Move to Jagran APP

Jharkhand Lok Sabha Election 2019: कोल्हान-कोयलांचल में कब्जा बनाए रखने की चुनौती

Lok Sabha Election 2019. झारखंड की चार सीटों धनबाद जमशेदपुर सिंहभूम और गिरिडीह पर 12 मई को मतदान होगा। इन पर सीधी लड़ाई एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 11 May 2019 10:29 AM (IST)Updated: Sat, 11 May 2019 05:20 PM (IST)
Jharkhand Lok Sabha Election 2019: कोल्हान-कोयलांचल में कब्जा बनाए रखने की चुनौती
Jharkhand Lok Sabha Election 2019: कोल्हान-कोयलांचल में कब्जा बनाए रखने की चुनौती

रांची, [प्रदीप सिंह/आनंद मिश्र]। Lok Sabha Election 2019 - झारखंड में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के लिए शुक्रवार को प्रचार थम गया। चार सीटों धनबाद, जमशेदपुर, सिंहभूम और गिरिडीह में 12 मई को मतदान होगा। इन सीटों पर सीधी लड़ाई एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच है।

loksabha election banner

फिलहाल इन चारों सीटों पर भाजपा का कब्जा है। भाजपा ने चार में से तीन स्थानों धनबाद, जमशेदपुर और सिंहभूम में जहां पुराने प्रत्याशियों पर ही दांव लगाया है वहीं गिरिडीह सीट गठबंधन के तहत आजसू पार्टी को दी गई है। यह प्रयोग सफल रहा तो इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन का विस्तारित स्वरूप नजर आएगा।

उधर विपक्षी गठबंधन के तहत झारखंड मुक्ति मोर्चा ने दो सीटों जमशेदपुर और गिरिडीह में अपने प्रत्याशी उतारे हैं जबकि कांग्रेस प्रतिष्ठित धनबाद सीट के अलावा सिंहभूम से किस्मत आजमा रही है। धनबाद से क्रिकेटर सह राजनेता कीर्ति झा आजाद के उतरने से यह सीट राष्ट्रीय स्तर पर लोगों की निगाह में है।

धनबाद : कीर्ति के लिए कठिन है पिच

भाजपा से निकलकर कांग्रेस के पक्ष में बल्लेबाजी कर रहे कीर्ति झा आजाद के लिए धनबाद की पिच कठिन है। इसकी कई वजहें हैं। झारखंड में उनकी पार्टी कांग्रेस संगठनात्मक तौर पर सशक्त नहीं है। नेताओं में सिर फुटौव्वल भी इस कदर है कि वे एक-दूसरे को नहीं सुहाते। जबकि भाजपा का ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर है।

धनबाद संसदीय क्षेत्र में भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में लगभग तीन लाख वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। इस संसदीय क्षेत्र में एकमात्र निरसा सीट को छोड़ सभी विधानसभा क्षेत्रों पर भाजपा का कब्जा है। धनबाद नगर निगम भी भाजपा के अधीन है। इसके अलावा मोदी फैक्टर भी भाजपा के पक्ष में है। हालांकि कीर्ति झा आजाद ने टिकट मिलने के बाद माहौल बनाने की कोशिश की है।

उनके पक्ष में कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गांधी ने रोड शो किया। विपक्षी महागठबंधन के कई नेताओं ने भी उनके पक्ष में प्रचार किए। भाजपा ने भी प्रचार वार में कोई कमी नहीं की। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यहां सभाएं की हैं। भाजपा प्रत्याशी पशुपतिनाथ सिंह ने पिछले दो चुनावों में लगातार जीत हासिल की है।

उन्होंने कांग्रेस और कम्युनिस्टों के गढ़ को वापस पाने में कामयाबी पाई है। इससे पहले नब्बे के दशक में हुए चार चुनावों में लगातार भाजपा की डॉ. रीता वर्मा ने इस सीट पर कब्जा किया था। असंगठित कोयला मजदूरों की बुरी स्थिति, झरिया में विस्थापन-पुनर्वास का मसला, कोयला कंपनियों में कम होती नौकरी आदि मुद्दे भी चुनाव को प्रभावित कर रहे हैं। कुछ श्रमिक संगठनों ने भी अपनी-अपनी पसंद के लिहाज से राजनीतिक दलों को समर्थन किया है।

प्रत्याशियों की सूची

भारतीय जनता  पार्टी    पशुपति नाथ सिंह

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस     कीर्ति आजाद

बहुजन समाज पार्टी       मेघनाथ रवानी

तृणमूल कांग्रेस        माधवी सिंह

अमरा बंगाली         मंतोष कुमार मंडल

समाजवादी पार्टी      मेराज खान

पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक)    दीपक कुमार दास

बहुजन मुक्ति पार्टी      सुधीर कुमार महतो

आल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक     हीरालाल शंखवार

सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर आफ इंडिया (कम्युनिस्ट)    राम लाल महतो

