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PM MODI in Varanasi : पीएम मोदी ने नामांकन दाखिल किया, सहयोगी दलों ने दिखाई एकजुटता

पीएम नरेंद्र मोदी का काशी से लगाव यहां की परंपराओं और संस्‍कारों से भी है लिहाजा उन्‍होंने अपने नामांकन से पूर्व अपने संसदीय क्षेत्र बनारस के पुरातन संस्कारों को भी निभाया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 26 Apr 2019 08:13 AM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2019 04:41 PM (IST)
PM MODI in Varanasi : पीएम मोदी ने नामांकन दाखिल किया, सहयोगी दलों ने दिखाई एकजुटता
PM MODI in Varanasi : पीएम मोदी ने नामांकन दाखिल किया, सहयोगी दलों ने दिखाई एकजुटता

वाराणसी [आनन्द राय]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी संसदीय क्षेत्र से अपनी दूसरी पारी के लिए आज काशी के 'कुरुक्षेत्र' में ताल ठोंक दी। काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव से आशीर्वाद लेने के बाद मोदी ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर अभिजित मुहूर्त में 11 बजकर 55 मिनट पर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। वाराणसी से अपना नामांकन दाखिल करने के बाद एक बार फ‍िर पीएम नरेंद्र मोदी ने गठबंधन दल के नेताओं से मुलाकात की। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी लाल बहादुर शास्‍त्री अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट रवाना हो गए। 

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पीएम मोदी के नामांकन में देश के विभिन्न राज्यों से आये एनडीए के घटक दलों के प्रमुखों की मौजूदगी से यह संकेत देने की कोशिश थी कि पूरा भारत उनके साथ खड़ा है। मोदी ने इसके पहले कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा भी 'कश्मीर से कन्या कुमारी तक, काशी घाट से पोरबंदर तक उत्साह का माहौल है। देश में लोग खुद कह रहे हैं फिर एक बार मोदी सरकार।' उन्होंने मतदान के सारे रिकार्ड तोडऩे की भी अपील की।

अपने रोड शो से गुरुवार की शाम को यादगार बनाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बनारस की सुबह को भी ताजा कर दिया। अलसुबह वह अस्सी घाट पहुंच गये और फिर काल भैरव मंदिर गये। दर्शन-पूजन किया। इसके पहले होटल डी-पेरिस में बूथ अध्यक्षों और प्रमुख कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया। इधर कलेक्ट्रेट में उनके नामांकन के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व महामंत्री भूपेंद्र यादव मौजूद थे। मोदी के समर्थन में आये एनडीए के घटक शिरोमणि अकाली दल के मुखिया प्रकाश सिंह बादल, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, जद (यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार, लोजपा अध्यक्ष राम विलास पासवान,  अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल बस में सवार होकर पहुंचे तो अमित शाह ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। 

शाह ने घटक दलों के अध्यक्षों को शाल देकर सम्मानित भी किया। पासवान ने कहा 'मोदी हम सबके नेता हैं और हम लोग उनके पीछे चट़टान की तरह खड़े हैं।' इस बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, तमिलनाडु के उप मुख्यमंत्री पनीर ओ सेल्लम, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय मंत्री व लोकसभा चुनाव प्रभारी जेपी नडड़ा समेत कई प्रमुख लोग भी कलेक्ट्रेट आ गये। 

पीएम मोदी सवा 11 बजे कलेक्ट्रेट पहुंचे। गेट पर ही वह गाड़ी से उतर गये। फूलों से पटी उनकी काले रंग की कार गुरुवार की तरह ही गुलाबी दिख रही थी। यह फूल काशी के लोगों ने बरसाए थे। कुर्ता-पायजामा और काले रंग की सदरी पहने मोदी गाड़ी से उतरे तो उनके दोनों हाथ जुड़े थे। वह पैदल ही चल पड़े। पीएम मोदी का योगी आदित्यनाथ और भूपेंद्र यादव ने स्वागत किया। कलेक्ट्रेट के स्वागत कक्ष में आते ही वह सहयोगी दलों के अध्यक्षों से मिले। अमित शाह ने मोदी को अंगवस्त्र पहनाया तो राजनाथ सिंह ने उन्हें गुलदस्ता दिया। वह बारी-बारी से सभी अतिथियों से हाल चाल लेते रहे। कभी साथियों से बात करते हुए वह खिलखिला कर हंसते और कभी गंभीर हो जाते। अमित शाह ने उन्हें पानी का गिलास दिया। वह 11 बजकर 40 मिनट पर इस कक्ष से नामांकन कक्ष के लिए निकले तो बाकी सहयोगी कक्ष में ही रुक गये। 

