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Lok Sabha Election 2019 : BIG ISSUE; सुविधाओं की ‘रेल’ जमशेदपुर में हो गई फेल

Lok Sabha Election 2019. रेल सेवा के मामले में जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र अब भी कई मायनों में काफी पिछड़ा हुआ है। वर्षों से यहां कई रेल परियोजनाएं लंबित हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 11 Apr 2019 12:06 PM (IST)Updated: Thu, 11 Apr 2019 12:06 PM (IST)
Lok  Sabha Election 2019 : BIG ISSUE;  सुविधाओं की ‘रेल’ जमशेदपुर में हो गई फेल
Lok Sabha Election 2019 : BIG ISSUE; सुविधाओं की ‘रेल’ जमशेदपुर में हो गई फेल

जमशेदपुर, मुजतबा हैदर रिजवी। Lok  Sabha Election 2019 रेल सेवा के मामले में जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र अब भी कई मायनों में काफी पिछड़ा हुआ है। वर्षों से यहां कई रेल परियोजनाएं लंबित हैं। यह पांच साल भी योजनाओं के शुरू होने और पूर्ण होने के इंतजार में ही बीत गए। कई छोटे रेलवे स्टेशनों पर आरक्षण काउंटर तक नहीं है। कहीं फुटओवर ब्रिज की मांग लंबित है, तो कहीं ट्रेन शुरू करने की। कहीं रेल लाइन बिछाने की, तो कहीं स्टेशनों पर सुविधाएं बढ़ाने की।

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एक लंबी फेहरिस्त है। सांसद विद्युत वरण महतो से वोटरों को बड़ी उम्मीदें थीं। उम्मीदों को पूरा भी किया, लेकिन अभी भी कई अधूरी हैं। यहां कई गांव ऐसे हैं जिनके लिए ट्रेन में सफर आज भी महज सपना है। खैर, अहम सवाल यह कि रेल सेवा सभी सियासी दलों के प्रत्याशियों के एजेंडे में क्यों नहीं है? जमशेदपुर से कोलकाता, मुंबई और वेल्लोर लोग इलाज कराने जाते हैं। इसलिए इन शहरों को जाने वाली ट्रेनों में एंबुलेंस कोच होने चाहिए। इसमें मरीज आसानी से मंजिल तक पहुंचेंगे। नागपुर पैसेंजर एसोसिएशन एंबुलेंस कोच की मांग 30 साल से कर रही है।

बिहार को कम ट्रेन, त्योहारों के समय होती मारामारी

जमशेदपुर में मूलरूप से बिहार के रहने वालों की आबादी ज्यादा है। इसलिए ये लोग बिहार के प्रमुख शहरों के लिए ट्रेन की मांग कर रहे हैं। टाटा नगर से बिहार के लिए प्रमुख ट्रेनों में दुर्ग से दानापुर तक जाने वाली साउथ बिहार एक्सप्रेस, टाटा-पटना सुपर, टाटा-छपरा और बिलासपुर-पटना सुपर फास्ट हैं। इनमें से बिलासपुर-पटना साप्ताहिक है। इस तरह, बिहार के लिए तीन नियमित ट्रेनें हैं। बिहार के कई शहर हैं जहां के लिए एक भी ट्रेन नहीं है। जमशेदपुर से भागलपुर, बक्सर, बेगूसराय और मिथिला क्षेत्र के सहरसा व दरभंगा के लिए सीधे ट्रेन नहीं है। शहर में मिथिला क्षेत्र के रहने वालों की खासी तादाद है। सीधे ट्रेन नहीं होने से इन लोगों को काफी दिक्कत होती है। टाटा-पटना वाया गया व जहानाबाद एक ट्रेन शहर को चाहिए। साथ ही एक टाटा से पटना के लिए एक शताब्दी ट्रेन की जरूरत है। टाटा-बक्सर के लिए रेलवे बोर्ड ने कहा कि बक्सर में वाशिंग लाइन नहीं होने की वजह से ट्रेन देना संभव नहीं है। लेकिन, अभी बक्सर में वाशिंग लाइन का निर्माण हो रहा है। अब बक्सर के लिए ट्रेन मिलनी चाहिए। छठ और होली जैसे त्योहारों में बिहार जाने के लिए ट्रेनों में इस कदर मारामारी होती है कि लोगों को शौचालय तक में घुस कर सफर करना पड़ता है।

