LokSabha election 2019: सियासत की किंगमेकर है 'बाइसी', मनाने आएंगे राजनाथ
हर चुनाव में मुख्य भूमिका निभाते हैं एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र के ठाकुर बाहुल्य 22 गांव। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह की सभा 14 अप्रैल को होगी क्षेत्र में।
आगरा, गौरव भारद्वाज। वोट देने के सवाल पर यहां राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र नहीं, पंचायत का हुक्म माना जाता है। ये हुक्म भी कोई तुगलकी फरमान जैसा नहीं होता, बल्कि गांव और ग्रामीण के हाल-हालात पर चिंतन-मनन का निचोड़ होता है। विशुद्ध रूप से ठाकुरों की ये पंचायत जातीयता पर आधारित होती है मगर जब अपनी ही जाति के दो प्रत्याशी मैदान में होते हैं तो पैमाना बदल जाता है। आचार-व्यवहार, क्षेत्र के प्रति समर्पण, ग्रामीणों के प्रति संवेदनशीलता जैसे कई पैमानों पर परखने के बाद निर्णय लिया जाता है। हर चुनाव में किंगमेकर मानी जाने वाली 'बाइसी' का इस बार रूख क्या है, यह 'जागरण' ने जाना।
एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र में 22 गांव ठाकुर बाहुल्य हैं। यानी ये कहना चाहिए कि पूरी तरह से ठाकुर ही बिरादरी रहती है। इन गांवों के समूह को ही 'बाइसी' कहा जाता है। बाइसी का केंद्र है खंदौली क्षेत्र का सेमरा गांव। सेमरा गांव के गुलाब सिंह एक सामाजिक व्यक्ति रहे हैं। आज भी उनका नाम बेहद सम्मान से लिया जाता है। आगामी 13 अप्रैल से शुरू हो रहे ऐतिहासिक मेले की नींव भी गुलाब सिंह ने करीब एक सौ साल पहले रखी थी। इस मेले की महत्ता आज भी बरकरार है। गुलाब सिंह द्वारा बनवाया गया ताल आज भी उनकी समाज सेवा का प्रेरणास्रोत बना हुआ है। इस ताल में ही मेले के दौरान विशाल दंगल होता है। इसी बाइसी में चुनावी बयार का रुख पता करने 'जागरण' सेमरा गांव पहुंचा। यहां मुंशी जी के घर पर रामनवमी पर गांव में लगने वाले मेले की तैयारियों के लिए गांव वालों की बैठक चल रही थी। 'जागरण' भी बैठक में शामिल हो गया। मेले की तैयारियां छोड़ बात राजनीति पर शुरू हुई। बाइसी का क्या रुख है? गांव के मोहन सिंह बोले- इस बार बहुत स्पष्ट मत है। देशहित के लिए सब एकजुट हैं। प्रत्याशी को देखकर वोट देने जाएंगे या पार्टी को को? गांव के युवा सौरभ चौहान बोले- प्रत्याशी और नेतृत्व दोनों को देखेंगे। जो विकास की बात करेगा, वही संसद तक पहुंचेगा। इसी बीच गांव के प्रधान बब्बू चौहान भी आ गए। उन्होंने कहा कि जो बाइसी के विकास की बात करेगा, उसको यहां से प्यार मिलेगा। बाइसी कृषि पर निर्भर क्षेत्र है। जो किसानों की बात को जो पूरे दम से संसद में उठा सके, ऐसे प्रत्याशी को चुना जाएगा। मगर, एक बात तय है कि बाइसी का वोट बंटेगा नहीं। संदेश चौहान और धनवीर सिंह ने कहा कि सरकार को किसानों के प्रति और गंभीर होना होगा। यहां से निकलकर हम बाहर की निकले तो रास्ते में नगला जालीम पड़ा। यहां पर विनोद सिकरवार और वीर सिंह तोमर मिले। उन्होंने बताया कि हमने तय कर लिया है कि वोट किसे देना है।
सवा लाख मतदाता, 75 फीसद तक मतदान
बाइसी में ठाकुरों का करीब सवा लाख वोट है। ऐसे में जिसके पक्ष में यह वोट पड़ गया, उसकी जीत की राह आसान हो जाती है। यहां का वोटिंग प्रतिशत भी करीब 75 फीसद रहता है। एक बार बसपा से धर्मपाल सिंह विधायक रह चुके हैं। वर्तमान में भाजपा से रामप्रताप सिंह विधायक हैं।
यह हैं बाइसी के बड़े गांव
बाइसी में ठाकुर बाहुल्य गांवों में सेमरा, बमान, नहर्रा, बांस सोना, बेलोठ, आंवलखेड़ा, चौकड़ा, नया बांस आदि गांव बड़े गांव हैं। हालांकि यहां पर छोटे-छोटे मजरे भी बस गए हैं।
यह हैं बाइसी की मांग
लोगों ने बताया कि बाइसी कृषि पर आधारित है। किसानों के लिए बिजली, पानी की दिक्कत है। युवाओं को रोजगार के लिए बाहर जाना होता है। ऐसे में क्षेत्र में आलू प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की मांग लंबे समय से उठ रही है।
'बाइसी' को लुभाने आएंगे राजनाथ
बाइसी को अपने पक्ष में करने के लिए सभी दल कोशिश में हैं। भाजपा की ओर से गृहमंत्री राजनाथ सिंह 14 अप्रैल को आवंलखेड़ा में जनसभा करेंगे। वर्ष 2009 में भी राजनाथ सिंह ने आंवलखेड़ा में जनसभा की थी। इसके बाद विधानसभा चुनाव के दौरान भी राजनाथ सिंह जनसभा करने आए थे।