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मोदी ने नामांकन कक्ष में पहुंचते ही अपनी एक प्रस्तावक डॉक्टर अन्नपूर्णा शुक्ला का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। नारी शक्ति के प्रति उनकी श्रद्धा और आशीर्वाद स्वरूप बुजुर्ग महिला का उनके सिर पर आया हाथ,  एक नये माहौल का साक्षी था। मोदी ने इसके पूर्व प्रकाश सिंह बादल के भी पैर छुए। संस्कारों के साथ उन्होंने अपना बड़प्पन दर्शाया। वह सभी प्रस्तावकों का भी अभिवादन कर रहे थे। निर्वाचन अधिकारी के सामने मोदी कुर्सी पर बैठे। उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले शपथ ली। मोदी के नामांकन में काफी वक्त लगा। कई सेट में दाखिल उनके परचे की विधिवत जांच होती रही।  

मोदी ने दिया देश व्यापी संदेश, काशी के प्रति जताया आभार 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी मे मिले प्यार और आशीर्वाद के प्रति आभार जताया लेकिन, देश की इस सांस्कृतिक और धार्मिक राजधानी से मोदी ने बड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सभी मतदाताओं से आग्रह है कि जो भी मतदान बाकी है, उन सभी चरणों में लोकतंत्र के उत्सव में शांतिपूर्वक मतदान करें। मतदान आपका हक है। लोकतंत्र का उत्सव है। ज्यादा से ज्यादा मतदान कर लोकतंत्र को मजबूत बनाना चाहिए। 

नामांकन के बाद पत्रकारों से बातचीत में पीएम मोदी ने कहा कि पांच वर्ष बाद एक बार फिर काशीवासियों ने मुझे जो आशीर्वाद दिया है वह वास्तव में मेरी ताकत है। इतना लंबा रोड शो काशीवासी ही कर सकते हैं। यह बाबा की नगरी, मां गंगा का आशीर्वाद, यह जो प्यार, दुलार और आशीर्वाद मिला है, यह उज्ज्वल भारत के भविष्य के लिए संकल्प है। मीडिया का भी आभार जताया। उन्होंने कहा कि आप धूप में काम कर रहे हैं। आप सबका स्वास्थ्य अच्छा रहे। आपको शक्ति मिले। उन्होंने काशी के मतदाताओं को भी अलग से चेताया कि आप किसी बहकावे में मत आना और भारी संख्या में मतदान करना।

मोदी छोड़ गये अमिट छाप 

मोदी 2014 में काशी में नामांकन पत्र भरने आये तो वह सिर्फ गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इस बार वह प्रधानमंत्री के रूप में आये। पिछली बार उन्हें काशी को लेकर संशय था इसलिए गुजरात के बड़ौदा से भी नामांकन भरे थे। पर, इस बार उन्हें काशी पर भरोसा था। इन पांच वर्षों में ही उन्होंने काशी को आत्मसात किया और खुद कहा भी कि मैं काशी से फकीरी सीखा हूं। कबीर, रामानुज, गौतम बुद्ध जैसे महामानवों के मंत्र को जिंदगी में उतारने और उसे काशीवासियों से साझा कर मोदी ने अमिट छाप छोड़ी। इन दो दिनों ने काशी ने उन पर खूब प्यार लुटाया। नामांकन कर वापस लौट रहे थे तो कचहरी में उमड़ी जनता अपने गगनभेदी नारों से उन्हें अभी से जीत का अहसास दिला रही थी। मोदी भावुक थे। उन्हें इस यात्रा में यह अहसास हुआ कि काशी अबकी बार उन्हें प्रतिष्ठा के साथ रिकार्ड सम्मान भी देगी। भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्साह तो वैसे ही सिर चढ़कर बोल रहा है। पर, सामान्य लोग भी कह रहे हैं कि मोदी के सामने कोई लड़ाई नहीं है। प्रियंका वाड्रा के मैदान में आने के बार-बार एलान और फिर कदम वापस समेट लेने का भी एक अलग संदेश गया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित कहते हैं कि मोदी के सामने कौन अपनी जमानत जब्त कराने आएगा। प्रियंका को भी इस बात का अहसास है कि वह मैदान में आती तो जमानत नहीं बचती।

