Lok Sabha Election 2019 : रणक्षेत्र जीतकर गए तो नहीं लौटे भगवान कृष्ण
LOk Sabha Election 2019. जमशेदपुर की जनता ने टेली पर्दे के जिस भगवान कृष्ण को 1996 में माथे पर बैठाकर पूजा की। लोकतंत्र के मंदिर (संसद) तक पहुंचाया वह लौटकर जमशेदपुर नहीं आए।
जमशेदपुर [जितेंद्र सिंह]। जमशेदपुर की जनता ने टेली पर्दे के जिस भगवान कृष्ण को 1996 में माथे पर बैठाकर पूजा की। लोकतंत्र के मंदिर (संसद) तक पहुंचाया, वह इस कदर भक्तों को गच्चा दे गए कि जेहन में अब भी टीस कायम है। बात हो रही है महाभारत धारावाहिक में भगवान श्रीकृष्ण बने नीतिश भारद्वाज की। सांसद बनने के बाद कभी लौटकर जमशेदपुर में नहीं आए।
23 वर्ष पहले की बात है। बीआर चोपड़ा निर्मित धारावाहिक महाभारत की धूम मची थी। भगवान कृष्ण का किरदार निभा रहे नीतिश भारद्वाज घर-घर में लोकप्रिय हो चुके थे। भाजपा ने उन्हें जमशेदपुर के चुनावी रण में उतार दिया। नीतिश भारद्वाज ने जैसे ही लौहनगरी में कदम रखा 'भक्तोंÓ ने भव्य स्वागत किया। नीतिश भारद्वाज को भी ऐसे स्वागत की उम्मीद नहीं थी। प्रजा की 'मायाÓ देखकर आह्लïलादित हो उठे। जब प्रचार के लिए निकले तो सोनारी से बिरसानगर तक उन्हें देखने की होड़ मच गई। महिलाएं उन्हें देखने के लिए आतुर थीं। कोई आरती उतार, तो कोई पैर छूकर धन्य हो उठता। छलिया 'भगवान कृष्णÓ भी भक्तों को देख मंद-मंद मुस्कुरा रहे थे। हर चौक-चौराहे पर गीता का श्लोक 'यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत:Ó जैसे संवाद वोटरों में जोश भर रहा था।
हार गए थे इंदर सिंह नामधारी
मध्य प्रदेश के रहने वाले नीतिश भारद्वाज ने तब के दिग्गज नेता जनता दल प्रत्याशी इंदर सिंह नामधारी को 55,137 वोटों से हरा दिया। नीतिश भारद्वाज को दो लाख 21 हजार 702 वोट मिले थे। यह कुल वोटों का 59.2 फीसद था। रणक्षेत्र से जीत के बाद 'भगवान कृष्णÓ सीधे हस्तिनापुर (दिल्ली) चले गए। भक्त रूपी मतदाता पलक पांवड़े बिछाए उनके आने का इंतजार करते रहे, लेकिन वे नहीं आए। बहरहाल, हाल ही में रितिक रोशन की फिल्म 'मोहेनजोदारोÓ में वह दिखाई दिए। इसमें उन्होंने 'दुर्जनÓ का किरदार निभाया था, जिसने रितिक रोशन के किरदार को पाल पोस कर बड़ा किया था।
घर में ही लक्ष्मण सिंह से 2004 में हार गए नीतिश
वर्ष 2004 में एकबार फिर नीतिश भारद्वाज मध्य प्रदेश के राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह से हुआ। अंतत: नीतिश भारद्वाज हार गए।
आइएएस अफसर से की दूसरी शादी
नीतिश भारद्वाज ने वर्ष 2008 में मध्य प्रदेश कैडर की आइएएस स्मिता गाटे से दूसरी शादी की। पुणे में दोनों की भेंट हुई थी। नितीश के साथ-साथ स्मिता की भी यह दूसरी शादी थी। नितीश अपनी पहली पत्नी मोनिषा पाटिल से अलग हो गए थे। नीतिश व मोनिषा की शादी 1991 में हुई थी।
फ्लैश बैक
- सोनारी से बिरसानगर तक देखने, पैर छूने व पूजने की मच गई थी होड़
- गीता के श्लोक से वोटरों में जोश भर रहे थे महाभारत के नायक