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Lok Sabha Election : छई छप्पा छई, गंगा की लहरों पर सियासत की कश्ती

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का जलमार्ग से जनता तक का सफर सोमवार को शुरू हो गया है। प्रयागराज दौरे के साथ ही गंगा की लहरों पर सियासी कश्‍ती में सवार होकर वह मिशन पर निकलीं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 01:04 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 01:04 PM (IST)
Lok Sabha Election : छई छप्पा छई, गंगा की लहरों पर सियासत की कश्ती
Lok Sabha Election : छई छप्पा छई, गंगा की लहरों पर सियासत की कश्ती

मदन मोहन सिंह, प्रयागराज : जी चाहता है, फिल्म हु तु तु के लिए गुलजार की लिखीं लाइनें चुराकर कुछ जोड़-घटा लूं-छई छप्पा छई। आती जाती लहरों पे....सियासत की कश्ती।' वर्चुअली तो यह कश्ती कई दिन से तैर रही है। लेकिन, हकीकत में इसका लंगर सोमवार से उठा। इस कश्ती पर मुसाफिर होंगी कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा। सफर संगमनगरी प्रयागराज से बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी तक का है। बीच-बीच में पैदल और कार की सवारी भी करेंगी।

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मतदाताओं तक पहुंचने का प्रियंका का नायाब रास्ता

लखनऊ में रोड-शो के जरिए सियासत में धमाकेदार आमद दर्ज कराने वालीं प्रियंका ने मतदाताओं तक पहुंचने का एक नायाब रास्ता खोजा है-जलमार्ग से जनता तक। वैसे तो इस एनडब्ल्यू-1 यानी राष्ट्रीय जलमार्ग-1 को मोदी सरकार ने विकसित किया है माल ढुलाई और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए। मगर सियासत की ढुलाई पहले हो जाएगी। शायद यह पहली बार है, जब किसी पार्टी का कोई नेता इतनी लंबी दूरी तक जलमार्ग से प्रचार या जनसंपर्क अभियान के लिए निकला है।

नमामि गंगे का लिटमस टेस्ट भी होगा

कांग्रेस के लोग दावा कर रहे हैं कि प्रियंका गंगा किनारे के लोगों से मिलकर उनकी समस्याएं जानेंगी। गणित यह भी लगाया जा रहा है कि उनके एजेंडे में हैं गंगा किनारे का बड़ा पिछड़ा वर्ग वोट बैंक। नमामि गंगे का लिटमस टेस्ट भी होगा। अगर राहुल गांधी जनेऊ पहनकर फोटो खिंचवा चुके हैं तो प्रियंका संगम दर्शन के बाद विंध्यवासिनी व बाबा विश्वनाथ सहित कई मंदिरों में दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद लेंगी और कांग्रेस की एक गांठ हिंदुत्व से भी बांधेंगी। तीन दिन के अपने इस पूरे सफर में प्रियंका छह संसदीय सीटों को नापेंगी। आखिरी पड़ाव होगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी।

प्रियंका की यात्रा में भी कुछ खींचतान जैसे संकेत उभरे

प्रियंका की इस यात्रा को लेेकर संगठन में भी कुछ खींचतान जैसे संकेत भी उभरे। शुक्रवार को तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने ट्वीट कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के उत्साह में नींबू निचोड़ दिया- 'उप्र महासचिव प्रियंका गांधी जी अभी आई भी नहीं कि उनके लंबे-चौड़े प्रोग्राम आ गए।' इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में थोड़ी मायूसी आ गई थी। लेकिन, एसपीजी के आने और शनिवार रात निर्वाचन आयोग-प्रशासन द्वारा कुनमुनाते हुए कार्यक्रम की अनुमति दे देने से तैयारियों में फिर उफान आ गया। रविवार रात 10:37 बजे प्रियंका गांधी वाड्रा का काफिला स्वराज भवन पहुंच गया। सोमवार सुबह वह अपने 'मिशन' पर निकल पड़ीं।  

इन पर भी नजर डालें

- 06 संसदीय क्षेत्रों इलाहाबाद, फूलपुर, भदोही, मीरजापुर, चंदौली और वाराणसी का होगा दौरा

- 04 धार्मिक स्थलों बड़े हनुमान मंदिर, लाक्षागृह, विंध्यवासिनी देवी व विश्वनाथ मंदिर जाएंगी प्रियंका

- 05 स्थानों मनैया, दुमदुमा, सिरसा, लाक्षागृह व मांडा में लोगों से मुलाकात करेंगी कांग्रेस महासचिव

- 38 गांवों से होकर निकलेगी प्रियंका की गंगा यात्रा, घाटों पर ग्रामीणों का अभिवादन भी करेंगी।


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