Lok Sabha Election: अपना घर संभाल चुके, अब दूसरों की मदद में जुटे ये दिग्गज
Lok Sabha Election बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार चरम पर है। कई सियासी दिग्गज अपने इलाकों में वोटिंग खत्म होने के बाद अब दूसरों के लिए वोट मांग रहे हैं।
पटना [राज्य ब्यूरो]। लोकसभा चुनाव के चार चरणों के मतदान के बाद चुनाव लडऩे वाली सीटें कम हो रही हैं। जबकि, वोट मांगने वालों की तादाद बढ़ गई है। अपने चुनाव के चलते क्षेत्रों में फंसे योद्धा अब दूसरों की मदद में उतर आए हैं। इनमें कई दलों के राष्ट्रीय से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक शामिल हैं।
जीतनराम मांझी
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अकेले ऐसे बड़े नेता हैं, जिन्होंने अपने चुुनाव के समय भी दूसरों के लिए प्रचार किया। वे गया संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। वहां पहले चरण में मतदान संपन्न हो जाने के बाद मांझी सभी चरणों में महागठबंधन के उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे हैं।
शरद यादव
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव खुद मधेपुरा से चुनाव लड़ रहे हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के उम्मीदवार हैं। मधेपुरा में मतदान खत्म होने बाद इन दिनों वे रोज दो-तीन चुनावी सभाओं को संबोधित कर रहे हैं। यादव बहुल क्षेत्रों में उनकी मांग है।
उपेंद्र कुशवाहा
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को उजियारपुर में अधिक मेहनत करनी पड़ी। वहां मतदान समाप्त हो गया। वे काराकाट से भी उम्मीदवार हैं। इसे लेकर अधिक तनाव नहीं है, इसलिए अब वे दूसरों के लिए प्रचार कर रहे हैं। महागठबंधन के उम्मीदवारों के बीच उनकी मांग है।
नित्यानंद राय
उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र ने उपेंद्र कुशवाहा के अलावा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय को भी उलझा दिया था। राय वहां के सिटिंग सांसद हैं। बहरहाल, वहां मतदान हो जाने के बाद नित्यानंद राय भी दूसरों के लिए प्रचार करने लगे हैं।
ललन सिंह
जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह मुंगेर में कड़े मुकाबले में थे। लिहाजा उन्हें दूसरों के लिए प्रचार करने का मौका नहीं मिला। मुंगेर में मतदान हो चुका है। ललन सिंह अब एनडीए के दूसरे उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे।
मुकेश सहनी
खगडिय़ा में जबतक मतदान नहीं हुआ था, विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के मुकेश सहनी का बाहर निकलना दुश्वार था। पहला चुनाव और नया क्षेत्र, उन्हें बाहर निकलने की इजाजत नहीं दे रहा था। मांग पर वे दूसरे क्षेत्रों में जाते थे। अब अपने क्षेत्र में मतदान के बाद वे रोज हेलीकॉप्टर की सवारी कर महागठबंधन के उम्मीदवारों के लिए वोट मांग रहे हैं।
चिराग पासवान
पहले चरण के मतदान में ही अपने क्षेत्र जमुई से मुक्त हो जाने के चलते लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के स्टार प्रचारक बन कर काम कर रहे हैं। उनकी मांग हरेक क्षेत्र में हो रही है। चिराग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ भी मंच साझा करते हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान अधिक उम्र के बावजूद चिराग से थोड़ा ही पीछे रहते हैं।
तारिक अनवर
कांग्रेस नेता तारिक अनवर के क्षेत्र कटिहार में चुनाव हो चुका है। तारिक की मांग बिहार से अधिक झारखंड में है। अपने चुनाव क्षेत्र से निपट कर तारिक सीधे झारखंड चले गए थे।
रविशंकर प्रसाद
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को पटना साहिब क्षेत्र में कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। उम्र भर दूसरों के लिए वोट मांगने वाले रविशंकर पहली बार अपने लिए मांग रहे हैं। विगत चुनावों में उनका भ्रमण पूरे राज्य में होता था। अभी क्षेत्र में बंध से गए हैं।
...और ये पार्टियों के प्रदेश अध्यक्षों का हाल
विभिन्न पार्टियों के प्रदेश अण्यक्षों की बात करें तो एक प्रदेश अध्यक्ष ऐसे भी हैं, जो किसी के चुनाव प्रचार में नहीं गए। यहां तक कि अपने संसदीय क्षेत्र में भी न्यूनतम भ्रमण करते हैं। ये हैं लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस। पारस हाजीपुर से उम्मीदवार हैं। वहां पांचवे चरण में मतदान है। पारस इस लिहाज से निश्चिंत हैं कि हाजीपुर लोकसभा सीट उनके परिवार की परम्परागत होकर रह गई है। अग्रज रामविलास पासवान के नाम पर ही यहां मतदान होता है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामचंद्र पूर्वे की भूमिका भी क्षेत्र में नहीं के बराबर है। जबकि, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा क्षेत्र में प्रचार के लिए भी जाते हैं।