राजनाथ ने बताया कैसे जनता की आकांक्षाओं से तैयार होगा भाजपा का चुनावी घोषणापत्र
राजनाथ सिंह के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता की उम्मीदों और अपेक्षाओं की कसौटी पर खरा उतरने की चुनौती स्वीकार की है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आम जनता की राय से चुनावी घोषणा पत्र तैयार करने के लिए भाजपा ने 12 उप समितियों का गठन किया है। ये सभी उपसमितियां विभिन्न मुद्दों पर आम जनता की राय जुटाएंगी और उनके सुझावों के अनुसार अपने-अपने वर्ग में घोषणापत्र में शामिल होने वाले मुद्दों का सुझाव देगी। बाद में राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली घोषणापत्र वाली मुख्य समिति इन सुझावों के अनुरूप भाजपा की घोषणा पत्र को अंतिम रूप देगी।
चुनावी घोषणापत्र तैयार करने की पूरी प्रक्रिया की जानकारी देते हुए राजनाथ सिंह ने बताया कि कृषि और सहकारिता से जुड़े सुझावों के लिए उप समिति का नेतृत्व मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। इसी तरह राजीव चंद्रशेखर को युवा व खेलकूद, स्मृति ईरानी को महिला सशक्तिकरण, थावरचंद गहलोत को समावेशी विकास, एससी-एसटी, पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक से जुड़े मुद्दे, हर्षवर्धन को सुशासन, वन व पर्यावरण, विज्ञान, पर्यावरण, अरुण जेटली को अर्थव्यवस्था, उद्योग, व्यापार, पर्यटन, हरदीप पुरी को आधारभूत ढांचा, सिंचाई, ग्रामीण विकास, प्रकाश जावडेकर को शिक्षा व कौशल, बीसी खंडूड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद, सेना, विनय सहस्त्रबुद्धे को विदेश नीति, महेश शर्मा को गंगा, राम जन्मभूमि, योग, सांस्कृतिक धरोहर और बंड़ारू दत्तात्रेय व संजय पासवान को मजदूर बुनकर मछुआरा संबंधी उपसमितियों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
राजनाथ सिंह के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता की उम्मीदों और अपेक्षाओं की कसौटी पर खरा उतरने की चुनौती स्वीकार की है। यही कारण है कि पहली बार किसी राजनीतिक दल ने घोषणापत्र तैयार करने के लिए इतने बड़े स्तर पर जनसंपर्क करने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि 12 क्षेत्रों में घोषणा पत्र पर लोगों की राय ली जाएगी और 2014 के नतीजों पर बुलंद इमारत खड़ी करनी है।
राजनाथ सिंह ने मोदी सरकार की पांच साल की उपलब्धियों का बखान करते करते हुए कहा कि भारत दुनिया में एक आर्थिक महाशक्ति बनने की दौड़ में है। लेकिन यह जानना जरूरी है कि आम जनता देश को कैसा देखना चाहती है और सरकार से उसकी उम्मीदें क्या हैं।
आम जनता का आकांक्षाओं और उम्मीदों को समेटे हुए तैयार घोषणा पत्र एक रूप से अगले पांच साल तक सरकार के मार्गदर्शक का काम करेगी यानी सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों को उन्हीं अनुरूप ढाला जाएगा।