डोमराजा परिवार के जगदीश भी प्रस्‍तावक

पीएम नरेंद्र मोदी का वाराणसी में नामांकन दाखिल करते समय प्रस्तावक कौन होंगा इसको लेकर भाजपा अंतिम समय तक गोपनीयता बरतती रही। हालांकि शुक्रवार की सुबह इस बाबत स्थिति भी स्‍पष्‍ट हो गई। उनके प्रस्‍तावकाें में डोमराजा परिवार के जगदीश चौधरी, अखिल भारतीय विज्ञान अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिक रमाशंकर पटेल, जनसंघ के जमाने से भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता सुभाष गुप्ता, बीएचयू स्थित महिला महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्या अन्नपूर्णा शुक्ला शामिल हैं। प्रस्‍तावकों को कलेक्‍ट्रेट परिसर तक पहुंचाने के लिए पार्टी की ओर से एक दिन पूर्व ही तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। 

कार्यकर्ताओं को किया संबोधित

प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सभी का परिश्रम कल मुझे देखने को मिला, मैं भी बूथ पर कार्यकर्ता रहा हूं। मुझे भी दीवारों पर पोस्‍टर लगाने का मौका मिला था। देश भर के सभी नागरिकों व कार्यकर्ताओं का आभार प्रकट करता हूं। मैंने कल हर काशीवासी में एक मुखिया का अनुभव किया। ये देश भर के कार्यकर्ताओं की मेहनत है कि देशभर में उत्‍साह का माहौल है। लोग खुद कह रहे हैं कि फिर एक बार मोदी सरकार। देश में इतने चुनाव हुए, चुनाव के बाद राजनीतिक पंडितों को माथापच्‍ची करनी पड़ेगी कि यह सुनहरी स्थिति देश देख  रहा है। जनता ने मन बना लिया है। जनता जितना प्‍यार दे रही है उसके प्रति हमें हर पल आभार जताना है। यह बात माननी पड़ेगी कि आपने जो परिश्रम किया है वह कल रोड शो में उमड़ी भीड़ देखकर पता चला। कार्यकर्ता का प्रेम और प्रजा का प्रेम ही एकता की अनुभूति कराता है। मैं पूरे देश का चुनाव देख रहा हूं, डेढ़ माह से हिंदुस्‍तान के कोने कोने में जा रहा हूं, भाजपा, कार्यकर्ता, मोदी, शाह और योगी सभी निमित्‍त भर हैं, चुनाव तो देश की जनता लड़ रही है। जनता पांच साल के अनुभव के आधार पर, अपेक्षा, आकांक्षा लेकर हमसे जुड़ी है। यह बड़ा सौभाग्‍य है।

पहले सरकारें बनती थीं, लोग सरकारें बनाते थे, लेकिन पांच साल सरकार चलते हुए जनता ने अबकी देखा। सरकार बनाना जनता के हाथ लेकिन चलाना हमारी जिम्‍मेवारी है। हमने ईमानदारी से उस जिम्‍मेवारी निभाई है। हमने कभी बहाना नहीं बनाया। आप कार्यकर्ता ही मेरे मालिक हैं जिसे मैं हिसाब देता हूं। पांच साल में कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी ने जितना, जब और जहां समय मांगा मैंने मना नहीं किया। कार्यसमिति में भी एक कार्यकर्ता की तरह ही पूरा समय बैठा हूं। मेरे भीतर के कार्यकर्ता को मैंने कभी मरने नहीं दिया। पीएम के तौर पर मैं जिम्‍मेदारी निभाता रहा हूं और एमपी और पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर  भी उतना ही सजग हूं। 

हमारी पार्टी अाज बड़ी है, इसे अखबारों और टीवी ने नहीं बनाया, हम बड़े परिवारों से नहीं आए, हम  छोटे  छोटे कार्यकर्ता, ग्‍वाले के तौर पर हैं। रामजी के पास पूरी बानर सेना थी, शिवाजी के पास किसान आैर मालवे थे उसी तरह से हम सभी भारत मां के छोटे छोटे सिपाही हैं। कृष्‍ण में गोवर्धन उठाने की ताकत जरूर रही होगी लेकिन कृष्‍ण ने हमें संगठन सिखाया है कि कैसे हर ग्‍वाले की लकड़ी की जरूरत होती है। 