भारतीय अंबेडकर पार्टी     मिहिर चंद महतो

निर्दलीय           उमेश पासवान

निर्दलीय          प्रेम प्रकाश पासवान

निर्दलीय          बामपदा बौरी

निर्दलीय           राजेश कुमार सिंह

निर्दलीय          लक्ष्मी देवी

निर्दलीय          वरुण कुमार

निर्दलीय         संजय पासवान

निर्दलीय         केसी सिंह राज

निर्दलीय        सिद्धार्थ गौतम

गिरिडीह : कुर्मी महारिथियों की जंग

गिरिडीह संसदीय सीट में सीधी लड़ाई एनडीए समर्थित आजसू पार्टी और विपक्षी महागठबंधन के झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी के बीच है। कुर्मी-कोइरी बहुल इस संसदीय क्षेत्र में आदिवासी, मुस्लिम समेत सामान्य जातियों का भी दबदबा है। हालांकि दोनों दलों ने कुर्मी जाति के प्रत्याशियों पर ही दांव लगाया है।

आजसू पार्टी से रामगढ़ के विधायक और राज्य सरकार में मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी को झारखंड मुक्ति मोर्चा के कद्दावर नेता और डुमरी के विधायक जगरनाथ महतो टक्कर दे रहे हैं। इस संसदीय क्षेत्र में झारखंड के अन्य इलाकों की अपेक्षा चुनाव प्रचार ज्यादा ही आक्रामक तरीके से हो रहा है। जगह-जगह दोनों दलों के चुनावी कार्यालय हैं, जहां स्थानीय स्तर पर रणनीति को अंजाम दिया जा रहा है।

सबसे ज्यादा उठापटक प्रभावी वोटर समूहों को आकर्षित करने की है। इनका झुकाव प्रत्याशियों के जीत की राह आसान बनाएगा। कई क्षेत्रों में नक्सलियों का भी दबदबा है, जहां वे चुनाव को प्रभावित करने की भरसक कोशिश कर सकते हैं। हालांकि दोनों प्रतिद्वंद्वी पार्टियां यहां भितरघात से भी दो-चार हैं। भाजपा ने अपने सिटिंग एमपी रविंद्र पांडेय का टिकट काट दिया।

आरंभ में लगा था कि रविंद्र बगावत करेंगे लेकिन भविष्य में त्याग का फल पाने की चाहत में उन्होंने चुप्पी साध ली है। उधर गिरिडीह सीट से टिकट की दौड़ में पिछड़े झारखंड मुक्ति मोर्चा के मांडू विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने खुलेआम बगावत कर दी है। वे पार्टी से निकाले जा चुके हैं और एनडीए का प्रचार कर रहे हैं। जयप्रकाश के पिता टेकलाल महतो गिरिडीह के सांसद रह चुके हैं। इसी आधार पर उन्होंने टिकट की दावेदारी की थी। यहां शहरी वोटरों की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों के वोटरों का झुकाव प्रत्याशी की जीत-हार तय करेगा।

प्रत्याशियों की सूची

राजनीतिक दल      नाम

आजसू              चंद्रप्रकाश चौधरी

झारखंड मुक्ति मोर्चा    जगरनाथ महतो

बहुजन समाज पार्टी       रशूल बख्श

उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना     अमित जानी

भारतीय लोकमत राष्ट्रवादी पार्टी      अहमद अंसार

ऐहरा नेशनल पार्टी      चंद्रदेव प्रसाद

विश्व शक्ति पार्टी      जोगेश्वर ठाकुर

रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया(ए)    द्वारका प्रसाद लाला

झारखंड पार्टी (सेक्युलर)     मधुसूदन

भारतीय मानवअधिकार फेडरल पार्टी      शिबू सिंह

बहुजन मुक्ति पार्टी      सोहराब शाह

निर्दलीय       राजेंद्र दुसौंधी

निर्दलीय      संजीव कुमार महतो 

निर्दलीय       सिम्मी सुमन

निर्दलीय       सुनीता टुडू

सिंहभूम : मुकाबला गिलुवा-गीता में, दांव पर मोदी-राहुल की प्रतिष्ठा

सिंहभूम संसदीय सीट से भाजपा और कांग्रेस दोनों की प्रतिष्ठा जुड़ी है। इस सीट से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं उनका सीधा मुकाबला महागठबंधन की कांग्रेस उम्मीदवार गीता कोड़ा से है। झारखंड की एकमात्र ऐसी संसदीय सीट है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दोनों ने हुंकार भरी है।