टाटा-रांची रेल लाइन

कांड्रा-नामकुम रेल लाइन की घोषणा पूर्व रेल मंत्री ममता बनर्जी के कार्यकाल में हुई थी। 106 किलोमीटर लंबी प्रस्तावित रेल लाइन अब तक धरातल पर नहीं उतर सकी है। 1060 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित इस रेल लाइन का निर्माण होने से जमशेदपुर रांची से सीधे जुड़ जाएगा। अभी मुरी होकर रांची-जमशेदपुर की दूरी 167 किलोमीटर है। नई रेल लाइन बन जाने से ये दूरी 110 किमी बचेगी। इससे कई यात्रियों के समय की बचत भी होगी। खासकर उन लोगों को जो प्रतिदिनि अप-डाउन करते हैं। नागपुर पैसेंजर एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री दफ्तर से लेकर सीएम और सांसद से इस रेल लाइन की मांग उठाई लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हुई। इनमें नामकुम-कांड्रा रेल लाइन का प्रस्ताव काफी अहम है। इसके कई फायदे हैं। जमशेदपुर से रांची के लिए सीधे ट्रेन हो जाएगी। जमशेदपुर में एयरपोर्ट नहीं है। ये रेललाइन होने से शहर के लोग आराम से रांची पहुंच कर एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे। टाटा-रांची होते हुए दिल्ली के लिए नई राजधानी ट्रेन चल सकती है। ये तुलनात्मक रूप से भुवनेश्वर-दिल्ली राजधानी की तुलना में जल्दी पहुंचेगी।

चांडिल-पुरुलिया रेल लाइन का इंतजार

चांडिल-पुरुलिया रेल लाइन का भी इंतजार हो रहा है। ये रेल लाइन पटमदा और बोड़ाम होकर जानी है। इस रेल लाइन के बन जाने से जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र के पटमदा और बोड़ाम के लोगों को पुरुलिया जाने में आसानी हो जाएगी। सांसद विद्युतवरण महतो ने इस रेल लाइन की मांग रेल मंत्री से की थी लेकिन, अब तक इस पर कुछ नहीं हुआ है। वहीं स्थानीय लोगों ने कई बार इस संबंध में लोकसभा सदस्य विद्युत वरण महतो के अलावा कई जनप्रतिनिधियों से मांग की है, लेकिन अबतक उन्हें निराशा ही हाथ लगी है।

लंबित परियोजनाएं

जमशेदपुर के सांसद विद्युतवरण महतो।

  • जमशेदपुर शहर में छोटा गोविंदपुर फ्लाईओवर का निर्माण।
  • शहर के छोटा गोविंदपुर में रिजर्वेशन काउंटर का निर्माण।
  • छोटा गोविंदपुर क्षेत्र में फुट ओवर ब्रिज का निर्माण।
  • चांडिल से पटमदा होते पश्चिम बंगाल के पुरुलिया तक रेल लाइन।
  • रांची और टाटा के बीच नई रेल लाइन का निर्माण कार्य।

नहीं मिली यह ट्रेन

  • टाटानगर स्टेशन से पटना होते बक्सर स्टेशन तक एक्सप्रेस ट्रेन।
  • टाटानगर से वाया साहेबगंज भागलपुर तक एक्सप्रेस ट्रेन।

एक्सपर्ट व्यू

पार्टियां यदि गंभीर हो जाएं तो बढ़ जाएंगी रेल सुविधाएं

जमशेदपुर व आसपास के क्षेत्र के लोगों की उम्मीदें जायज हैं। रेल सुविधाओं में इजाफा होना ही चाहिए। इस शहर में देश बसता है। इसलिए रेल सेवाएं जनता की बुनियादी जरूरत बन गई हैं। यदि टाटानगर स्टेशन से हर शहर के लिए पर्याप्त संख्या में टेनों का परिचालन शुरू हो जाए तो बस किराया के नाम पर यात्रियों को जेब ढीली नहीं करनी पड़ेगी। बस का किराया कम हो जाएगा। रेलवे के सामने कई मांगें रखी गई हैं। रेलवे बोर्ड को भी प्रस्ताव भेजा गया है। दक्षिण पूर्व रेलवे के जीएम के सामने भी मांगें रखी गई हैं। लेकिन, रेलवे ने इन मांगों को अब तक गंभीरता से नहीं लिया है। अगर इन मांगों को गंभीरता से लेकर इन्हें धरातल पर उतार दिया जाए तो न सिर्फ जमशेदपुर, बल्कि पूरे झारखंड को फायदा होगा। चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों और सियासी दलों को इसे मुद्दा बनाना चाहिए।

- अरुण तिवारी, महासचिव, नागपुर पैसेंजर एसोसिएशन


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