जयंत चौधरी ने लगाया अटकलों पर विराम, कहा- हम सपा-बसपा गठबंधन के साथ
जयंत चौधरी ने साफ कर दिया कि वह आने वाले चुनावों में सपा और बसपा के साथ ही खड़े दिखाई देंगे। आज पार्टी की ओर से इस बाबत एक पत्र भी जारी किया गया है।
लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा में देश को सर्वाधिक सांसद देने वाले उत्तर प्रदेश पर सभी की निगाहें हैं। उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन के बाद कांग्रेस के अकेले सभी 80 सीटों पर चुनाव लडऩे के बाद आज राष्ट्रीय लोकदल ने भी अपना रुख साफ कर दिया है। पार्टी के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन के साथ हैं।
लोकसभा चुनावों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में गहमा गहमी का माहौल है। सपा-बसपा के गठबंधन और कांग्रेस के अकेले लडऩे के फैसले के बाद यहां पर राष्ट्रीय लोकदल को लेकर काफी अटकलें लग रही थीं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मजबूत पैठ रखने वाले राष्ट्रीय लोकदल ने अपना पत्ता खोल दिया है। अटकलों पर विराम लगाते हुए पार्टी की बागडोर संभाल रहे जयंत चौधरी ने साफ कर दिया कि वह आने वाले चुनावों में सपा और बसपा के साथ ही खड़े दिखाई देंगे। जयंत चौधरी ने साफ कर दिया कि वह समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी के साथ ही चलेंगे। आज पार्टी की ओर से इस बाबत एक पत्र भी जारी किया गया है।
पत्र में कहा गया कि राष्ट्रीय लोकदल भाजपा सरकार के किसान, युवा तथा दलित विरोधी नीतियों के विरोध के लिए प्रभावी विपक्षी एकता के पक्ष में लगातार काम कर रहा है। सपा-बसपा के साथ गठबंधन करके ही जनता की उम्मीदों के अनुरूप मजबूत राजनीतिक विकल्प तैयार किया जा सकता है।
जयंत चौधरी ने कहा कुछ मीडिया रिपोर्ट और सोशल मीडिया से बीते कई दिनों से भ्रम फैला रह है। सर्वविदित है कि राष्ट्रीय लोकदल समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन का हिस्सा है। राष्ट्रीय लोकदल के सभी कार्यकर्ताओं को राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह ने पहले ही निर्देश दिया है कि वह जनता के बीच जाकर सपा-बसपा गठबंधन के लिए समर्थन मांगे। देश को प्रगतिशील बनाने के लिए लोग लोकदल भविष्य में भी समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी के साथ चलेगा। आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि सीटों का मसला नहीं है। सवाल हमारे विश्वास का है। सवाल रिश्तों का है और दोनों बहुत मजबूत है।
उन्होंने कहा फिलहाल समाजवादी पार्टी हमारी पार्टी को तीन सीट देने के लिए तैयार है। अब राष्ट्रीय लोकदल चौथी सीट पाने के प्रयास में है। सपा-बसपा गठबंधन तो राष्ट्रीय लोकदल को मुजफ्फरनगर और बागपत सीट आरएलडी को देने को तैयार था। अब मथुरा सीट के लिए भी राजी हो गया है। मुजफ्फरनगर से अजीत सिंह, बागपत से जयंत चौधरी चुनाव लडऩा चाहते हैं। सपा की पेशकश है कि मथुरा से आरएलडी के टिकट पर समाजवादी पार्टी के किसी नेता को लड़ाया जाए। आरएलडी को उम्मीद है कि इस फॉर्मूले पर उसे सपा से एक सीट और मिल जाएगी।
समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार तबस्सुम हसन आरएलडी के निशान पर कैराना लोकसभा का चुनाव लड़के जीती थीं। अजीत सिंह चाहते हैं कि कुछ उसी तरह चौथी सीट भी पार्टी को मिल जाए। जयंत चौधरी ने कहा कि कैराना में हमने एक दूसरे के साथ तालमेल बनाया। वह सफल साबित हुआ है।