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राजसमंद लोकसभा सीट: कांग्रेस के काका के सामने भाजपा किसे बनाएगी प्रत्याशी

राजसमंद लोकसभा सीट पर 2009 में कांग्रेस तो साल 2014 में बीजेपी ने जीत हासिल की थी। इस बार भी इस सीट पर कांटे की टक्कर होने की संभावना है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 02:33 PM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 02:33 PM (IST)
राजसमंद लोकसभा सीट: कांग्रेस के काका के सामने भाजपा किसे बनाएगी प्रत्याशी
राजसमंद लोकसभा सीट: कांग्रेस के काका के सामने भाजपा किसे बनाएगी प्रत्याशी

उदयपुर, सुभाष शर्मा। मेवाड़ की सबसे हॉट सीट कही जाने वाली राजसमंद सीट पर कांग्रेस ने राजसमंद के पार्टी जिलाध्यक्ष देवकीनंदन गुर्जर को उनके 73 वें जन्मदिन पर लोकसभा का प्रत्याशी बनाकर सबसे बड़ा उपहार दिया है।

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विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के विश्वस्त गुर्जर जिले में देवकी काका के नाम से मशहूर हैं लोकसभा चुनाव के लिए पहली बार चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले वह नाथद्वारा से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन तब भाजपा प्रत्याशी कल्याणसिंह चौहान से 12 हजार से अधिक मतों से शिकस्त मिली थी।

इधर, भाजपा मौजूदा सांसद हरिओमसिंह राठौड़ की चुनाव लडऩे की मनाही के बाद अभी तक प्रत्याशी तय नहीं कर पाई। हालांकि क्षेत्र में जयपुर राजघराने की सदस्या दीयाकुमारी की सक्रियता को लेकर उनका नाम चर्चा में बना हुआ है। हाल ही वह राजसमंद जिले के शहीद परिवार से मिलने भी उनके घर पहुंची थी। हालांकि राजपूत समाज का एक घटक उनके नाम को लेकर विरोध में है। 

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चर्चा है कांग्रेस के जिलाध्यक्ष देवकीनंदन गुर्जर ने 2018 में विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए काफी मेहनत की थी। इसी का लाभ उनको लोकसभा सीट के लिए की गई दावेदारी में मिला है। इस सीट से पूर्व विधायक लक्ष्मणसिंह रावत और गोपाल सिंह इडवा ने भी दोवेदारी जता रखी थी। इडवा को चित्तौडग़ढ़ लोकसभा से टिकट मिलने के बाद लक्ष्मणसिंह रावत और देवकीनंदन गुर्जर में से किसी एक को राजसमंद से लड़ाया जाना तय माना जा रहा था। 

इधर, भाजपा में दीयाकुमारी के अलावा भंवरसिंह पल्लाड़ा, वीरमदेवसिंह, चंद्रभानसिंह सोलंकी मैदान में बने हुए हैं। दीयाकुमारी की उम्मीदवारी को लेकर राजपूत वर्ग का एक धड़ा विरोध में है, जबकि राजपूत करणी सेना ने भाजपा के तय उम्मीदवार को समर्थन की घोषणा की है। लोकसभा क्षेत्र में राजपूत और रावत समाज के मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक होने के चलते भाजपा इसी समुदाय से ही अपना उम्मीदवार उतारेगी।

साल 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई राजसमंद लोकसभा सीट पर 2009 और 2014 के बाद इस बार तीसरी बार चुनाव होने जा रहा है। इस सीट पर साल 2009 में कांग्रेस तो साल 2014 में बीजेपी ने जीत हासिल की थी। इस बार भी इस सीट पर कांटे की टक्कर होने की संभावना है। 

चुनाव की विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें


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