कभी निशाने पर रहे पूर्व मंत्री सिंघी अब भाजपा का गहना
Congress Ex MLA join BJP पूर्व कांग्रेस सरकार में मंत्री एवं पांच बार विधायक रहे सिंघी राम जब तक कांग्रेस में थे वह भाजपा के निशाने पर रहे।
शिमला, जेएनएन। यह चुनाव का दौर है। जाहिर है जीत के लिए वोट चाहिए। इसके लिए हर जुगत अपनाई जा रही है। यहां तक कि आरोपितों को भी साथ लिया जा रहा है। यह बात भाजपा ने पूर्व मंत्री सिंघी राम को पार्टी में शामिल कर साबित कर दी है। यह अलग बात है कि सभी राजनीतिक दलों की यही स्थिति है। जब तक नेता दूसरी पार्टी में रहते हैं तब तक उन पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हैं। वही नेता जब अपनी पार्टी में आ जाता है तो वह पाक साफ हो जाता है।
पूर्व कांग्रेस सरकार में मंत्री एवं पांच बार विधायक रहे सिंघी राम जब तक कांग्रेस में थे, वह भाजपा के निशाने पर रहे। चाहे कैंची घोटाला, चीन यात्रा या फर्जी प्रमाणपत्र का मामला रहा हो, भाजपा सिंघी राम पर भ्रष्टाचार के आरोपों की झड़ी लगाती रही। वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सिंघी राम को रामपुर विधानसभा क्षेत्र से टिकट नहीं दी। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और कांग्रेस के लिए प्रचार न करने के आरोप भी लगाए गए। इसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। वर्ष 2017 में सिंघी राम ने विधानसभा चुनाव के दौरान निर्दलीय चुनाव लड़ा था। लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान सिंघी राम अब भाजपा का गहना हैं। भाजपा ने सिंघी राम को पार्टी में शामिल कर 3800 वोटों के लिए उन पर दांव खेला है जो 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें मिले थे। अब इनमें से कितने वोट भाजपा के खाते में आते हैं, यह समय बताएगा।
चुनाव से पूर्व दिखाई सरकार ने मेहरबानी
ङ्क्षसघी राम के भाजपा में आने की बिसात लोकसभा चुनाव से पूर्व बिछ गई थी जब भाजपा सरकार ने उन पर दोहरी मेहरबानी दिखाई थी। ङ्क्षसघी राम के बिना अनुमति विदेश दौरा करने के लिए रिकवरी की रकम लाखों से घटाकर हजारों में कर दी गई थी। इसके बाद इस रकम को एक साथ वसूलने के बजाय ङ्क्षसघी राम के अनुरोध पर किस्तें लगा दी गईं। यह समझौता लोकसभा चुनाव से ठीक पहले किया गया था। ङ्क्षसघी राम से बिना अनुमति तीन देशों के दौरे के कारण साढ़े तीन लाख से अधिक राशि वसूली जानी थी। अब लगभग 76 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं। यह वसूली भी लगभग 15-15 हजार रुपये की किस्तों से की जाएगी।
सरकारी खर्च पर विदेश दौरा
सिंघी राम जब पूर्व कांग्रेस सरकार में बागवानी मंत्री थे तब सरकारी खर्च पर जर्मनी, इटली व दुबई के दौरे पर गए थे। उनका यह दौरा नियमानुसार नहीं माना गया। 29 जुलाई 2015 को एचपीएमसी के तत्कालीन एमडी जेसी शर्मा की ओर से ङ्क्षसघी राम को 76,990 रुपये और 26 अप्रैल 2018 को एचपीएमसी के जीएम सुरेंद्र माल्टू ने 3,64,965 रुपये रिकवर करने का नोटिस दिया। इसके बाद मामला जयराम मंत्रिमंडल में गया। ङ्क्षसघी राम पर मेहरबानी कर 76 हजार रुपये रिकवर करने को मंजूरी दी गई। रकम घटाने पर सिंघी राम इस राशि को देने के लिए तैयार हो गए और इसे किस्तों में देने का अनुरोध किया। इस पर एचपीएमसी सहमत हो गया।
बेटी के नाम फर्जी प्रमाणपत्र का आरोप
वर्ष 2008 से पहले बीआर राही जब हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड में अध्यक्ष थे तो उस दौरान रामपुर से विधायक एवं बागवानी मंत्री ङ्क्षसघी राम की बेटी के नाम से जमा दो कक्षा का फर्जी प्रमाणपत्र तैयार होने का आरोप लगा। इसमें 90 फीसद अंक दिए गए। इसके आधार पर मंत्री की बेटी को दिल्ली के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में दाखिला मिल गया। इस संबंध में धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया गया। अक्टूबर 2008 में कोर्ट में चार्जशीट दायर हुई। यह मामला जिला न्यायालय धर्मशाला में विचाराधीन है।