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अरुणाचल रैली में पीएम ने पहनी आदिवासियों की पारंपरिक टोपी, जानें- क्या है इसका महत्व

प्रधानमंत्री मोदी अक्सर अपने पहनावों और पारंपरिक वेशभूषा को लेकर चर्चा में रहते हैं। अरुणाचल प्रदेश से पहले भी वह कई बार पारंपरिक आदिवासी परिधान व टोपियों में नजर आ चुके हैं।

By Amit SinghEdited By: Published: Sat, 09 Feb 2019 04:44 PM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 10:38 AM (IST)
अरुणाचल रैली में पीएम ने पहनी आदिवासियों की पारंपरिक टोपी, जानें- क्या है इसका महत्व
अरुणाचल रैली में पीएम ने पहनी आदिवासियों की पारंपरिक टोपी, जानें- क्या है इसका महत्व

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो चुकी हैं। ऐसे में भाजपा ने भी जोर-शोर से चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रधानमंत्री दो दिन के पूर्वोत्तर के दौरे पर हैं। शुक्रवार को उन्होंने पश्चिम बंगाल में एक जनसभा को संबोधित किया था। शनिवार को उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में एक रैली की। इस दौरान प्रधानमंत्री एकदम अलग अंदाज में दिखे।

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अरुणाचल की रैली में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदिवासियों की ब्योपा टोपी पहने हुए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल की रैली के दौरान आदिवासियों की एक फारपंरिक टोपी (हेडगेयर) पहन रखा था, जिसे ब्योपा (Byopa) कहते हैं। ब्योपा, अरुणाचल प्रदेश की एक बड़ी जनजाति नाइशि (Nyishi) के पारंपरिक परिधान का महत्वपूर्ण हिस्सा है। अरुणाचल के सरकारी कार्यक्रमों में ब्योपा को मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों को उपहार स्वरूप भेंट करने का चलन है।


पहले भी अरुणाचल की रैली में प्रधानमंत्री ने आदिवासियों की पारंपरिक ब्योपा टोपी पहनी थी।

ये हेडगियर आदिवासियों द्वारा पारंपरिक तौर से बेंत द्वारा एक टोपी के डिजाइन में तैयार किया जाता है। इसके आगे की तरफ एक हॉर्नबिल की चोंच और पीछे की तरफ उसके खूबसूरत पंख को लगाया जाता है। आदिवासी समुदाय में ये पारंपरिक टोपी हॉर्नबिल के प्रति उनकी श्रद्धा और सम्मान को प्रदर्शित करता है।


यही वो खूबसूरत हॉर्नबिल पक्षी है, जिसकी चोंच और पंख से आदिवासी ब्योपा तैयार करते थे।

हालांकि हार्नबिल एक लुप्तप्राय पक्षि है और उसका अस्तित्व खतरे में है। लिहाजा पिछले एक दशक से ज्यादा समय से ब्योपा अब फाइबर ग्लास की चोंच और कृत्रिम पंखों के जरिए तैयार किया जा रहा है। इससे पक्षियों को संरक्षित करने में तो मदद मिली है, साथ ही ब्योपा को विभिन्न रंग व डिजाइन में पहले से ज्यादा फैशनबेल भी बनाया जाने लगा है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले भी अलग-अलग राज्यों की पारंपरिक टोपियां पहनी हैं।

इससे पहले भी अरुणाचल प्रदेश में रैली या जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पारंपरिक ब्योपा पहनाकर स्वागत किया जा चुका है। अरुणाचल प्रदेश ही नहीं इससे पहले भी कई बार देश के अलग-अलग हिस्सों में जनसभा करने के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलग-अलग टोपियों में नजर आ चुके हैं।


इन टोपियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ये दोनों लुक काफी चर्चा में रहे थे।

अलग-अलग राज्यों में दौरे के दौरान प्रधानमंत्री वहां के आदिवासियों द्वारा तैयार की जाने वाली पारंपरिक पोशाक पहनते हैं। इन पारंपरिक पोशाकों में उनकी कई तस्वीरें इंटरनेट पर मौजूद हैं। इसके अलावा कई बार प्रधानमंत्री पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाते हुए भी दिख जाते हैं।

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