एक-एक वोट महत्‍वपूर्ण होता है। भाजपा कार्यकर्ता के नाते आपकी कठिनाई बहुत है, खासकर बनारस वालों की। दूसरी जगहों पर तो उनका उम्‍मीदवार साथ चलता है, आप का उम्‍मीदवार भाग्‍यवान हैं कि वे कहीं भी रहे लेकिन यहां का कार्यकर्ता खुद को उम्‍मीदवार मानते हुए काम करता है। इस चुनाव के दो पहलू  है, एक वाराणसी लोकसभा जीतना जो काम कल पूरा हो गया, हो गया है न। एक काम अभी बाकी है वो है पोलिंग बूथ जीतना। बनारस जीत गए अब पोलिंग बूथ जीतना है। एक भी पोलिंग बूथ पर भाजपा का झंडा झुकने नहीं देना है। मोदी देश नहीं झुकने देगा और कार्यकर्ता भाजपा का झंडा नहीं झुकने देगा। आज नामांकन के बाद कुछ नहीं करना है, सब गंगा मईया देख लेगी। चुनाव जीत के मुझे आनंद नहीं होगा अगर एक भी पोलिंग बूथ पर मेरा कार्यकर्ता हार गया। अब आपकी प्राथमिकता मेरा बूथ सबसे मजबूत। 

हमें कुछ रिकार्ड भी तोड़ने हैं, मोदी सबसे अधिक वोट से जीते या न जीते यह मुद्दा है ही नहीं। मुझे लोकतंत्र जीतने में रुचि है। इसका मतलब है कि अब तक बनारस में, यूपी में जितना पोलिंग हुआ है, मई की 40 डिग्री में भी मतदान के पुराने सारे रिकार्ड हम तोड़ देंगे। मैं गुजरात में भी एक काम नहीं कर पाया वो आप यहां  कर दीजिए। वह काम यह है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं का मतदान पांच फीसद अधिक होना चाहिए, यह बनारस में करना है। 

कल रोड शो कर रहा था तो सुरक्षा को लेकर लोगों ने खूब चिंता की। सोशल मीडिया पर कई संदेश आए। लेकिन मोदी की कोई सुरक्षा करता है तो इस देश की करोड़ों माताएं करती हैं। वे शक्ति  बनके मेरी सुरक्षा कवच बनी हुई हैं। माताएं-बहने व्रत कर रही हैं, पूजा कर रही हैं, अपने बच्‍चों को वोट देने की नसीहत देती हैं। इसलिए सुनिश्चित करें कि यदि 100 वोट पुरुष के पड़े तो 105 वोट महिलाओं के होने चाहिए। पहली बार वोट करने वालों की अलग लिस्‍ट बनाएं। एक गुड़ का टुकड़ा उन्‍हें खिलाएं। उन्‍हें लगना चाहिए कि वे  21वीं सदी का निर्णायक बनने जा रहा है। उनपर पुष्‍पवर्षा करें। वे वोट किसी को भी दें  लेकिन भाजपा उनका सम्‍मान करे। लोकतंत्र एक उत्‍सव होता है, हम दीवाली में पटाखे छोड़ते हैं लेकिन किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। हमारे कितने भी विरोधी हों लेकिन भाईचारा बनाए रखें उनसे। कहीं कोई झगड़ा नहीं होना चाहिए। आप करेंगे तो दूसरे दल भी ऐसा करना सीख जाएंगे। मीडिया को बनारस के चुनाव में कोई रुचि नहीं रह जाएगी क्‍योंकि वर्ल्‍ड कप में  भी भारत-पाकिस्‍तान के मैच बिना रुचि नहीं रहती है। दूसरा उम्‍मीदवार हमारा दुश्‍मन नहीं है इसलिए उसका आदर करिए। हमें हेकड़ी नहीं करना चाहिए। हेकड़ी वाले 400 से 40 हो गए। हमें नम्रता से चुनाव लड़ना चाहिए। राजनीति में भाईचारा और प्रेम खत्‍म हो रहा है उसे हमें वापस लाना है। 

