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Lok Sabha Election: पांच सीटों पर NDA को मिलेगा मौका या महागठबंधन लगाएगा चौका

Lok Sabha Election लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में आज पांच सीटों पर मतदान हुआ। इन पांचों सीट पर जदयू और कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। साथ में राजद भी लाइन में है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 11:18 AM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 10:29 PM (IST)
Lok Sabha Election: पांच सीटों पर NDA को मिलेगा मौका या महागठबंधन लगाएगा चौका
Lok Sabha Election: पांच सीटों पर NDA को मिलेगा मौका या महागठबंधन लगाएगा चौका
पटना [जेएनएन]। बिहार में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की पांच लोकसभा सीटों पर कुल 68 प्रत्याशी मैदान में हैं। इस चरण में सबसे बड़ी परीक्षा राष्‍ट्रीयजनतांत्रिक गठबंधन (एनडीेए) के घटक दल जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के लिए है। दूसरे दौर वाले इलाकों में दोनों गठबंधनों (राजग और महागठबंधन) में मुख्य रूप से जदयू और कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।
सीमांचल और अंग क्षेत्र में आने वाली इन  सीटों पर 2014 के लोकसभा चुनाव में इन पांच में से महज एक सीट जदयू के खाते में गई थी। भाजपा को इस पूरे इलाके ने निराश किया था। किशनगंज में कांग्रेस और कटिहार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने परचम लहराया था।
पिछली बार एनडीए को इन पांच सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा था
बिहार की जिन पांच सीटों -किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, बांका और भागलपुर- के लिए 18 अप्रैल को मतदान हुआ है, उन सभी पर पिछले चुनाव में नरेंद्र मोदी की आंधी के बाद भी एनडीए को हार का मुंह देखना पड़ा था। भाजपा ने यही देखते हुए शायद अपने सहयोगी दल जदयू को इन पांचों सीट से जीत का खाता खोलने की जिम्मेदारी सौंपी है। इन पांचों लोकसभा सीटों पर जदयू के ही उम्मीदवारों को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वो जीत का सेहरा एनडीए के सिर बांधें।
भागलपुर और किशनगंज में एक भी महिला उम्मीदवार नहीं 
दूसरे दौर के पांच संसदीय क्षेत्रों (भागलपुर, बांका, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार) में मंगलवार शाम से चुनाव प्रचार थम गया। इस दौर में वैसे तो 68 दावेदार हैं, लेकिन मुकाबले में महज 12 टिक रहे। भागलपुर और किशनगंज में एक भी महिला उम्मीदवार नहीं हैं।
भागलपुर, पूर्णिया और कटिहार में आरपार की लड़ाई है, जबकि किशनगंज और बांका में त्रिकोणीय संघर्ष। 18 मई को मतदाता उन सबकी किस्मत तय कर देंगे। मतदान के लिए पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए हैं। दूसरे दौर वाले इलाकों में दोनों गठबंधनों (राजग और महागठबंधन) में मुख्य रूप से जदयू और कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।
कांग्रेस और जदयू की प्रतिष्ठा लगी है दांव पर  
इस बार कटिहार के निवर्तमान सांसद तारिक अनवर कांग्रेस में वापसी कर चुके हैं। मैदान में उनके मुकाबले जदयू के दुलालचंद गोस्वामी हैं। गोस्वामी राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं और तारिक अनवर केंद्र सरकार में मंत्री। कोई तीसरा कोण नहीं। यहां आरपार की लड़ाई को राष्ट्रवाद और भावनात्मक मुद्दे को धार दे रहे।
कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा की दूसरी सीट किशनगंज है, जहां मो. जावेद आजाद ताल ठोक रहे। वे अभी विधायक हैं। उनकी राह रोकने लिए जदयू ने महमूद अशरफ को लगा रखा है। मुस्लिम बहुल इस इलाके में अपनी पकड़-पहचान साबित करने के लिए हैदराबाद के ओवैसी भी हाथ-पांव मार रहे।
हैदराबाद के ओवैसी भी मैदान में डटे
अपनी पार्टी एआइएमआइएम की ओर से वे अख्तरुल ईमान को मैदान में उतारे हुए हैं। ये वही अख्तरुल हैं, जो पिछली बार ऐन चुनाव के बीच जदयू को दगा दे गए थे। मैदान छोड़कर भाग खड़े हुए थे। तब रणछोड़ कहलाए थे। इस बार किशनगंज के मुकाबले को त्रिकोणीय बनाए हुए हैं।
इन सीटों पर है कांटे की लड़ाई
पूर्णिया में पिछली बार जदयू के टिकट पर संतोष कुमार कुशवाहा विजयी रहे थे। भाजपा के उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह तब हैट्रिक लगाने से चूक गए थे। इस बार वे कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। पिछली बार कांग्रेस के कारण यहां की लड़ाई त्रिकोणीय थी। इस बार आर पार का मुकाबला है। पार्टियों के साथ उम्मीदवारों की साख पर भी वोट मांगे जा रहे।
साख की एक ऐसी ही लड़ाई बांका में लड़ी जा रही, लेकिन वहां मुकाबला त्रिकोणीय है। भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुकी पुतुल कुमारी बगावत कर निर्दलीय मैदान में हैं। वे इस इलाके का प्रतिनिधित्व भी कर चुकी हैं। उनके पति दिग्विजय सिंह भी सांसद रह चुके हैं और इलाके में उनका एक प्रभाव था।
पिछली बार यहां राजद से विजयी रहे जयप्रकाश नारायण यादव इस बार भी उम्मीदवार हैं। जदयू के गिरिधारी यादव अभी विधायक हैं, लेकिन कभी वे भी सांसद हुआ करते थे। कड़े संघर्ष का सहज आकलन कर सकते हैं।
बांका से सटे भागलपुर में गलाकाट प्रतिस्पद्र्धा है। पिछली बार सीट राजद के खाते में गई थी। भाजपा के शाहनवाज हुसैन मामूली वोटों के अंतर से मात खाए थे। तब शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल सांसद बने थे। बुलो मंडल इस बार भी राजद के उम्मीदवार हैं।
जदयू के अजय कुमार मंडल उनसे मुकाबला कर रहे। दोनों एक ही बिरादरी के हैं, लिहाजा एक-एक वोट को सहेज रखने की चुनौती बढ़ गई है। गनीमत यही कि कोई तीसरा-चौथा कोण नहीं। 
पुख्ता प्रबंध
स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से मतदान के लिए सुरक्षा के साथ ही दूसरे इंतजाम भी मुकम्मल हैं। बुधवार को मतदान कर्मी बूथों की ओर कूच करेंगे। निगरानी से आपात स्थिति के लिए हेलीकॉप्टर और एयर एंबुलेंस की तैनाती की गई है।
प्रचार प्रपंच
प्रचार के आखिरी दिन दोनों गठबंधनों की ओर से स्टार प्रचारक पसीना बहाते रहे। राजग की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी आदि ने सभाएं कीं। संप्रग की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, सिने स्टार व पूर्व केंद्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव वोट मांगते रहे। 
पांचों लोकसभा क्षेत्र के चुनावी परिदृश्य पर डालते हैं एक नजर...
कुल मतदाता: 8552274
मतदान केंद्र: 8644 
कुल प्रत्याशी: 68
कुल सीटें: 05
किशनगंज
कुल मतदाता -16,52,940
पुरुष - 8,55,667
महिला- 7,97,215
थर्ड जेंडर- 58
मतदान केंद्र- 1626
कटिहार
कुल मतदाता -16,45,713
पुरुष- 8,71,731
महिला- 7,73,884
थर्ड जेंडर- 98
मतदान केंद्र- 1,667
पूर्णिया
कुल मतदाता- 17,53,704
पुरुष -9,10,001
महिला- 8,43,648
थर्ड जेंडर- 52
मतदान केंद्र- 1,758 
भागलपुर

कुल मतदाता-18,11,980
पुरुष 9,58,871
महिला- 8,53,037
थर्ड जेंडर- 72
मतदान केंद्र 1,777
बांका
कुल मतदाता- 16,87,940
पुरुष-8,96,329
महिला- 7,91,591
थर्ड जेंडर 20
मतदान केंद्र- 1,816

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