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Loksabha Election 2019 : डेढ़ बजे आईं, फिर रातभर मीटिंग में व्‍यस्‍त रहीं प्रियंका

अलसुबह ही कार्यकर्ताओं का लगा जमावड़ा भीड़ ने सुरक्षाकर्मियों के छुड़ाए छक्के। करीब 18 प्रतिनिधि मंडलों और सामाजिक संगठनों के लोगों से की मुलाकात।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 28 Mar 2019 05:56 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 05:56 PM (IST)
Loksabha Election 2019 : डेढ़ बजे आईं, फिर रातभर मीटिंग में व्‍यस्‍त रहीं प्रियंका
Loksabha Election 2019 : डेढ़ बजे आईं, फिर रातभर मीटिंग में व्‍यस्‍त रहीं प्रियंका

रायबरेली, जेएनएन। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा रायबरेली में चिरपरिचित अंदाज मे नजर आईं। वे वाया गौरीगंज (अमेठी) से बुधवार की आधी रात बाद करीब डेढ़ बजे भुएमऊ गेस्टहाउस पहुंचीं। थोड़ी ही देर बाद दिल्ली से आए लोगों व स्थानीय टीम के साथ मीटिंग में बैठ गईं। अलसुबह पांच बजे तक फीडबैक लेती रहीं। फिर विश्राम को चली गईं। इधर बाहर का नजारा भोर से ही बदलने लगा, रायबरेली व अड़ोस-पड़ोस के जिलों से नेताओं-कार्यकर्ताओं की भीड़ बढऩे लगी। सुबह दस बजे तक अतिथि गृह के बाहर दोनों ओर की सड़कें वाहनों से पट गईं। उसके बाद पुलिस अधिकारियों ने बैरीकेडिंग़ कराकर रोड़ पर वाहनों का प्रवेश रोक दिया।

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गेस्टहाउस के बाहर विभिन्न सामाजिक संगठनों और प्रतिनिधिमंडलों का डेरा लग गया। इन्हें तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार साढ़े नौ बजे प्रवेश दिया जाने लगा। लेकिन पार्टी नेताओं की कश्मकस के चलते कई बार हालात बिगड़े भी। चूंकि पार्टी ने जो सूची बनाई थी, उसे एसपीजी (विशेष सुरक्षा दस्ते) को सौंप दिया था। वह मिलान करके ही इंट्री दे रही थी। लेकिन, पार्टी के लोगों का हुजूम बार-बार तारतम्य तोड़ रहा था। ऐसे में कई बार सुरक्षाकर्मियों और कांग्रेस के लोगों में झड़प भी हुई।

एक बार तो सतांव विधानसभा के कार्यकर्ता बेहद गुस्से में आ गए, लानत-मलानत करते रहे। जिन्हें बाद में अंदर से आए वरिष्ठजनों ने संभाला। इधर बाहर भीड़ उफान मार रही थी और अंदर प्रवेश पाए लोग परिसर का दूसरा गेट पार करने को लाइन लगाए खड़े थे। करीब ग्यारह बजे प्रियंका गांधी प्रतिनिध मंडलों से मिलना शुरू की। उन्होंने लोगों से उनके प्रार्थना पत्रों को लिया, कहाकि समस्याएं खत्म होंगी वोट की ताकत से देश की तकदीर बदलिए।

पहले भी रातभर जागकर कर चुकीं हैं बैठकें

यह प्रियंका गांधी का अपना अंदाज है। जिसे रायबरेली ने पहले भी देखा है। वे इसी जिले में एक ही दिन 16 घंटे लगातार बैठकर पदाधिकारियों का साक्षात्कार कर चुकी हैं। कांग्रेस नेता विनय द्विवेदी बताते हैं कि प्रियंका गांधी यहां की प्रभारी होने के नाते संगठन को ऊर्जा देने की खातिर एक बार पदाधिकारियों का साक्षात्कार खुद लेने बैठी थीं, दोपहर बाद से शुरू हुआ सिलसिला रातभर चलता रहा। ऐसे में उनके कार्य करने की स्टाइल यहां से कांग्रेस के वरिष्ठजन पहले से जानते हैं।

नेता जी...मुझे भी इंट्री दिलवा दीजिए

मैं फला जगह से आया हूं, मुझे भी इंट्री दिलवा दी। आखिर और कितना इंतजार करना पड़ेगा। भाई साहब से बात करनी पड़ेगी क्या। जल्दी अंदर भेजिए। अपने-अपने जिले में पार्टी के अंदर खासा रसूख रखने वाले कुछ नेता गुरुवार को भुएमऊ गेस्ट हाउस के सामने कतार में खड़े होकर इसी तरह सिफारिशें लगाते दिखे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा से मिलने के लिए गैरजनपदों से भी तमाम लोग आए थे।

अमेठी, सुल्तानपुर समेत आसपास के अन्य कई जिलों से भी पार्टीजन आए थे। ये कार्यकर्ता जब गेस्टहाउस के गेट पर पहुंचे तो भारी भीड़ से जूझना पड़ा। किसी तरह भीड़ से निकले तो सुरक्षा कर्मियों ने यह कहकर रोक दिया कि आपका नाम सूची में नहीं है। लोगों ने खूब सफाई दी। मगर, इंट्री नहीं मिली। इसके बाद उनकी नजरें रायबरेली के पदाधिकारियों को खोजने लगीं। कुछ ऐसे चेहरे दिखे भी जो अंदर ले जा सकते थे। लेकिन, पहले तो कई बार उन्हें तवज्जो ही नहीं मिली।

'नेता जी' आते और जाते रहे। किसी को आधे घंटे खड़ा रखना पड़ा तो कोई इससे भी अधिक समय पर इंतजार करता रहा। इनमें कुछ महिलाएं भी शामिल थी। महिलाओं ने तो नेताओं से यहां तक कहा कि गेस्टहाउस में इंट्री दिलाते तो या भाई साहब से बात करनी पड़ेगी। इसके बाद उन्हें तत्काल अंदर बुलाया गया। इस तरह के कई नजारे गेस्टहाउस के बाहर देखने को मिले।


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