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कई मायनों में खास रहा है यह लोकसभा चुनाव, अब सभी की है नतीजों पर निगाह

लोकसभा चुनाव परिणाम को लेकर सभी लोगों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। इस बार यह चुनाव कई मायनों में बेहद खास रहा है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 19 May 2019 07:35 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 09:02 AM (IST)
कई मायनों में खास रहा है यह लोकसभा चुनाव, अब सभी की है नतीजों पर निगाह
कई मायनों में खास रहा है यह लोकसभा चुनाव, अब सभी की है नतीजों पर निगाह

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। लोकसभा चुनाव के परिणाम जानने के लिए हर कोई बड़ा उत्‍सुक है। हालांकि सभी सीटों के परिणाम घोषित होने में शाम या देर शाम का समय लग सकता है, लेकिन फिलहाल शुरुआती रुझानों को लेकर भी लोगों में काफी उत्‍सुकता दिखाई दे रही है। हर कोई जानने के लिए बेताब है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में भाजपा इस बार कितनी आगे निकलेगी और कांग्रेस समेत दूसरे गठबंधनों का क्‍या होगा। बहरहाल, इन सभी के बीच इस बार का यह चुनाव कई मायनों में खास रहा है। आईये आप भी एक नजर जरा देख लें कि आखिर कैसे यह चुनाव हम सभी के लिए बेहद खास रहा है।

