Lok Sabha Election 2019: यूं ही नहीं संवाद के जादूगर कहे जाते हैं मोदी; पढ़ें-NAMO Effect
Lok Sabha Election 2019.हवाओं का रुख बदलने में माहिर नमो कांग्रेस पर प्रहार आतंकवाद और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के साथ-साथ झारखंड के आदिवासियों की नब्ज छूना भी नहीं भूले।
रांची, राज्य ब्यूरो। Lok Sabha Election 2019 - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की झारखंड में हुई पहली चुनावी रैली भाजपा में नई ताकत और ऊर्जा का संचार कर गई। यहां नमो के सभी रंग देखने को मिले। कांग्रेस पर प्रहार, आतंकवाद और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के साथ-साथ झारखंड के आदिवासियों की नब्ज छूना भी वे नहीं भूले। हवाओं का रुख बदलने में माहिर नमो झारखंड में पहले तीन संसदीय क्षेत्रों में होने वाले चुनावों के लिए अपना काम कर गए, अब गेंद प्रदेश की कोर टीम के हाथों में है।
झारखंड में पहले चरण की तीन सीटों लोहरदगा, पलामू और चतरा के लिए 29 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। भाजपा नेताओं को भरोसा है कि प्रधानमंत्री की इस रैली से माहौल पूरी तरह से उनके पक्ष में हो गया है। लोहरदगा की जनसभा में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रवाद की अलख जगाने के साथ-साथ झारखंड के कोर मुद्दों को भी छुआ। लोहरदगा संसदीय क्षेत्र आदिवासी बहुल क्षेत्र है, प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में इस बात का पूरा ध्यान रखा। आदिवासियों के लिए किए गए कार्यों को साझा किया, भविष्य का संकल्प भी दोहराया।
वन भूमि पट्टे और भूमि अधिग्रहण को लेकर विपक्षी दलों द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर पलटवार करते हुए कहा कि जब तक चौकीदार है, जमीन और जंगल के अधिकार को कोई पंजा हाथ नहीं लगा सकेगा। नमो ने भाजपा के परंपरागत वोट बैंक न माने जाने वाले ईसाइयों और मुसलमानों को भी साधने की कोशिश की। स्पष्ट कहा, उनकी सरकार किसी से भी भेदभाव नहीं करती है। ईसाई धर्म गुरुओं को अफगानिस्तान से छुड़ाने और केरल की नर्सों को इराक से वापस लाने में सरकार के स्तर से किए गए प्रयासों की चर्चा कर यह बताया कि उन्हें इस तबके की फिक्र है। ईसाइयों के पवित्र पर्व ईस्टर पर श्रीलंका में हुए हमले पर अफसोस भी उन्होंने जाहिर किया।
ईसाई कांग्रेस के परंपरागत वोटर माने जाते हैं, प्रधानमंत्री ने इस तबके के प्रति चिंता जाहिर कर भाजपा को इस वोट बैंक में सेंध लगाने का मौका दे दिया है। खासकर लोहरदगा में। पुलवामा में शहीद हुए विजय सोरेंग का भी नाम प्रधानमंत्री ने मंच से लिया। शहीदों के प्रति कांग्रेस और उनके सहयोगियों के रवैये की चर्चा करते हुए बताया कि शहीदों के प्रति कांग्रेस का रवैया ठीक नहीं है। जनता से जुडऩे का मोदी का अपना ही तरीका है, यह यहां भी देखने को मिला। लोहरदगा की जनता से सीधा संवाद करते हुए आंतकवाद, गरीबी, गांव व शहरों के विकास के लिए लडऩे के नारे भी लगवाए।
पलामू-चतरा भी साधने की कोशिश : लोहरदगा की जनसभा से प्रधानमंत्री ने चतरा और पलामू की जनता को भी साधने की कोशिश की। खेती-किसानी, रोजगार और नक्सलवाद यहां के बड़े मुद्दे हैं। इन मुद्दों की नब्ज पकड़ते हुए पीएम ने इस दिशा में किए गए कार्यों को साझा किया। इनके समाधान का संकल्प दोहराया। रैली में इन दोनों लोकसभा सीटों से भी लोग आए थे। सभा के बाद में वे मोदी-मोदी करते घर गए। जाहिर है, वोटिंग में अगर इसका लाभ भाजपा को मिला तो इन दोनों सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों को लाभ होगा।