Lok Sabha Election 2019 : केंद्र में लालबत्ती नहीं मिलने से विकास की हरियाली नहीं बही
जिले का समुचित विकास नहीं हो सका है। इसमें बहुत बड़ा कारण राजनीतिक भी है ऐसा यहां के लोग कहते हैं। यहां से एकमात्र दिनेश सिंह ही हैं जिन्हें केंद्रीय मंत्री बनने का मौका मिला।
राज नारायण शुक्ल राजन, प्रतापगढ़ : राजे-रजवाड़ों का जिला और सांसद भी एक से बढ़कर एक तेवर वाले। कोई दो बार तो कोई तीन बार देश की सबसे बड़ी पंचायत में पहुंचा। हालांकि केंद्र की कैबिनेट में जगह नहीं बना सका। सिर्फ एक ही सांसद को केंद्रीय मंत्री बनने का मौका मिला, वह थे राजा दिनेश सिंह। संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं को इस बात का मलाल भी कहीं न कहीं सालता है कि समीप के जिले प्रयागराज से कई चेहरों को मंत्री बनाया गया। वहीं प्रतापगढ़ के सांसदों को दरकिनार ही किया जाता रहा।
कांग्रेस के राजा दिनेश सिंह ही बन सके केंद्रीय मंत्री
अब तक हुए 16 आम चुनावों में चुने गए सांसदों में केवल कांग्रेस के राजा दिनेश सिंह ही ऐसे रहे, जिनको एक नहीं दो बार भारत के विदेश मंत्री के रूप में जिले का नाम रोशन करने का मौका मिला। लखनऊ के काल्विन कालेज में पढ़े राजा दिनेश 1962-66 में विदेश मंत्रालय में उपमंत्री बने थे। इसके बाद 1966-67 में राज्य मंत्री और 1967-69 और 1988-89 वाणिज्य मंत्री एवं औद्योगिक विकास मंत्री, 1970-71 में आंतरिक व्यापार मंत्री, 1969-1970 और 1993-1995 में विदेश मंत्री थे। इनके अलावा किसी सांसद को केंद्र में लाल बत्ती पाकर जिले में विकास की हरियाली लाने का मौका नहीं मिला।
इंदिरा गांधी के करीबी मुनीश्वर दत्त को भी मंत्री बनने का नहीं मिला मौका
यहां तक कि पंडित मुनीश्वर दत्त उपाध्याय को भी नहीं, जो इंदिरा गांधी के बहुत करीबी रहे। उनको इंदू कह कर बेटी की तरह व्यवहार करते थे। राजा अजीत प्रताप व राम विलास वेदांती जैसे दिग्गज भी मंत्री नहीं बन पाए। रामकिंकर मंत्री बने, पर वह प्रतापगढ़ के सांसद नहीं थे, जिससे जिले के विकास में वह बहुत योगदान नहीं दे सके। स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि कुछ और सांसदों को मंत्री बनने का मौका मिला होता तो जिले के दामन पर विकास में फिसड्डी होने का दाग न लगता।