एक सज्‍जन को लोग गालियां दे रहे थे लेकिन वे निश्चिंत हो कर चलते रहे। लोगों ने  पूछा लोग गालियां दे रहे हैं आप को कोई चिंता ही नहीं। जवाब मिला, देखो भाई बाजार में कुछ भी लेने जाओगे और बिना लिए आओगे तो कुछ मिलेगा क्‍या। इसलिए जिसे जो देना है देता रहे मेरी जेब में जगह ही नहीं है तो मैं लूूंगा कहां। मैं गंदी से गंदी चीज से खाद बनाता हूं और उसी से कमल खिलाता हूं। मुझे गालियां देने दीजिए, उसे मेरे खाते में बढ़ा दीजिए।  कम से कम  खर्च में चुनाव लड़ने की  कोशिश होनी चाहिए। अहमदाबाद वाले सिंगल खर्च डबल सेलरी वाले होते हैं। हमें चुनाव में वही करना है। कार्यकर्ताओं के सभी खर्चे बंद कर दीजिए। दस परिवार चुन लीजिए। एक जगह चाय पीजिए, दूसरी जगह अखबार पढि़ए, नाश्‍ता करिए, उनके घर का हाल लीजिए। टीवी भी उन्‍हीं के घर देखिए। बिना खर्च चुनाव लड़ लेंगे। प्रत्‍येक कार्यकर्ता दस परिवारों के वोट की चिंता करे। कमल के फूल का बटन दबेगा तो देश महक उठेगा। ऐसा करेंगे तो इलेक्‍शन कमीशन को नोटिस देना पडेंगा कि यदि किसी ने घर में भाजपाइयों को चाय पिलाएगा तो उसे जवाब देना पड़ेगा। बनारस का चुनाव ऐसा लड़ें कि राजनीतिक पंडितों को इस पर किताब लिखनी पड़ जाए। मैं हो सकता है बीच में बनारस नहीं आ पाउंगा लेकिन आप सभी मोदी बनकर चुनाव लड़ें। मुझे हर बूथ जीते बिना बनारस जीतने का मजा नहीं आएगा। जनता का दिल जीत लेंगे तो दल को जनता जिता ही देगी। बंगाल और केरल में भाजपा कार्यकर्ता जब घर से निकलते हैं तो कहते हैं कि पार्टी का काम करने जा रहा हूं यदि शाम को जिंदा लौट के न आया तो कल से छोटे भाई को भेज देना। 

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पीएम ने क्रूज से किया गंगा में सफर

वाराणसी से दूसरी बार सांसदी का पर्चा दाखिल करने से पूर्व वह पहले काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव के दरबार गए। यहां पूजन-अनुष्ठान करने के बाद बाबा की अनुमति लेकर नामांकन दाखिल करने कलेक्ट्रेट के लिए रवाना हुए। इससे पूर्व सुबह 8.15 बजे पीएम नरेंद्र मोदी अस्‍सी घाट से क्रूज से गंगा में सफर करने के लिए पहुंचे। पीएम लगभग 40 मिनट तक गंगा में क्रूज से सफर करने के बाद वापस सुबह नौ बजे अस्सी घाट पहुंचे। अस्‍सी घाट पर कार्यकर्ताओं ने सुबह जब मोदी मोदी के नारे लगाकार पीएम का समर्थन किया तो पीएम ने भी कार्यकर्ताओं के उत्‍साह पर हाथ हिलाकर जवाब दिया। 

एनडीए के दिग्‍गजों ने दिखाई एकजुटता

नरेंद्र मोदी के नामांकन के दौरान भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मेघालय के मुख्यमंत्री सीके संगमा, नागालैंड के सीएम नेफ्यू रियो, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, बिहार के सीएम नीतिश कुमार, तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, अनुप्रिया पटेल, पीयूष गोयल, जेपी नड्डा लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, मनोज सिन्हा, शाहनवाज हुसैन, मनोज तिवारी, गोपालजी टंडन, भूपेंद्र यादव, सुनील ओझा, महेशचंद्र श्रीवास्तव, नवीन कपूर। देर रात वाराणसी पहुंचे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सुबह आठ बजे बाबा कालभैरव का दर्शन पूजन किया। 

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