्च 2017 को धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या के बाद भाई झरिया के भाजपा विधायक संजीव सिंह धनबाद जेल में बंद हैं। इस कारण उनकी गतिविधि जेल की चहारदीवारी के अंदर सिमट कर रह गई है। उनके जेल जाने के बाद राजनीतिक रूप से उनके भाई सिद्धार्थ ही झरिया विधानसभा में सक्रिय हैं। विधायक संजीव सिंह जिस घर में रहते हैं उसका नाम 'सिंह मैंशन' है।इसका निर्माण सूरजदेव सिंह ने करवाया था। धनबाद कोयलांचल सिंह मैंशन के समर्थकों की संख्या हजारों में हैं जो हर अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थिति में साथ खड़े रहते हैं। इन समर्थकों की भाजपा से थोड़ी नाराजगी है। इसका कारण यह है कि नीरज हत्याकांड के बाद सत्ताधारी पार्टी का विधायक होते हुए भी संजीव सिंह और उनके लोगों को राज्य सरकार और पुलिस से कोई राहत नहीं मिली। यह भी एक कारण है सिद्धार्थ के अलग राजनीतिक लाइन पकड़ने की।
भाजपा से इतर कोयला मजदूरों पर मजबूत पकड़ः धनबाद कोयलांचल की राजनीति में कोयला मजदूर व्यापक असर डालते हैं। इन मजदूरों पर 'सिंह मैंशन' की मजबूत पकड़ है। दरअसल, कोयलांचल में जनता मजदूर संघ सबसे अधिक मजदूरों की सदस्यता वाला संगठन है। इस संगठन का संचालन सिंह मैंशन से ही होता है। इससे जुड़े मजदूर सिंह मैंशन की बड़ी ताकत हैं।
सांसद पीएन सिंह के लिए चुनौतीः पीएन सिंह धनबाद लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। भाजपा सांसद सिंह की जीत सुनिश्चित करने में सिंह मैंशन अपनी महती भूमिका निभाता रहा है। अब जब सिंह मैंशन के प्रतिनिधि के रूप में सिद्धार्थ ने लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है तो इसका सबसे ज्यादा असर भाजपा पर ही पड़ेगा। सांसद पीएन सिंह की राजनीतिक सेहत प्रभावित हो सकती है। खासकर झरिया विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को वोटों का जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ सकता है।