Lok Sabha Election 2019: सरगुजा में मतदाता वोट की चोट से नक्सल हिंसा को देंगे मात!
Lok Sabha Election 2019 सरगुजा सीट पर मंगलवार को मतदान हो रहा है। यहां भाजपा और कांग्रेस में सीधी लड़ाई बताई जा रही है। नक्सल प्रभावित इस इलाके में बंपर वोटिंग की उम्मीद है।
नई दिल्ली, जेएनएन। छत्तीसगढ़ की नक्सल प्रभावित सरगुजा लोकसभा सीट पर तीसरे चरण के तहत मंगलवार को मतदान हो रहा है। यहां पर अभी भाजपा का कब्जा है। यहां से वर्तमान सांसद का टिकट भाजपा ने काटकर रेणुका सिंह को मैदान में उतारा है। उनकी लड़ाई कांग्रेस के खेल साईं सिंह से है।
माना जा रहा है कि इन दोनों प्रत्याशियों में ही मुख्य मुकाबला है। हालांकि विभिन्न दलों के दस प्रत्याशी मैदान में हैं। पिछली बार इस सीट पर बंपर मतदान हुआ था। इस बार मतदान को प्रभावित करने के लिए हाल ही में नक्सलियों ने क्षेत्र में दहशत फैलाई है। पिछली बार की तरह ही क्या इस बार भी लोग मतदान करने के लिए अपने घरों से बाहर निकलेंगे और हिंसा पर वोट की चोट करेंगे।
भाजपा के लिए मुसीबत बनी हुई है कांग्रेस
सरगुजा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा 2004 से लगतार जीत हासिल करती रही है। इस बार यहां से मौजूदा सांसद कमलभान सिंह मराबी का टिकट काटकर रेणुका सिंह सरुता को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है। मराबी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में 5 लाख 85 हजार 336 वोट हासिल किए थे। जबकि कांग्रेस के राम देव राम को 4 लाख 38 हजार 100 वोटों से संतोष करना पड़ा था। हालांकि पिछले विधानसभा चुनावों में यहां से भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है।
चुनावी जानकारों के अनुसार इस लोकसभा क्षेत्र में आने वाली सभी विधानसभा क्षेत्रों पर कांग्रेस का कब्जा है। ऐसे में जमीनी स्तर पर कांग्रेस का पलड़ा भारी नजर आता दिख रहा है। जानकारों को डर है कि भाजपा को मौजूद सांसद का टिकट काटना कहीं भारी न पड़ जाए।
पार हो सकता है 75 फीसदी मतदान का आंकड़ा
यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित इलाकों में गिना जाता है। हाल के दिनों इस लोकसभा क्षेत्र में नक्सलियों ने चुनाव प्रक्रिया प्रभावित करने के इरादे से दहशत फैलाई थी। हालांकि, जानकार मानते हैं कि मतदान प्रक्रिया और मतदान प्रतिशत पर इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है। लोग खुलकर मतदान करने पहुंचेंगे। पिछले चुनावों में मतदान प्रतिशत का आंकड़ा देखें तो पता चलता है कि साल 2014 में यहां पर बंपर वोटिंग हुई थी।
2014 में इस लोकसभा सीट पर 75.92 फीसदी मतदान हुआ था। इसी तरह 2009 में भी यहां लोगों ने मतदान में हिस्सा लेते हुए 61.62 फीसदी मतदान किया था। जानकार मानते हैं कि लोग घरों से निकलेंगे और अपने वोट की चोट से नक्सल हिंसा का मुंहतोड़ जवाब देंगे। इस सीट पर 15 लाख 23 हजार मतदाता हैं।