शरीर से लाचार बुजुर्ग भी लोकतंत्र को ऐसे दे रहे हैं मजबूती, देखें- EXCLUSIVE तस्वीरें
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मताधिकार का प्रयोग करने के लिए युवा ही नहीं बुजुर्ग मतदाता भी पूरे उत्साह के साथ मतदान केंद्रों में पहुंच रहे है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मताधिकार का प्रयोग करने के लिए युवा ही नहीं बुजुर्ग मतदाता भी पूरे उत्साह के साथ मतदान केंद्रों में पहुंच रहे है। उम्र 95 वर्ष, लाठी का सहारा। लेकिन मताधिकार को लेकर जज्बा ऐसा कि बूथ पर मतदान के लिए सबसे पहले पहुंच गए। युवाओं में इस बात को लेकर उत्सुक दिखे कि वे पहली बार वोट कर लोकतंत्र के महाकुंभ में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने जा रहे हैं तो वहीं बुजुर्ग इसे धर्म मानकर उसका निर्वाह करने के लिए पहुंच रहे थे।
ये हैं मथुरा के नई बस्ती निवासी मुन्ना। कहते हैं मतदान हमारा अधिकार है और कर्तव्य भी। मताधिकार को लेकर मुन्ना का ये जज्बा प्रेरित करने वाला है। खासकर उन लोगों के लिए जो अब तक मतदान के लिए नहीं निकले। अगर आप आज के दिन को छुट्टी का दिन समझकर घर पर बिताने जा रहे हैं तो ये तस्वीरें आपकी आंखें खोल देंगी।
हैरत की बात यह है कि मतदान करने को वे बुजुर्ग भी पहुंच रहे हैं जिनकी उम्र 90 साल से अधिक है। इनमें से तो कई चलने की हालत में भी नहीं थे। वोट को धर्म मानने वाले इन बुजुर्गों की इच्छापूर्ति के लिए उनके परिजन पालकी, स्कूटर, व्हीलचेयर आदि पर मतदान केंद्र लेकर पहुंचे।
राधास्वामी मत के गुरु प्रोफ़ेसर पीएस सत्संगी आगरा के दयालबाग में वोट डालते हुए।
कठुआ, रियासी, उधमपुर, डोडा जिले के कई इलाके ऐसे हैं, जहां के गांवों में सड़कें नहीं हैं। ऐसे में कई बुजुर्ग लोगों को मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए पैदल ही आना पड़ा। मतदान केंद्र पहुंचे इन बुजुर्गों का कहना था कि उन्हें याद नहीं उन्होंने कभी वोट न डाला हो। यह कर्तव्य नहीं सभी का धर्म है और इसे हर हाल में पूरा करना चाहिए। जब तक वे जिंदा है, इस धर्म का पालन करते रहेंगे।
खंदौली के सेमरा निवासी 105 बर्षीय रामप्रसाद ने किया मतदान।
आगरा लोकसभा क्षेत्र के खंदौली के उस्मानपुर में 88 साल की सत्यवती अपने नाती की गोद में मतदान करने जाते हुए।
आगरा के सगीर फातिमा पोलिंग बूथ पर व्हील चेयर न मिलने पर कुछ इस तरह पहुंचे दिव्यांग मतदाता।
एंग्लो बंगाली गर्ल्स इंटर कालेज में 105 साल की सईदन ने अपने बेटे मो हनीफ 70 साल के साथ मतदान किया।
कोसीकला में घंटाघर स्थित मतदान केंद्र पर 70 वर्षीय महिला मतदाता रामदुलारी मतदान करने अकेले ही पहुंची। वे अलग ही रहती है। कहा कि वोट से सरकार बनती है। और हमे सुविधाएं मिलती है। इसलिए वोट करने आई हूं।
बुलंदशहर के अनूप शहर क्षेत्र के सबसे अधिक आबादी वाले गांव बगसरा में मतदान करती वृद्धा।
आगरा रामफूली भले ही शतायु के लिए अभी चार वर्ष पीछे हैं लेकिन मतदान के प्रति उनके जोश की कोई बराबरी नहीं कर सकता हे। हाथों में लाठी लिए 96 वर्षीय रामफूली जब मतदान केंद्र पहुंची तो युवा उनके जोश को देखते रह गए।