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चुनाव महासमर 2019: कश्‍मीर में विकास के मसले गौण, 370 और अफस्पा का ही जोर

Election 2019 राज्य में चुनावी माहौल ज्यों-ज्यों गर्म हो रहा है विकास और अन्य मुद्दों की चर्चाएं बंद हो गई हैं और पूरा प्रचार केवल 370 35-ए पर आकर अटक गया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 05 Apr 2019 10:56 AM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2019 01:49 PM (IST)
चुनाव महासमर 2019: कश्‍मीर में विकास के मसले गौण, 370 और अफस्पा का ही जोर
चुनाव महासमर 2019: कश्‍मीर में विकास के मसले गौण, 370 और अफस्पा का ही जोर

जम्मू, राज्य ब्यूरो। राज्य में चुनावी माहौल ज्यों-ज्यों गर्म हो रहा है, विकास और अन्य मुद्दों की चर्चाएं बंद हो गई हैं और पूरा प्रचार केवल 370, 35-ए पर आकर अटक गया है। कांग्रेस का घोषणापत्र आने के बाद अफस्पा का मुद्दा सुर्खियां बटोर रहा है। जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय दलों को यह भावनात्मक मुद्दे रास आ रहे हैं और उम्मीद है कि अलगाववादी विचारधारा के करीब जाकर ही उन पर वोटों की बरसात होगी। भाजपा भी इस मसले पर फ्रंटफुट पर खेल रही है। इन सबके बीच आम कश्मीरी अपने मुद्दों को तलाश रहा है।

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कश्मीर केंद्रित सियासी दल पहले से ही जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे, सशस्त्र सेना विशेषाधिकार अधिनियम जैसे मुद्दों पर केंद्र के साथ एक दूसरे को भी निशाना बनाते रहे हैं। ऐसे हालात में कांग्रेस ने राज्य में धारा 370 बरकरार रखने व अफस्पा की नए सिरे से समीक्षा करवाने का दावा कर इस बहस को और तेज हर दिया।

अमित शाह ने प्रदेश में दौरे के दौरान कांग्रेस के साथ पीडीपी और एनसी की अलगाववादी समर्थक नीतियों को निशाने पर लिया था। इससे साफ था कि भाजपा राष्ट्रवादी वोटों को अपनी तरफ करने के लिए 370 के मुद्दे को हथियार बनाने से नहीं चूकेगी।

शाह के दौरे के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया। कांग्रेस व भाजपा के नेता अश्विनी चरंगू व बलवीर राम रत्न ने वीरवार को जम्मू में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर एक-दूसरे को निशाना बनाया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी विशेष दर्जे की पैरवी की। उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों को निशाना बनाते हुए दावा किया कि हालात की बेहतरी के लिए सभी वर्गों से बातचीत की जाएगी। भाजपा ने जोर दिया कि पार्टी विशेष दर्जे को हटाकर ही रहेगी। प्रदेश भाजपा का कहना है कि कश्मीर की पार्टियों ने अपने सियासी फायदे के लिए हालात बिगाडऩे की कोशिशें की। वे नहीं चाहती कि कश्मीर में लोग चैन से जी पाएं।

अफस्पा पर ट्वीटर पर भिड़े उमर- महबूबा

दूसरी ओर कश्मीर में आधार रखने वाली पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता महबूबा मुफ्ती व उमर अब्दुल्ला अफस्पा को लेकर ट्वीटर पर भिड़े। इन नेताओं ने अफस्पा के मुद्दे पर एक दूसरे को घेरने की कोशिश कर यह साबित करने का प्रयास भी किया कि उनमें से कश्मीरियों का बड़ा हिमायती कौन है।

 किसने क्या कहा

भाजपा प्रवक्ता अश्विनी चरंगू ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस व पीडीपी देश विरोधी मुद्दों को तूल देकर ब्लैकमेल व धमकाने की राजनीति कर रही हैं। भाजपा इन राजनीतिक पार्टियों के देश को नुकसान पहुंचाने वाले एजेंडों को कामयाब नहीं होने देगी। वर्ष 2020 में संसद के दोनों सदनों में भाजपा का बहुमत होगा। ऐसे में 370 और 35ए को खत्म किया जाएगा। 

 नेशनल कांफ्रेंस उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अमित शाह व महबूबा मुफ्ती अफस्पा पर झूठ बोल रहे हैं। पीडीपी कभी भी अफस्पा को हटाना नहीं चाहती थी व अमित शाह ने अफस्पा को लेकर पीडीपी से समर्थन वापस नहीं लिया था। महबूबा ने विधानसभा में अपने भाषण में कहा था कि अफस्पा हटाने की उनकी कोई मंशा नहीं है।

पीडीपी प्रधान महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैं अपने मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान अफस्पा को हटाने का मुद्दा जोरशोर से उठाया था। वर्ष 2017 में हुए कान्कलेव में भी मैने इस हटाने की पैरवी की थी। ये समय झूठ व अफवाहें फैलाने का है। केंद्र के पास कश्मीर में सख्ती करने के सिवाय कुछ नहीं है। उन्हें सिर्फ कश्मीर चाहिए, कश्मीरी नहीं।

 कांग्रेस नेता  गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का एक अटूट अंग है। धारा 370 बीते 70 सालों से बरकरार है और यह आगे भी रहेगी। इसे भंग नहीं किया जा सकता। हालात के आधार पर ही सुरक्षाबलों को हटाने या घटाने की प्रक्रिया अपनायी जाएगी।


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