जनता ने सिरे से नकारा कांग्रेस का न्याय, केंद्र सरकार की योजनाओं ने भाजपा को दिलाई जीत
कांग्रेस के न्याय वाले वादे पर जनता आकर्षित नहीं हुई। वहीं केंद्र सरकार की कई योजनाओं ने चुनाव के दौरान भाजपा को सीधा फायदा पहुंचाया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। एक तरफ एनडीए सरकार की तरफ से हर घर को आवंटित हो चुका एलपीजी गैस सिलेंडर था, बिना किसी की जेब गर्म किये हुए बिजली कनेक्शन था, किसानों के बैंक खाते में दो हजार रुपये की नकदी थी। दूसरी तरफ कांग्रेस की घोषणा पत्र में हर गरीब को 72 हजार रुपये की सुनिश्चित आय योजना उपलब्ध कराने और किसानों के सारे कर्ज माफ करने का वादा था। कागजों पर तो कांग्रेस का वादा ज्यादा मजबूत दिखाई देता है लेकिन देश की जनता ने ''नौ नकद और तेरह उधार'' की कहावत को चरितार्थ करते हुए जमीन पर लागू की गई योजनाओं को ही तवज्जो दी।
जनता ने सिरे से नकारा कांग्रेस का न्याय
न्याय के वादे पर जनता क्यों नहीं आकर्षित हुई इसको लेकर राजनीतिक विशेषज्ञ आने वाले दिनों में समीक्षा करेंगे, लेकिन एक बात जो अभी सामने आ रही है उससे साफ है कि इस नारे से जनता कनेक्ट नहीं कर पाई। चुनाव के अंतिम तीन-चार चरणों में कांग्रेस ने पूरे देश में न्याय के प्रचार के लिए विशेष अभियान चलाया गया। खासतौर पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, पंजाब, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र में न्याय को ज्यादा प्रचारित किया गया। लेकिन पंजाब को छोड़ कर कहीं भी कांग्रेस का प्रदर्शन उल्लेखनीय नहीं है।
भाजपा को उज्जवला योजना का मिला लाभ
जिन राज्यों में किसान ज्यादा कर्ज में डूबे हैं वहां भी पूर्ण कर्ज माफी का नाम लेने वाले नहीं रहे। महाराष्ट्र इसका उदाहरण है जहां के किसानों को चुनाव से पहले पीएम किसान निधि के दो हजार रुपये ने ज्यादा रिझाया। इसी तरह से महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 33 फीसद आरक्षण देने के कांग्रेस के वादे को उन महिलाओं ने खास तवज्जो नहीं दिया जिन्हें पहले ही उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन मिल चुका है। जिस बिजली कनेक्शन के लिए बाबुओं को घूस देने के साथ ही महीनों इंतजार करना पड़ता था उन्हें सौभाग्य योजना के तहत घर जा कर बिजली कनेक्शन दिया गया। उज्ज्वला योजना के तहत सात करोड़ गरीबों को एलपीजी कनेक्शन मिला है।
90 करोड़ वोटरों में केंद्रीय योजनाओं का रहा प्रभाव
शुरुआती गड़बड़ी के बाद अब इनमें से 72 फीसद लोग साल में चार-पांच सिलेंडर रिफिल करवा रहे हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार ने देश भर के ग्रामीण इलाको में नौ करोड़ साफ स्वच्छ शौचालयों का निर्माण करवाया है। भाजपा की रणनीति थी कि इन दोनों योजनाओं से 90 करोड़ वोटरों में से 25 करोड़ वोटरों को प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर प्रभावित किया जाए। दैनिक जागरण की टीम ने अपने चुनावी दौरे में गांव गांव में यह महसूस किया कि जिन गरीबों को उज्जवला, सौभाग्य या शौचालयों के निर्माण से फायदा पहुंचा है वे जाति-धर्म से आगे हो कर वोट देने की मंशा रखते थे।
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