Lok Sabha Election 2019: चाहती है जनता, पीएम हो ममता- अरूप विश्वास
Lok Sabha Election 2019 तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दार्जीलिंग जिले के प्रभारी व राज्य के लोक निर्माण एवं खेल विभाग के मंत्री अरूप विश्वास ने दैनिक जागरण से खास बातचीत की।
सिलीगुड़ी, जेएनएन। लोकसभा चुनाव की दलीय रणनीति तय करने को लेकर तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, दार्जीलिंग जिले के प्रभारी व राज्य के लोक निर्माण एवं खेल विभाग के मंत्री अरूप विश्वास इन दिनों यहीं डेरा जमाए हुए हैं। सुबह से शाम व देर रात तक जगह-जगह रैली, सभा व बैठकों में ही उनका वक्त बीतता है। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत 18 अप्रैल को रायगंज व जलपाईगुड़ी के साथ ही साथ दार्जीलिंग लेकसभा क्षेत्र में भी मतदान होना है। उसी के समीकरण तय करने को मंत्री अरूप विश्वास यहां डेरा डाले हुए हैं। इस बीच रविवार दोपहर एक होटल में उन्होंने दैनिक जागरण से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश।
जगह-जगह जा रहे हैं, कैसा लग रहा है, क्या होगा?
हर जगह हमारी नेत्री ममता बनर्जी की लहर है। जहां जाता हूं वहां तृणमूल कांग्रेस का जोड़ा फूल (घास फूल) ही नजर आता है। मां-माटी-मानुष की नेत्री ममता बनर्जी द्वारा किया गया विकास झलकता है। उस विकास के प्रति लोगों का प्रेम दिखता है। नरेंद्र मोदी की बतोलेबाजी अब और नहीं चलने वाली।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का प्रदर्शन कैसा रहेगा?
42 में 42। भाजपा को ‘गोल्ला’ मिलेगा ‘गोल्ला’। हमारे बंगाल का रोसोगोल्ला बहुत प्रसिद्ध है। रस वाला गोल्ला। मगर, भाजपा को रस वाला नहीं केवल गोल्ला मिलेगा। उसका मतलबहोता है ‘जीरो’।
दार्जीलिंग के बारे में क्या ख्याल है, मिलेगा?
दार्जीलिंग में तृणमूल कांग्रेस तीन लाख से ज्यादा वोटों से जीतेगी। यहां भाजपा का कोई प्रभाव ही नहीं रह गया है। केवल बतोलेबाजी से युद्ध नहीं जीता जाता। करके दिखाना पड़ता है।
कोई तीन काम बता दें जो कि दार्जीलिंग में आपने किया और उसके चलते आपकी जीत पक्की है?
विकास, विकास, विकास। ये तीन काम हुए हैं। हमारी नेत्री ममता बनर्जी ने पहाड़ पर शांति, सद्भाव और विकास की गंगा बहा दी है। हमारी सरकार ने साढ़े सात साल में जो विकास कर दिखाया है वह अन्य के लिए साढ़े सात हजार सालों में भी कर पाना संभव नहीं। पहाड़ के लोग ममता बनर्जी से बहुत खुश हैं। वे भी शांति, सद्भाव और विकास ही चाहते हैं।
दार्जीलिंग में गोजमुमो, जीएनएलएफ व अन्य कई दल भाजपा के साथ हैं फिर आप कैसे जीत पाएंगे?
पहाड़ पर इनमें से किसी का कोई प्रभाव नहीं है। पहाड़ की जनता ने भाजपा को 10 साल मौका दिया। क्या हुआ? मोदी ने क्या किया? 11 जनजाति को मान्यता देने के लिए हमारी सीएम ममता बनर्जी ने पांच-छह बार केंद्र सरकार को पत्र लिखा। पर, उन्होंने कुछ नहीं किया। हमारी नेत्री चाहती हैं कि पहाड़ के लोगों की पहचान संकट का समाधान हो। उन्हें ज्यादा से ज्यादा स्वायत्ता दी जाए। पहाड़ का विकास हो। उन्होंने करके दिखाया, दिखा रही हैं व आगे और भी बेहतर करके दिखाएंगी।
भाजपा, गोजमुमो, जीएनएलएफ व अन्य की ओर से दार्जीलिंग में संयुक्त सभा होने जा रही है। कहा जा रहा है कि वह अब तक का सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन होगा?
दार्जीलिंग में हमारी सभा में जितनी भीड़ हुई उसका 10वां भाग भी उन लोगों की सभा में नजर आ जाए तो कहिएगा।
देश के बारे में बताइये, इस बार क्या होने जा रहा है?
देश में यही होने जा रहा है कि भाजपा नीत एनडीए को 130 से ज्यादा सीट नहीं मिलने जा रही है। इस बार बंगाल ही देश का नेतृत्व करेगा।
आपका क्या मतलब है, ममता पीएम बनेंगी?
जी हां। केवल मैं नहीं, सब चाहते हैं। नोट कर लीजिए, ‘यही चाहती है देश की जनता, पीएम हों ममता’। यह बंगाल के लिए गर्व का विषय होगा।
ममता तो लोगों से अपील कर रही हैं कि वे कांग्रेस व माकपा को वोट न दें?
वह उन्होंने बंगाल के संदर्भ में अपील की है। यहां कांग्रेस व माकपा को वोट देना मतलब वोट को बर्बाद करना है। यहां भाजपा के विरुद्ध सबसे बड़ी शक्ति तृणमूल कांग्रेस ही है। अन्य कई राज्यों में भी क्षेत्रीय दलों का ही ज्यादा प्रभाव है। दिल्ली दरबार में इस बार क्षेत्रीय दलों की ही भूमिका अहम होगी।
राम नवमी है, उस पर भी सियासत हो रही है, क्या कहेंगे?
राम सब के हैं। सबको राम नवमी की बधाई। बांग्ला नववर्ष की भी शुभकामनाएं। राम को लेकर सियासत नहीं होनी चाहिए। राम किसी के इकलौते नहीं हैं। वह सबके हैं, सारे संसार के हैं। राम के नाम पर आस्था व श्रद्धा का प्रदर्शन होना चाहिए। घृणित राजनीति का नहीं, तीर, धनुष, तलवार आदि हथियारों का नहीं।
भाजपा के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष दिलीप घोष कहते हैं कि तीर, धनुष, तलवार आदि हथियार हिंदू संस्कृति का हिस्सा हैं। जिन्हें इन सब पर आपत्ति है वे हिंदू संस्कृति व परंपरा को नहीं जानते?
कौन दिलीप घोष? मैं नहीं जानता किसी दिलीप घोष को। राम के नाम की ठेकेदारी करने वालों को वास्तव में राम के बारे में कुछ पता ही नहीं। मैंने कहा न, राम किसी के इकलौते नहीं है। वह सबके हैं। सारे संसार के हैं। उनकी कृपा हम सब पर बनी रहे।