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Lok Sabha Election 2019 : नक्सल प्रभावित इलाकों से दूर हैं राजनीतिक दल

Lok Sabha Election 2019. सिंहभूम संसदीय क्षेत्र के नक्सल प्रभावित इलाकों में अब तक चुनाव प्रचार नहीं हो पाया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 01:22 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 03:15 PM (IST)
Lok  Sabha Election 2019 :  नक्सल प्रभावित इलाकों से दूर हैं राजनीतिक दल
Lok Sabha Election 2019 : नक्सल प्रभावित इलाकों से दूर हैं राजनीतिक दल

चक्रधरपुर, दिनेश शर्मा। Lok  Sabha Election 2019 सिंहभूम संसदीय क्षेत्र के नक्सल प्रभावित इलाकों में अब तक चुनाव प्रचार नहीं हो पाया है। हालांकि क्षेत्र में नक्सली आतंक के साये में पहली बार चुनाव नहीं हो रहे। इससे पूर्व वर्ष 2004, 2005, 2009 एवं 2014 में भी ऐसे ही हालात में चुनाव हुए थे। हाल के वर्षों में नक्सली वारदातों में कमी तो आई है, लेकिन डेढ़ दशक से अधिक समय तक जिले भर में नक्सली संगठनों द्वारा नियमित अंतराल के बाद किए गए उपद्रव के कारण दुर्गम वन क्षेत्र में अवस्थित गांवों में इनका आतंक कायम है।

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नक्सली आतंक की वजह से विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशी एवं कार्यकर्ता दुर्गम इलाकों का रुख नहीं कर रहे। चक्रधरपुर अनुमंडल के पांच प्रखंडों में ऐसे अनेक गांव हैं, जहां नक्सलियों की कदमताल सुनाई देती है। थोड़े कम असर वाले क्षेत्रों में तो फिर भी मामूली चुनावी प्रचार हुआ है, लेकिन ज्यादा असर वाले क्षेत्रों में अब तक प्रचार शुरू ही नहीं हुआ है। मनोहरपुर प्रखंड के कोलेडा, पोसैता, गनमोर, गुल्लू, बांडी, हतनाबुरू, मरांगपोंगा, थोलकोबाद, बिटकिलसोय, तिरिलपोसी आदि पंचायत में किसी भी दल द्वारा अब तक चुनाव प्रचार नहीं किया गया। जबकि समीज, सागजोड़ी, मकरंडा, लाईलोहार, पंचपहिया में मामूली प्रचार हुआ है। हालांकि प्रखंड की आनंदपुर एवं चिडिय़ा पंचायत के नक्सल प्रभावित होने के बावजूद सभी दलों द्वारा चुनाव प्रचार किया जा रहा है। गोईलकेरा प्रखण्ड की रूंघीकोचा, हरता, टोमडेल आदि पंचायत के गांवों में अब तक किसी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता चुनाव प्रचार की हिम्मत नहीं जुटा पाए हैं। जबकि सेरेंगदा के नक्सल प्रभावित होने के बावजूद भी मामूली तौर पर चुनाव प्रचार किया गया है। सोनुवा प्रखंड के गुदड़ी, ङ्क्षपङ्क्षडग, बांदू, डारियो कमरोड़ा जैसे इलाकों में अब तक जाने की किसी भी दल या प्रत्याशी ने योजना तक नहीं बनाई है।

हालांकि सोनुवा प्रखंड में लोढ़ाई व अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चुनाव प्रचार हो रहा है। सोनुवा के कार्यकर्ताओं ने अपेक्षाकृत मजबूत मनोबल का परिचय दिया है। बंदगांव प्रखंड के पोड़ंगेर, ममाईल, कुल्डा एवं कोलेडा समेत दुर्गम वनक्षेत्र में अवस्थित कई इलाकों के निवासी संसदीय चुनाव से अब तक बेखबर हैं। हालांकि मुख्य मार्ग के समीप घाटी के कुछ क्षेत्रों में प्रचार किया जा रहा है। लेकिन राजनीतिज्ञों की हिम्मत दुर्गम वन क्षेत्र में प्रवेश करने की नहीं हो रही। जहां तक चक्रधरपुर प्रखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की बात है, तो यहां नक्सली संगठनों का आतंक बेअसर दिखता है। चक्रधरपुर प्रखंड के सभी क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर चुनाव प्रचार किए जा रहे हैं।


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