झारखंड में महागठबंधन की कमान संभालेंगे हेमंत सोरेन
Hemant Soren. झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन के आवास पर जुटे सारे विपक्षी दिग्गजों ने एक सुर से कहा कि वे विधानसभा चुनाव हेमंत सोरेन के नेतृत्व में लड़ेंगे।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में विपक्षी महागठबंधन को लेकर फिलहाल अटकलों का दौर थमता नजर आ रहा है। गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन के आवास पर हुई बैठक में यह लगभग तय हो गया कि वे राज्य में विपक्षी महागठबंधन का नेतृत्व करेंगे। तमाम कयास के विपरीत पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार, राष्ट्रीय जनता दल की प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी समेत वामदलों के प्रमुख नेताओं ने बैठक में शिरकत की।
सभी ने एक स्वर में स्वीकारा कि गठबंधन कर लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। इसका अंतिम स्वरूप तय करने की मियाद 30 जनवरी रखी गई है। इस दौरान दिल्ली में भी बैठक होगी। तमाम कवायद पूरी करने के बाद विपक्षी दलों के नेता संयुक्त तौर पर महागठबंधन की औपचारिक घोषणा करेंगे।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने बैठक समाप्त होने के बाद कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ने पर सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन का उद्देश्य भाजपा को हराना है। केंद्र व राज्य सरकार की गलत नीतियों के कारण लोग बेहाल हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा समान विचारधारा वाले दलों के साथ चुनाव मैदान में जाएगा।
भाजपा कंफ्यूजन पैदा कर रही : डॉ. अजय
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार के मुताबिक भाजपा विपक्षी महागठबंधन में भ्रम पैदा करना चाहती है। उन्होंने कहा कि लोकसभा में कांग्रेस और विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन का नेतृत्व रहेगा। इसे लेकर कोई दिक्कत नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी इसकी घोषणा कर चुके हैं।
हेमंत सोरेन के नेतृत्व में लड़ेंगे चुनाव : अन्नपूर्णा देवी
राजद की प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी ने कहा है कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में विपक्षी दल चुनाव लड़ेंगे। राज्य में विपक्षी महागठबंधन हर हाल में बनेगा। गठबंधन में किसी प्रकार की समस्या नहीं है। सभी दल आपस में बैठकर सीटों पर फैसला करेंगे। झारखंड मुक्ति मोर्चा सबसे बड़ा दल है। हेमंत सोरेन के नेतृत्व पर कोई विरोध नहीं है।
हर हाल में करेंगे गठबंधन : बाबूलाल मरांडी
झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने गठबंधन की पुरजोर वकालत की है। बैठक समाप्त होने के बाद उन्होंने कहा कि हर हाल में झारखंड में गठबंधन कर चुनाव लड़ेंगे। भाजपा देश में लोकतंत्र को कमजोर कर रही है। गठबंधन का स्वरूप 30 जनवरी तक तय कर लिया जाएगा। बैठक में लोकसभा और विधानसभा चुनाव पर चर्चा की गई।
आगे क्या होगा
-30 जनवरी तक विपक्षी दलों के नेताओं की अलग-अलग बैठकें होंगी।
-प्रदेश कांग्र्रेस के सह प्रभारी उमंग सिंघार शुक्रवार को आएंगे रांची, इसके बाद आएंगे प्रभारी आरपीएन सिंह।
-नई दिल्ली में कांग्र्रेस आलाकमान संग होगी बैठक।
-नई दिल्ली-रांची में होगी महागठबंधन की घोषणा।
बैठक में उठी बातें
-हेमंत सोरेन ने कहा कि झामुमो सबसे बड़ा दल है। कहा कि उन्हें नेता घोषित कर चुनाव लड़ा जाए।
-भाकपा ने हजारीबाग सीट पर दावेदारी की।
-झाविमो-भाकपा ने कहा कि चुनाव मिलकर लड़ें। नेता पर फैसला बाद में कर लेंगे।
लोस चुनाव में कहां किसकी दावेदारी, कहां फंसेगा पेंच
-कांग्र्रेस का दावा आठ सीटों रांची, खूंटी, धनबाद, जमशेदपुर, चाईबासा, हजारीबाग, गोड्डा और लोहरदगा पर।
-झामुमो की दावेदारी दुमका, राजमहल, जमशेदपुर, गिरिडीह पर।
-झाविमो कोडरमा व गोड्डा, राजद चतरा और पलामू एवं सीपीआइ हजारीबाग।
भाजपा ने कांग्रेस को बताया झामुमो का पिछलग्गू
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने महागठबंधन की आज हुई बैठक पर कटाक्ष करते हुए कहा हेमंत सोरेन को महागठबंधन का नेता मानकर कांग्रेस ने यह सिद्ध कर दिया कि वह झारखंड में एक क्षेत्रीय दल की पिछलग्गू बनेगी। शाहदेव ने कहा कि जीवन भर शिबू सोरेन और उनके परिजनों को कोसने वाले बाबूलाल मरांडी ने आज हेमंत सोरेन के नेतृत्व को स्वीकार करके दिखा दिया कि अब तक का उनके द्वारा नीति सिद्धांत की बात करना महज एक ढकोसला था।
प्रतुल ने कहा कि पिक्चर अभी बाकी है क्योंकि इसके पहले भी डॉक्टर अजय कुमार और आरपीएन सिंह ने कांग्रेस की ओर से हेमंत को गठबंधन का नेता माना था लेकिन तीन राज्यों में मिली सफलता और कोलेबिरा की जीत के बाद अजय कुमार ने पलटी मार दी थी।
कांग्रेस के घोषणापत्र में स्थानीय मुद्दे भी होंगे शामिल
झारखंड प्रदेश योजना एवं क्रियान्वयन समिति ने प्रदेश के प्रमुख स्थानीय मुद्दों को कांग्रेस के घोषणापत्र में शामिल कराने की बात कही है। गुरुवार को समिति की बैठक के दौरान पारा शिक्षकों की मांगों, मंगल डैम, कोयलकारो और नेतरहाट फिल्ड फायरिंग प्रोजेक्ट, जेपीएससी में बहाली में गड़बड़ी आदि कई मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान तय किया गया कि विधानसभा में मंगल डैम के शिलान्यास का विरोध किया जाएगा। यह डैम पूर्व से निर्मित है तो फिर शिलान्यास राजनीतिक फायदे के लिए किया गया।
समिति के चेयरमैन डॉ. रामेश्वर उरांव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में डॉ. सरफराज अहमद, आलोक कुमार दुबे, अमिताभ रंजन और थियोडोर किड़ो उपस्थित थे। नेताओं ने राज्य में 24 घंटे बिजली आपूर्ति के वादे पर सरकार की विफलता को भी मुद्दा बनाने के साथ-साथ रोजगार के मोर्चे पर फेल होने का भी विषय उठाया।