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लोकसभा चुनाव 2019: साख का सवाल, मोर्चे पर सेनापति

लोकसभा चुनाव में स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चुनाव अभियान की कमान संभाले हुए हैं। त्रिवेंद्र अब तक 31 जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 09:54 AM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 09:54 AM (IST)
लोकसभा चुनाव 2019: साख का सवाल, मोर्चे पर सेनापति
लोकसभा चुनाव 2019: साख का सवाल, मोर्चे पर सेनापति

देहरादून, विकास धूलिया। उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों के चुनाव में प्रदेश सरकार भी कसौटी पर परखी जाएगी। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पांचों सीटों पर जोरदार जीत और फिर वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में 70 में से 57 सीटों पर विजय पताका फहरा चुकी भाजपा के लिए इस लोकसभा चुनाव में इसी प्रदर्शन को दोहराना सबसे बड़ी चुनौती है। यही वजह है कि स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चुनाव अभियान की कमान संभाले हुए हैं। अब तक 31 जनसभाओं को संबोधित कर चुके त्रिवेंद्र अगले एक हफ्ते में लगभग इतनी ही और जनसभाओं में मतदाताओं से रूबरू होंगे। जागरण संवाददाता ने मुख्यमंत्री की इस व्यस्त दिनचर्या के बीच एक दिन उनके साथ गुजारा।

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सुबह आठ बजे रवानगी की तैयारी

इन दिनों मुख्यमंत्री सुबह आठ बजे अभियान में निकलने को तैयार रहते हैं। कार्यक्रम चार जनसभाओं को संबोधित करने का है तो ठीक नौ बजे सहस्रधारा स्थित हेलीपैड पर पहुंच निजी हेलीकॉप्टर पर सवार हो गए। गंतव्य है राज्य के दूसरे कोने पर स्थित पिथौरागढ़, गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ अल्मोड़ा सीट के प्रत्याशी अजय टम्टा के समर्थन में जनसभा। सवा नौ बजे हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी। एक घंटे के हवाई सफर के दौरान तमाम अखबार देखने के साथ हल्की-फुल्की चर्चा। पहाड़ों के ऊपर से परवाज भरते हेलीकॉप्टर से नीचे नजरें टिकाए मुख्यमंत्री एक-एक गांव, नदी के बारे में बताते चले। 

एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं से फीडबैक

सुबह सवा दस बजे पिथौरागढ़ की नैनी-सैनी एयरस्ट्रिप पर लैंड किया तो स्वागत को मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं ने बताया कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह को आने में कुछ वक्त लगेगा। लिहाजा एयरस्ट्रिप के अतिथि गृह में ही विश्राम करते हुए मुख्यमंत्री पार्टी नेताओं से बतियाने लगे। क्षेत्रीय विधायक बिशन सिंह चुफाल के अलावा जिला पदाधिकारी वीरेंद्र वल्दिया, राकेश देवलाल, कृपाल सिंह वल्दिया, स्वामी वीरेंद्रानंद, शमशेर सिंह सत्याल से चुनावी संभावनाओं पर फीडबैक लिया।

थोड़ी सी चर्चा सियासत पर भी

'जागरण' से बातचीत में मुख्यमंत्री बोले, 'भाजपा चुनाव में लंबी लीड ले चुकी है। 30 जनसभाएं अब तक कर चुका हूं, राज्यभर में सभी नेता कुल मिलाकर दो सौ से ज्यादा सभाएं करेंगे। दो दिन पहले ही मैं भी चौकीदार कार्यक्रम पांच जगहों पर आयोजित हुआ। आज का मतदाता मुखर है, वह अच्छी तरह से जानता है कि किसे वोट देना है। उसे भ्रमित नहीं किया जा सकता। केंद्र और प्रदेश सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं से वह वाकिफ है। नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने के लिए मतदाता पूरी तरह उत्साहित हैं।'

गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ जनसभा 

लगभग 11.40 बजे गृह मंत्री एयरस्ट्रिप पर लैंड हुए और सीधे सभास्थल के लिए रवाना हो गए। पिथौरागढ़ के ऐतिहासिक देव सिंह मैदान पर जितने लोग जुटे थे, उससे ज्यादा आसपास के स्टैंड और रिहायशी भवनों की छतों पर नजर आए। अब क्योंकि गृह मंत्री को तीन और जनसभाएं भी करनी थी तो मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर पार्टी प्रत्याशी को जिताने की अपील कर संक्षिप्त रूप से ही संबोधन दिया। मौजूद जनसमूह से हाथ उठाकर समर्थन भरोसा देने को कहा, तो एक साथ उठे हजारों हाथ जैसे पार्टी को संबल देते दिखे।

अब अगला पड़ाव सोमेश्वर विधानसभा

दोपहर सवा बजे गृह मंत्री अगली जनसभा को रवाना हुए तो मुख्यमंत्री भी निकले अगले पड़ाव सोमेश्वर के लिए। अल्मोड़ा लोकसभा सीट के अंतर्गत सोमेश्वर की विधायक रेखा आर्य प्रदेश सरकार में महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्य मंत्री हैं। 1.40 बजे सोमेश्वर में खेतों में बने हेलीपैड पर रेखा आर्य पार्टी की भगवा टोपी लगाए स्वयं मुख्यमंत्री की अगवानी को मौजूद थीं। सभा के दौरान कई नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाई गई। दिलचस्प बात यह रही कि मंत्री रेखा आर्य के मुकाबले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत यहां कम ही बोले। शायद इसलिए, क्योंकि अधिकांश बातें तो रेखा आर्य कह ही चुकी थीं।

विधायक दिलीप का फोन, जल्दी आइए

लगभग 2.45 बजे सोमेश्वर से रवाना होने को ही थे कि लैंसडौन के भाजपा विधायक दिलीप रावत का मुख्यमंत्री को फोन आया, 'कितनी देर में पहुंच रहे हैं, जल्दी आइए।' मुख्यमंत्री बोले, 'आप अपना संबोधन शुरू कीजिए, हम बस आधा घंटे में आपके पास।' दरअसल, अगली जनसभा पौड़ी गढ़वाल सीट के अंतर्गत रिखणीखाल में थी, जो लैंसडौन विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है। ठीक 3.15 पर रिखणीखाल पहुंचकर मुख्यमंत्री ने जनसभा को संबोधित करना शुरू कर दिया। महत्वपूर्ण बात यह कि महज एक विधानसभा सीट पर हो रही इस सभा में भी बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे और इनमें थीं अधिकांश महिलाएं।

और जब अचानक बिगड़ गया मौसम का मिजाज

3.50 बजे अंतिम जनसभा के लिए टिहरी लोकसभा सीट के अंतर्गत लंबगांव के लिए प्रस्थान। तेज चमकदार धूप गर्मी का अहसास करा रही थी। लगभग आधा घंटे के हवाई सफर के दौरान पैतृक गांव खैरासैंण के ऊपर से भी हेलीकॉप्टर गुजरा तो उत्साहित मुख्यमंत्री बताने लगे कि यहां उनका बचपन किस तरह गुजरा, इसके बाद भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत का गांव भी उन्होंने दिखाया। थोड़ी देर में जैसे ही हेलीकॉप्टर टिहरी झील के ठीक ऊपर पहुंचा, मौसम अचानक बिगड़ गया। लंबगांव महज 2.5 नॉटिकल माइल्स दूर, पायलट ने मुख्यमंत्री को बताया तो उन्होंने कोशिश करने को कहा, लेकिन जब तेज बारिश और बिजली कड़कती दिखी तो उन्होंने देहरादून लौटने को कह दिया।

और मुख्यमंत्री ने स्वयं तैयार की कॉफी

लगभग पांच बजे सहस्रधारा हेलीपैड पर लैंड करने के बाद मुख्यमंत्री थोड़ी देर विश्राम के लिए गेस्ट हाउस में रुके। दिनभर के व्यस्त कार्यक्रम के बाद वापस लौटने पर स्वयं मुख्यमंत्री कॉफी तैयार करने लगे। मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी धीरेंद्र पंवार और दोनों पायलट को स्वयं मुख्यमंत्री ने काफी सर्व की। ठीक 5.30 बजे मुख्यमंत्री अपने आवास के लिए रवाना हो गए, अगले दिन फिर मोर्चा जो संभालना है।

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