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Hajipur, Bihar Lok Sabha Election 2019: यहां दांव पर पासवान की प्रतिष्‍ठा, क्या भाई की लोकप्रियता भुना पाएंगे पारस?

Hajipur Bihar Lok Sabha Election 2019 बिहार के हाजीपुर की लोकसभा सीट लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान की मानी जाती है। इस बार यहां से उनके छोटे भाई पशुपति पारस मैदान में हैं।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sun, 05 May 2019 09:45 PM (IST)Updated: Mon, 06 May 2019 04:52 PM (IST)
Hajipur, Bihar Lok Sabha Election 2019: यहां दांव पर पासवान की प्रतिष्‍ठा, क्या भाई की लोकप्रियता भुना पाएंगे पारस?
Hajipur, Bihar Lok Sabha Election 2019: यहां दांव पर पासवान की प्रतिष्‍ठा, क्या भाई की लोकप्रियता भुना पाएंगे पारस?

पटना [जेऐनएन] । बिहार में पांचवें चरण की वोटिंग जारी है। इसी चरण में हाजीपुर में भी चुनाव हो रहा है। खास बात कि हाजीपुर सीट रामविलास पासवान की पुश्‍तैनी मानी जाती है। यहां उनकी प्रतिष्‍ठा फंसी हुई है। हाजीपुर में राम विलास पासवान के भाई व लोजपा उम्‍मीदवार पशुपति कुमार पारस की लड़ाई राजद के शिवचंद्र राम से है। शिवचंद्र राम बिहार में महागठबंधन की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। वे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते हैं। यहां बड़ा सवाल यह है कि क्या पशुपति कुमार पारस अपने भाई रामविलास पासवान की लोकप्रियता को भुना पाएंगे?
हाजीपुर में राजग व महागठबंधन, दोनों के प्रत्‍याशी पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। यहां से इस बार मैदान में कुल 11 उम्‍मीदवार हैं, लेकिन लड़ाई इन्‍हीं दोनों के बीच की ही है।  

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यहां तीन दशक से केवल पासवान
दरअसल, तीन दशकों से संसद में हाजीपुर का प्रतिनिधित्व रामविलास पासवान करते आ रहे हैं। बाद में उन्‍होंने अपनी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) पार्टी बनाई। इसके बाद भी वे यहां से लड़ते रहे। अंतिम बार वे 2014 में यहां से सांसद बने। लेकिन अस्‍वस्‍थ रहने के कारण इस बार काफी पहले ही उन्‍होंने लोकसभा चुनाव से लड़ने से इनकार कर दिया। इसके बाद उत्‍तराधिकारी की तलाश हुई। पासवान की पत्‍नी रीना पासवान व बेटे चिराग पासवान के नाम आए, लेकिन दोनों ने हाजीपुर से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। 

पासवान ने पारस को सौंपी विरासत
अंत में रामविलास पासवान ने अपने छोटे भाई पशुपति कुमार पारस को यह सीट विरासत में सौंप दी। पशुपति अभी नीतीश सरकार में मंत्री हैं और लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी। पशुपति कुमार पारस के लिए प्‍लस प्‍वाइंट यह है कि इसके पहले हाजीपुर में रामविलास पासवान की चुनावी कमान वही संभालते रहे हैं। इस कारण पारस इलाके के चप्पे-चप्पे से अवगत हैं। इसके बाद भी उनके लिए यह लड़ाई आसान नहीं है।

 

कम नहीं राजद के शिवशंकर
राजद के शिवचंद्र राम महागठबंधन के समय नीतीश सरकार में मंत्री रह चुके हैं। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के नजदीकी माने जाते रहे हैं और अभी राजापाकर से विधायक हैं। इससे पहले वे महुआ से विधायक रह चुके हैं। इलाके की भौगोलिक और सामाजिक संरचना से वे भी पूरी तरह वाकिफ हैं।
पासवान व तेजस्‍वी ने संभाला मोर्चा
राजग की ओर से केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और रामविलास पासवान ने चुनावी सभाएं कीं तो शिवचंद्र राम के लिए तेजस्वी यादव ने मोर्चा संभाले रखा। शरद यादव, जीतनराम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा, मुकेश सहनी ने भी महागठबंधन प्रत्‍याशी के लिए कई सभाएं कीं। 
मुकाबला दिलचस्‍प
बहरहाल, गंगा और गंडक से घिरे हाजीपुर में पशुपति कुमार पारस और शिवंचद्र राम में आमने-सामने की लड़ाई बेहद दिलचस्प है। इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। देखना यह है कि पारस विरासत को संभाल पाते हैं या पासवान की प्रतिष्ठा को गंवा देते हैं। लोगों की मानें तो राजद के शिवचंद्र राम ने मुकाबले को रोचक और कड़ा बना दिया हैं। दोनों के बीच की सीधी लड़ाई में कोई तीसरा कोण तक नहीं है। 
- कुल मतदाता: 1818078
- मतदान केंद्र: 2027

2014 के नतीजे, एक नजर
- रामविलास पासवान (लोजपा): 455652 वोट (विजयी)
- संजीव प्रसाद टोनी (कांग्रेस): 230152 वोट
- रामसुंदर दास (जदयू): 95790  वोट

 2009 के नतीजे, एक नजर
- रामसुंदर दास (जदयू): 246715 वोट (विजयी)
- रामविलास पासवान (लोजपा): 208761 वोट
- दसई चौधरी (कांग्रेस): 21585 वोट

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