आदिवासी बहुल इस सीट के सियासी समीकरण काफी उलझे हुए हैं। मुद्दों की धुरी जल, जंगल, जमीन पर आकर टिक गई है जो इन्हें साध लेगा दिल्ली तक पहुंच जाएगा। सिंहभूम में प्रचार के अंतिम दिन दोनों ही दलों ने मोटरसाइकिल रैली निकालकर अपना दम दिखाया है।

यहां भाजपा की ताकत उसके संगठन की मजबूती है जबकि महागठबंधन की ताकत उनकी एकजुटता। महागठबंधन की ताकत उसकी कमजोरी भी बताई जा रही है, कांग्रेस को सहयोगी दल झामुमो के सभी विधायकों का वैसा सहयोग नहीं मिल रहा है, जैसा आकलन किया गया था।

प्रत्याशियों की सूची

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस    गीता कोड़ा

भारतीय जनता पार्टी      लक्ष्मण गिलुवा

झारखंड मुक्ति मोर्चा (उलगुलान)    कृष्णा मार्डी

बहुजन समाज पार्टी      परदेशी लाल मुंडा

अंबेडकर पार्टी आफ इंडिया      प्रताप सिंह बानरा

कलिंगा सेना         हरि उरांव

सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट)    चंद्र मोहन हेम्ब्रम

निर्दलीय        अनिल सोरेन

निर्दलीय        पुष्पा सिंकू

जमशेदपुर : गुरु-चेला की भिड़ंत

जमशेदपुर संसदीय सीट पर भी मुकाबले की तस्वीर तकरीबन पूरी तरह साफ है। यहां चुनाव मैदान में कुल 23 प्रत्याशी जोर आजमाइश कर रहे हैं लेकिन मुकाबला भाजपा के वर्तमान सांसद विद्युत वरण महतो और झामुमो के चंपई सोरेन के बीच ही है। दोनों पुराने साथी सियासी रण में एक दूसरे के खिलाफ नए पैतरे आजमा रहे हैं। भाजपा ने यहां अपनी पूरी ताकत लगाई है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और गृह मंत्री राजनाथ सिंह की जनसभा तो हुई ही है मुख्यमंत्री रघुवर दास का गृह क्षेत्र होने के कारण इस सीट पर उन्होंने भी पूरा समय दिया है। शहरी क्षेत्र में भाजपा की हवा दिखती है तो ग्रामीण क्षेत्रों में तीर धनुष की पकड़ को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। जमशेदपुर में शहरी मतदाताओं की संख्या करीब 7.11 लाख बताई जाती तो ग्रामीण वोटरों की संख्या 8.20 लाख है।

यहां मुद्दों को दरकिनार कर राजनीतिक दल क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण साध अपनी नैया पार लगाने में जुटे हैं। जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र का जातीय गणित किसी एक पक्ष में जाता नहीं दिखाई देता। यहां वोटों की एकजुटता और बिखराव का परिणाम पर असर पड़ेगा। संयोग की बात है कि दोनों प्रतिद्वंद्वी कभी एक ही दल में हुआ करते थे।

प्रत्याशियों की सूची

भारतीय जनता पार्टी     विद्युत वरण महतो

झारखंड मुक्ति मोर्चा     चंपई सोरेन

बहुजन समाज पार्टी       अशरफ हुसैन

झारखंड पार्टी          रंजीत कुमार सिंह

तृणमूल कांग्रेस     अजंना महतो

अमरा बंगाली        अंगद महतो

भारत प्रभात पार्टी      असजदुल्लाह इमरान

भारती पंचायत पार्टी      कमर रजा खान

पीपुल्स पार्टी आफ इंडिया (डेमोकेट्रिक)     चंद्रशेखर महतो

सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट)    पनमनी सिंह

कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया (माक्र्सवादी -लेनिनवादी)         मलय कुमार महतो

 राइट टू रिकाल पार्टी    महेश कुमार

अहिरा नेशनल पार्टी     सबिता कैबार्तो

झारखंड पार्टी (नरेन)    शेख अखिर उदिन

अंबेडकर राइट पार्टी ऑफ इंडिया     सुब्रत कुमार प्रधान

झारखंड पीपुल्स पार्टी    सूर्य सिंह बेसरा

निर्दलीय         असित कुमार सिंह

निर्दलीय          दिनेश महतो

निर्दलीय        दीपक कुमार गिरी

निर्दलीय        मुबीन खान

निर्दलीय        राकेश कुमार

निर्दलीय         शैलेष कुमार सिंह

निर्दलीय         सरिता आंनद

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.