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  1. चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री मोदी पर बनी फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी' को चुनाव के बीच रिलीज करने से रोक दिया।
  2. बांग्लादेश के अभिनेता फिरदौस अहमद को पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के लिए कथित तौर पर चुनाव प्रचार करने से जब विवाद हुआ तो केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें भारत छोड़ने का आदेश दे दिया।
  3. लोकसभा चुनाव के इतिहास में पहली बार जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग सीट पर सुरक्षा कारणों से तीन चरणों में मतदान करवाया गया। यह मतदान 23 अप्रैल, 29 अप्रैल और 6 मई को हुआ।
  4. पहली बार इस चुनाव में प्रियंका गांधी ने कांग्रेस की नेता और पदाधिकारी के तौर पर यूपी समेत दूसरे राज्‍यों में मोर्चा संभाला और चुनावी सभाएं भी की। सुल्तानपुर में कांग्रेस प्रत्‍याशी का प्रचार करते हुए उनका सामना मेनका गांधी से भी हुआ।
  5. इस बार लोकसभा चुनाव के दौरान पहले से ज्‍यादा नगदी और नशीली दवाएं जब्‍त की गईं।
  6. इस बार आम चुनाव में 8.6 अरब डॉलर खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। चुनाव पर नजर रखने वाले दिल्ली के सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) ने यह अनुमान लगाया है, जो वर्ष 2014 के चुनाव से करीब दोगुना है। 2014 में करीब 3870 खर्च हुए थे।
  7. 1980 के दशक के बाद यह पहला चुनाव था जो लालू की गैरमौजूदगी में लड़ा गया। इस बार लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया।
  8. पीएम मोदी के 26 अप्रैल को वाराणसी सीट से नामांकन के दौरान पूरा एनडीए साथ खड़ा हुआ। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लोजपा नेता रामविलास पासवान और अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल भी वाराणसी पहुंचीं।
  9. फेक न्यूज और सोशल मीडिया के बढ़ते दुष्प्रभाव को देखते हुए आयोग ने एलान किया कि सोशल साइट पर विज्ञापन के पहले चुनाव आयोग की मंजूरी लेनी होगी।
  10. पहली बार इस चुनाव में राहुल गांधी ने बतौर कांग्रेस अध्यक्ष पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया। इसमें 22 लाख नौकरियों देने समेत कई दूसरे वादे भी किए गए।
  11. पीएम मोदी के करीबी और भाजपा अध्‍यक्ष अमित ने इस बार पहली दफा लोकसभा चुनाव लड़ा। वह अहमदाबाद लोकसभा सीट से मैदान में उतरे जहां से 2014 में लाककृष्‍ण आडवाणी जीते थे।
  12. चौकीदार चोर है के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मैं भी चौकीदार अभियान छेड़ा। उन्होंने दिल्ली में तालकटोरा स्टेडियम से 500 जगहों पर इकट्ठा चौकीदारों, पेशेवरों और पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उनकी इस मुहिम के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं समेत सांसदों ने अपने आगे मैं भी चौकीदार जोड़ लिया।
  13. सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और बसपा प्रमुख मायावती 25 साल बाद मैनपुरी की जनसभा में एक मंच पर दिखे। 1995 में हुए गेस्टहाउस कांड के बाद दोनों पार्टियों की राहें जुदा हो गई थीं। यूपी में 1993 के विधानसभा चुनाव के बाद यह पहला मौका रहा जब मायावती ने मुलायम के लिए वोट मांगे।
  14. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने एक ही दिन चुनाव प्रचार के लिए अपना थीम सॉन्ग जारी किया।
  15. दक्षिण भारत में पार्टी की पैठ मजबूत बनाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चार अप्रैल को केरल की वायनाड लोकसभा सीट से पर्चा भरा। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने साल 1978 में कर्नाटक के चिकमंगलूर से चुनाव लड़ा था।
  16. भोपाल से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा के नाथूराम गोडसे और महात्‍मा गांधी पर दिए बयान को लेकर पीएम मोदी ने उन्‍हें कभी माफ न करने वाला बयान सार्वजनिक तौर पर दिया। प्रज्ञा को अपने कई बयानों को लेकर माफी भी मांगनी पड़ी।
  17. पहली बार इस चुनाव में आयोग में मतभेद साफतौर पर उभरकर सामने आए। आयोग द्वारा पीएम मोदी और अमित शाह को क्‍लीन चिट देने के मुद्दे पर चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने असहमति जताई। उन्‍होंने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को पत्र लिखकर मांग की कि आयोग के फैसलों में आयुक्तों के बीच मतभेद को भी आधिकारिक रिकॉर्ड पर शामिल किया जाए। उनका यह पत्र इस लिहाज से भी बेहद खास था क्‍योंकि वह देश के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त बनने की कतार में शामिल हैं।
  18. पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान हिंसा पर कड़ा रुख अपनाते हुए आयोग राज्य सीआईडी के एडीजी और गृह विभाग के प्रधान सचिव को पद से हटा दिया। साथ ही सातवें चरण के लिए चुनाव प्रचार तय तारीख से एक दिन पहले ही खत्म कर दिया।
  19. इस लोकसभा चुनाव में पहली बार भाजपा के दिग्‍गज नेता कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, उमा भारती ने चुनाव नहीं लड़ा।
  20. लोकसभा चुनाव के बीच 21 विपक्षी पार्टियों ने ने 50 फीसद ईवीएम मशीनों में वीवीपैट होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पु‍नर्विचार याचिका दायर की जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
  21. चुनाव आयोन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बनारस से खड़े बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव का नामांकन खारिज कर दिया। तेज ने दो नामांकन पत्र भरे थे, इनमें से एक निर्दलीय तो दूसरा गठबंधन उम्‍मीदवार के तौर पर था। इसके अलावा शपथ पत्र में भी उसने गलत जानकारी दी थी, जिसके आधार पर उसका नामांकर रद कर दिया गया।
  22. चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाओं को रोकने में नाकाम रहने पर राज्‍य सीआईडी के एडीजी और गृह विभाग के प्रधान सचिव को हटा दिया। इतना ही नहीं सातवें चरण के लिए प्रचार को  भी तय समय से पहले ही खत्‍म कर दिया गया।
  23. तेलंगाना की निजामाबाद सीट से कुल 185 प्रत्‍याशी मैदान में थे। प्रत्‍याशियों की संख्‍या को देखते हुए यहां पर 26 हजार ईवीएम मंगाई गई थीं।
  24. यह लोकसभा चुनाव नेताओं द्वारा दिए गए विवादित बयानों के लिए भी हमेशा याद रहेगा। 
  25. 21वीं सदी में पैदा हुए युवाओं ने पहली बार इस चुनाव में हिस्‍सा लिया। इस बार आम चुनाव में करीब नौ करोड़ नए वोटर थे, जबकि 2014 के चुनाव में दस करोड़ से ज्‍यादा युवा मतदाता सूची में शामिल किए गए थे।

आखिर कौन है ये शख्स जिसकी हर कोई कर रहा ट्विटर पर तारीफ, राष्ट्रपति भी हुए कायल  

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