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LokSabha Election 2019: राहुल की तान, मोदी, राफेल और किसान

जैसा कि माना ही जा रहा था कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तराखंड में अपनी पहली चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही हमलावर रहे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 07:40 PM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 06:38 AM (IST)
LokSabha Election 2019: राहुल की तान, मोदी, राफेल और किसान
LokSabha Election 2019: राहुल की तान, मोदी, राफेल और किसान

देहरादून, विकास धूलिया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तराखंड में अपनी पहली चुनावी सभा में जमकर बरसे। यह बात दीगर है कि पुलवामा हमले के बहाने सैन्य बहुल उत्तराखंड की जनभावनाओं को उभारने की कोशिश के अलावा उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा, जो वह पहले न कह चुके हों। अलबत्ता, पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारतीय वायु सेना की एयर स्ट्राइक को लेकर जो सवाल कांग्रेस अब तक उठाती रही है, उससे राहुल गांधी ने पूरी तरह परहेज किया। इसका कारण भी साफ है, उत्तराखंड में एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाने से यह मुद्दा कांग्रेस पर बैक फायर भी कर सकता था।

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युवा, व्यापारी, बेरोजगार से जुड़ने की कोशिश

जैसा कि माना ही जा रहा था, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उत्तराखंड में अपनी पहली चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही हमलावर रहे। जीएसटी, नोटबंदी से लेकर पुलवामा आतंकी हमला, राफेल, किसानों की कर्जमाफी और नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, विजय माल्या को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घेराबंदी, इसके इर्द-गिर्द ही उनका पूरा संबोधन रहा। हालांकि उन्होंने समाज के हर तबके से कांग्रेस को जोडऩे की कोशिश करते हुए केंद्र की भाजपानीत सरकार को जमकर कोसा और यह यकीन दिलाना भी नहीं भूले कि कांग्रेस की सरकार आने पर जीएसटी हटाने के साथ ही न्यूनतम आमदनी योजना लाई जाएगी। युवाओं को लुभाने के लिए राहुल ने बेरोजगारी का मुद्दा छेड़ा और भरोसा दिलाया कि केंद्र में उनकी सरकार आने पर स्वरोजगार को बढ़ावा देने की योजना शुरू की जाएगी। गरीब तबके के लिए उन्होंने न्यूनतम आमदनी गारंटी योजना की बात कही।

पुलवामा हमले के मामले में स्टैंड किया स्पष्ट

उत्तराखंड एक ऐसा प्रदेश है, जहां हर परिवार का एक न एक सदस्य जरूर सेना में है या रहा है। स्वाभाविक रूप से युद्ध और आतंकवाद जैसे मसलों पर यहां का अवाम सीधे भावनात्मक रूप से जुड़ा होता है। इसीलिए राहुल गांधी ने अपने संबोधन की शुरुआत ही पुलवामा आतंकी हमले के बाद कांग्रेस के स्टैंड को स्पष्ट करने के साथ की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तब साफ कर दिया था कि वह पूरी तरह सरकार के साथ है, लेकिन इसके तत्काल बाद राहुल यह कहकर प्रधानमंत्री पर हमलावर हो गए कि घटना के दिन मोदी कार्बेट पार्क में घूम रहे थे। राहुल ने यह जताने की कोशिश की कि कांग्रेस इस मसले पर भाजपा और केंद्र सरकार से ज्यादा संवेदनशील रही।

अति आक्रमकता के फेर में लांघी मर्यादा

कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने संबोधन में सबसे ज्यादा वक्त राफेल खरीद को दिया। इसमें उद्योगपति अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने का आरोप मढ़कर उन्होंने प्रधानमंत्री को कठघरे में खड़ा किया लेकिन जो भी सवाल उन्होंने उठाए, उसमें दोहराव भर था, नया कुछ नहीं। मेहुल चौकसी, नीरव मोदी, ललित मोदी और विजय माल्या का नाम लेकर उन्होंने फिर प्रधानमंत्री पर कटाक्ष किया लेकिन अति आक्रामक होने के फेर में कई दफा वह सामान्य शिष्टाचार की मर्यादा को लांघते हुए दिखे।

कांग्रेस ही किसानों की सच्ची खैरख्वाह

राहुल ने यह संदेश देने का प्रयास किया कि कांग्रेस किसानों की सच्ची खैरख्वाह है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से वादा किया था कि आप दो इंजन दो, यहां किसानों के ऋण माफ कर दिए जाएंगे। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ऋण माफ हुए। उन्होंने कहा कि हालिया विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यह वादा किया। तीन राज्यों में कांग्रेस की सरकार आने के बाद दो दिन में ही किसानों के ऋण माफ करने का काम किया गया।

नहीं छुआ पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक का मुद्दा

उत्तराखंड की गौरवशाली सैन्य परंपरा का उन्होंने जिक्र किया लेकिन पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक पर एक शब्द तक नहीं बोला। शायद इसलिए, क्योंकि जिस पुलवामा आतंकी हमले के कारण भारतीय वायु सेना ने यह बड़ा कदम उठाया, उसमें और उसके बाद कश्मीर में उत्तराखंड के हिस्से चार शहादतें आई। इनमें देहरादून के दो युवा मेजर और सीआरपीएफ के एक अधिकारी भी शामिल थे। एयर स्ट्राइक के जरिये पुलवामा हमले का बदला लिए जाने की उत्तराखंड में सकारात्मक प्रतिक्रिया रही और अगर कांग्रेस अध्यक्ष इस पर उत्तराखंड में सवाल खड़े करते तो यह पार्टी के खिलाफ जाने का अंदेशा था।

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