मोदी ने विपक्ष पर बोला हमला, कहा- देश में दो तरह की राजनीति हो रही, एक वोटभक्ति और दूसरी देशभक्ति
मोदी ने कहा कि देश में लोकसभा चुनाव के दो चरण पूरे हो चुके हैं। इनमें एनडीए को मिले समर्थन से विरोधियों की जमीन खिसक गई है।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के बुनियादपुर, बिहार के अररिया, उत्तर प्रदेश के एटा व बरेली में चुनावी सभाओं में विपक्ष पर जमकर हमले किए। अररिया में मोदी ने कहा कि देश में दो तरह की राजनीति हो रही है। एक तरफ देशभक्ति, दूसरी तरफ वोट भक्ति। दो चरण के चुनाव के बाद विरोधियों की जमीन खिसक गई है। वह अब एयर स्ट्राइक के सुबूत नहीं मांग रहे हैं। उधर, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा कि वह पूरे देश में रंगदारी मॉडल लागू करना चाहती हैं। ममता के कारनामे देखकर सिर शर्म से झुक गया है। अब सारधा, नारदा, रोजवैली घोटाले के पाई-पाई का हिसाब किया जाएगा।
विरोधियों की जमीन खिसकी, अब नहीं मांग रहे सुबूत
अररिया में विजय संकल्प रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि देश में लोकसभा चुनाव के दो चरण पूरे हो चुके हैं। इनमें एनडीए को मिले समर्थन से विरोधियों की जमीन खिसक गई है। यही कारण है कि अब विरोधियों ने आतंकियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का सुबूत मांगना बंद कर दिया है।
मां, माटी और मानुष के साथ छलावा
पश्चिम बंगाल में मोदी ने कहा कि ममता वोट बैंक और तुष्टीकरण के लिए दूसरे देश के लोगों (बांग्लादेशी अभिनेताओं) को बुलाकर चुनाव प्रचार करवा रही हैं। पूरा देश कह रहा है कि इस बार बंगाल में कुछ बड़ा होने वाला है। वाकई राज्य के लोगों ने बदलाव की ठान ली है। बुनियादपुर में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि लोगों ने ममता दीदी पर बहुत विश्वास किया और उन्होंने ही राज्य के मां, माटी और मानुष (ममता का प्रिय नारा) के साथ छलावा किया है। वह भ्रष्टाचारियों के लिए धरने पर बैठ गई थीं। एयर स्ट्राइक के सुबूत मांगने पर पलटवार करते हुए कहा-'अरे दीदी, सुबूत ही खोजने हैं तो जरा चिटफंड के घोटालेबाजों के खोजें।
सपा-बसपा की नजर में जातियां और गरीब सिर्फ वोट बैंक
उत्तर प्रदेश के एटा में मोदी के निशाने पर सपा-बसपा और गठबंधन ही रहा। उन्होंने दोनों की नीतियों को एक जैसा बताते हुए कहा कि दोनों की नजर में जातियां और गरीब सिर्फ वोट बैंक हैं। उन्होंने कहा कि हम किसान सम्मान निधि की पांच एकड़ भूमि की सीमा को बढ़ाएंगे। 60 साल से अधिक आयु के किसान-मजदूरों को पेंशन भी देंगे। इसके साथ ही यह सुनिश्चत करेंगे कि गरीबों की जमीन पर कोई दबंग कब्जा न कर ले।