Move to Jagran APP

Lok Sabha Election 2019 : साक्षी महाराज ने टिकट पाने के लिए चला ऐसा दांव कि मंद पड़ गए विरोध के सुर

विरोध और पेशबंदी के बाद भी बना लिया रास्ता नेतृत्व को जीत का समीकरण समझाकर फिर से पाया उन्नाव सीट से टिकट।

By AbhishekEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 02:19 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 05:07 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019 : साक्षी महाराज ने टिकट पाने के लिए चला ऐसा दांव कि मंद पड़ गए विरोध के सुर
Lok Sabha Election 2019 : साक्षी महाराज ने टिकट पाने के लिए चला ऐसा दांव कि मंद पड़ गए विरोध के सुर
उन्नाव, जागरण संवाददाता। तमाम विरोध और पेशबंदियों के बाद भी उन्नाव से फिर टिकट पाकर साक्षी महाराज ने साबित कर दिया कि वह सियासत के भी 'महाराज' हैं। विधानसभा चुनाव के बाद से पार्टी के भीतर पनपते विरोध और चुनाव के ठीक पहले फिर से टिकट के दावे के खिलाफ हुई पेशबंदी के बीच सांसद ने पार्टी आलाकमान को जीत का समीकरण समझा कर अपने लिए राह बना ही ली। एक बार फिर पिछड़ी जातियों का समीकरण उनके काम आ गया।
लोकसभा चुनाव के एलान के ठीक बाद साक्षी महाराज द्वारा प्रदेश नेतृत्व को लिखे पत्र के वायरल होने से साफ था कि पार्टी में इस बार फिर उन्नाव की टिकट को लेकर सब ठीक नहीं था। सांसद का पार्टी भीतर ही विरोध और पेशबंदियों का दौर तो विधानसभा चुनाव के बाद ही शुरू हो गया था। हालांकि विपरीत हालात में भी खुद के लिए रास्ता बना लेने में माहिर साक्षी महाराज ने संसदीय सीट पर खुद को पिछड़ों में इकलौता जन प्रतिनिधि साबित करने के साथ जीत का समीकरण समझाकर पार्टी आला कमान को मना लिया है। यह भी बता दिया उनके न होने से क्या नुकसान हो सकता है। प्रदेश नेतृत्व को लिखे जिस पत्र को वायरल करके उनको 'बागी' और अनुशासनहीन साबित करने की कोशिश की गई उसी को उन्होंने हथियार बना लिया।
पिछड़े मतदाता बने ढाल
प्रदेश नेतृत्व को लिखे पत्र में साक्षी महाराज जो तथ्य रखे उनको पार्टी आलाकमान ने गंभीरता से लिया। पत्र में सांसद ने बताया था कि उनके अलावा जिले में ओबीसी का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ ही तीन विधायक क्षत्रिय, दो विधायक ब्राह्मण, अनुसूचित जाति के दो और एक विधायक के वैश्य होने का तर्क देते हुए खुद को पिछड़ों का इकलौता प्रतिनिधि बताया था। साथ ही उन्होंने तकरीबन 22 लाख मतदाताओं में 10 लाख पिछड़े मतदाता होना बताया।
ब्राह्मण के दावे को किया कुंद
सपा-बसपा गंठबंधन में उन्नाव संसदीय सीट सपा के खाते में आने के बाद उसने भले अभी तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया पर साक्षी ने जरूर अपने पत्र में लिखा था कि 2014 में सपा का ब्राह्मण प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहा था उसको उन्होंने तीन लाख पंद्रह हजार वोटों से हराकर जीत जीत दर्ज की थी। उसी को फिर से टिकट मिलने की पूरी संभावना है। इस तरह से उन्होंने ब्राह्मण नेता के दावे को भी आंकड़ों के साथ कुंद किया और वह उनके पक्ष में गया भी। 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.