Move to Jagran APP

Amethi Lok Sabha Election 2019: दोनों सीटों से जीत गए तो क्या अमेठी छोड़ देंगे Rahul Gandhi?

Amethi Lok Sabha Seat पर कांग्रेस अध्‍यक्ष Rahul Gandhi को चुनौती देने के लिए भाजपा की Smriti Irani मैदान में हैं। दोनों प्रत्‍याशियों के बीच घनघोर चुनावी संघर्ष बताया जा रहा है।

By Rizwan MohammadEdited By: Published: Sun, 05 May 2019 06:58 PM (IST)Updated: Mon, 06 May 2019 10:50 AM (IST)
Amethi Lok Sabha Election 2019: दोनों सीटों से जीत गए तो क्या अमेठी छोड़ देंगे Rahul Gandhi?
Amethi Lok Sabha Election 2019: दोनों सीटों से जीत गए तो क्या अमेठी छोड़ देंगे Rahul Gandhi?

नई दिल्ली [ जागरण स्‍पेशल ]। उत्‍तर प्रदेश की वीवीआईपी सीट रही अमेठी पर गांधी-नेहरू परिवार का दबदबा रहा है। तीन बार से राहुल गांधी यहां से जीत रहे हैं। इस बार चुनावी टक्‍कर करारी बताई जा रही है। अमेठी के साथ ही वायनाड से भी चुनाव लड़ने के फैसले के बाद से राहुल की जीत की संभावनाओं पर असर जरूर पड़ता दिख रहा है लेकिन इतिहास बताता है कि कांग्रेस ऐसी परिस्थिति में भी यहां से जीत हासिल करती रही है। साथ ही दो सीट से चुनाव जीतने के बावजूद कांग्रेस ने हमेशा अपनी मूल सीट को ही तवज्‍जो दी है। ऐसे में राहुल के जीतने के बाद अमेठी छोड़ने के कयास पर संशय दिखता है।

loksabha election banner

लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के तहत 6 मई को होने वाले मतदान में अमेठी के लोग अपना सांसद चुनने के लिए वोट डालेंगे। यहां से भाजपा प्रत्‍याशी स्‍मृति इरानी राहुल गांधी को टक्‍कर दे रही हैं। राहुल गांधी इस सीट से चौथी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं। इससे पहले वह लगातार तीन बार से इसी क्षेत्र के सांसद हैं। राहुल ने पिछले चुनाव में मोदी लहर के बावजूद भाजपा प्रत्‍याशी स्‍मृति इरानी चुनाव नहीं जीत सकी थीं। हालांकि उन्‍होंने कांग्रेस के इस गढ़ में भाजपा के लिए उम्‍मीद के अंकुर जरूर उगा दिए हैं। वह राहुल गांधी से करीब एक लाख वोटों के अंतर से चुनाव हारी थीं।

राजनीतिक विष्‍लेशकों के मुताबिक स्‍मृति इरानी इस बार के चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पूरी मेहनत के साथ जुटी हुई हैं। ऐसे में वह कई मोर्चों पर राहुल गांधी को टक्‍कर देती दिख रही हैं। वहीं, राहुल गांधी के अमेठी के अलावा वायनाड से चुनाव लड़ने का फैसला यह बताता है कि कांग्रेस किसी भी हाल में रिस्‍क नहीं लेना चाहती है। दो सीटों से चुनाव लड़ने का गणित इस बात को दर्शाता है कि कांग्रेस अपनी जीत को लेकर पूरी तरह विश्‍वस्‍त नहीं है। ऐसे में कांग्रेस का यह फैसला बताता है कि यहां से राहुल गांधी के लिए जीत की संभावनाएं भी बहुत अच्‍छी नहीं हैं। हालांकि, चुनावी विश्‍लेषक इतिहास पर जोर देते हुए इस बात को नकारते भी हैं।


चुनावी जानकार बताते हैं कि गांधी परिवार से इंदिरा गांधी 1980 में रायबरेली के साथ मेडक सीट से और सोनिया गांधी 1999 में रायबरेली के साथ बेल्‍लारी सीट से चुनाव में उतर चुकी हैं। इन दोनों लोगों ने दोनों सीटों से जीत हासिल की। लेकिन कांग्रेस की दोनों लीडर ने अपनी मूल सीट रायबरेली को ही चुना और दूसरी सीट को छोड़ दिया। ऐसे में यह बात हल्‍की हो जाती है कि राहुल गांधी दोनों सीटें जीतने के बाद अमेठी छोड़कर वायनाड से सांसद रहेंगे। कुछ लोगों का मानना है कि अगर राहुल गांधी दोनों सीटों से चुनाव जीतते हैं तो वह वायनाड सीट छोड़ देंगे। कांग्रेस यहां से प्रियंका गांधी को उपचुनाव में मैदान में उतारेगी।  

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.