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LokSabha News 2019: RLD ने घोषित किए तीन उम्मीदवार, मुजफ्फरनगर से चौधरी अजित सिंह लडेंगे चुनाव

रालोद अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह मुजफ्फरनगर से चुनाव लड़ेंगे। वहीं उनके बेटे व पार्टी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी बागपत से उम्मीदवार होंगे।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 02:12 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 02:12 PM (IST)
LokSabha News 2019: RLD ने घोषित किए तीन उम्मीदवार, मुजफ्फरनगर से चौधरी अजित सिंह लडेंगे चुनाव
LokSabha News 2019: RLD ने घोषित किए तीन उम्मीदवार, मुजफ्फरनगर से चौधरी अजित सिंह लडेंगे चुनाव

लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए राष्ट्रीय लोकदल ने सपा-बसपा गठबंधन में अपने तीनों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। मंगलवार को जारी इस सूची में रालोद अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह मुजफ्फरनगर से चुनाव लड़ेंगे। वहीं, उनके बेटे व पार्टी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी बागपत से उम्मीदवार होंगे। वहीं, मथुरा से कुंवर नरेंद्र सिंह चुनावी मैदान में होंगे।

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बता दें, यूपी में हुए गठबंधन में रालोद के हिस्से मुजफ्फरनगर, बागपत व मथुरा सीटें आई थीं। जिन पर राष्ट्रीय लोकदल ने आज उम्मीदवार घोषित कर दी। गठबंधन में सपा 37, बसपा 38 व रालोद तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। अमेठी व रायबरेली की सीटें गठबंधन ने कांग्रेस के लिए छोड़ दी हैं।

राजनीतिक विरासत संभालने की जिम्मेदारी अजीत सिंह के कंधों पर
चौधरी चरण सिंह के बेटे और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्‍यक्ष अजीत सिंह भले ही कुछ समय से राजनीति में दोबारा अपना वर्चस्‍व तलाश रहे हों लेकिन बागपत और आसपास के क्षेत्रों में जाट समुदाय आज भी उनका बहुत सम्‍मान करता है। बता दें, चौधरी चरण सिंह की मृत्‍यु के बाद उनकी राजनीतिक विरासत संभालने की जिम्मेदारी अजीत सिंह के कंधों पर आ गई। 1989 में चौधरी चरण सिंह के शिष्य मुलायम सिंह यादव के साथ पहले पार्टी के नेतृत्व और फिर मुख्यमंत्री पद के लेकर मतभेद हुए।

इसके बाद अजीत सिंह ने अलग होकर जनता दल (अजीत) नई पार्टी बना ली। बाद में उन्‍होंने पार्टी का नाम बदलकर राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) कर दिया। 1987 में जब चरण सिंह की मृत्यु हुई तब उत्तर प्रदेश विधानसभा में लोकदल के 84 विधायक थे। 1989 में उन्‍होंने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की। 1991, 1996, 1999, 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव में भी वह विजयी रहे। इस दौरान उन्‍होंने केंद्रीय कृषि मंत्री और वित्‍तीय समिति के सदस्‍य के रूप में कार्य किया। 1999 के आम चुनाव को छोड़ दें तो 1989 के बाद वह बागपत से लगातार सांसद रहे। उनकी दूसरी पराजय पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में हुई। पिछली बार वह भाजपा के सत्यपाल सिंह से हार गए थे।

कुंवर नरेंद्र सिंह लड़ चुके हैं विधानसभा का भी चुनाव 
बता दें, कुंवर नरेंद्र सिंह रालोद के प्रदेश उपाध्यक्ष है। साथ ही ब्रज मंडल क्षत्रिय राजपूत महासभा के अध्यक्ष और अखिल भारतीय क्षत्रिय राजपूत महासभा के उपाध्यक्ष भी हैं। प्रत्याशी घोषित होने के बाद नरेंद्र सिंह ने फेसबुक पर लिखा, 'मेरी भववाधा हरौ, राधा नागरि सोय। जा तन की झाँई परे स्याम हरित दुति होय।'कुंवर नरेंद्र सिंह विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। मथुरा जिले में रालोद का अच्छा वोटबैंक माना जाता है।


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