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...तब वाजपेयी को उपहार में मिले थे काकड़ी और मतीरा, आज भी चर्चित है अटल जी की जनसभा

महेंद्रगढ़ में भाजपा कार्यकर्ताओं ने अटल जी को एक जनसभा के दौरान उपहार स्वरुप काकड़ी-मतीरा दिया था जोकि आज भी चर्चित है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 02:54 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 02:54 PM (IST)
...तब वाजपेयी को उपहार में मिले थे काकड़ी और मतीरा, आज भी चर्चित है अटल जी की जनसभा
...तब वाजपेयी को उपहार में मिले थे काकड़ी और मतीरा, आज भी चर्चित है अटल जी की जनसभा

महेंद्रगढ़[हरबिलास बालवान]। अटल बिहारी वाजपेयी का अहीरवाल से विशेष लगाव था। जनता पार्टी से अलग होकर जब भाजपा अस्तित्व में आई तो राष्ट्रीय अध्यक्ष का जिम्मा अटल बिहारी वाजपेयी को मिला। तब अटल जी अहीरवाल की राजनीतिक राजधानी रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और नारनौल पहुंचे थे। महेंद्रगढ़ में हुई उनकी चुनावी तैयारी की जनसभा आज भी चर्चित है। वर्तमान में प्रदेश के शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा और पार्टी के पदाधिकारियों ने तब चुनावी चंदे की थैली के साथ अटल जी को काकड़ी और मतीरे भी उपहार में दिए थे।

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बात 1984 के लोकसभा चुनावों से पहले की है। प्रो. रामबिलास शर्मा ने जागरण से तब के संस्मरण साझा करते हुए बताया कि वाजपेयी सबसे पहले रेवाड़ी पहुंचे थे। बाद में राष्ट्रीय अध्यक्ष बने कुशाभाऊ ठाकरे भी उनके साथ आए थे। वाजपेयी के दौरे को देखते हुए रेवाड़ी में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। इसमें रेवाड़ी, नारनौल व महेंद्रगढ़ के पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल थे।

जब रेवाड़ी और नारनौल के भाजपा पदाधिकारियों की ओर से वाजपेयी को भेंट करने के लिए 21-21 हजार रुपये की थैली देने का ऐलान हुआ तब उन्होंने भी बिना हिचक रेवाड़ी से अधिक राशि की थैली भेंट करने का ऐलान कर दिया। उनकी बात पर कुछ पदाधिकारी हंस पड़े, लेकिन कुशाभाऊ ठाकरे ने उनके बारे में कहा था कि ये लड़का करके दिखाएगा।

प्रो. ने दावा किया कि जब वाजपेयी रेवाड़ी और नारनौल में सभा करके महेंद्रगढ़ पहुंचे तो न केवल सबसे अधिक भीड़ देखकर खुशी जाहिर की। हमने भी तब उन्हें अपने खेतों में पैदा होने वाली काकड़ी और मतीरा (तरबूज की तरह का फल) भेंट किया था। वाजपेयी उदारवादी थे। उन्होंने मुझसे पूछा था कि पार्टी की गतिविधियों का प्रचार किस तरह कर रहे हो। जब मैने मोटर साइकिल का जिक्र किया तो उन्होंने दिल्ली जाकर अपनी जीप भेज दी। इस जीप का रजिस्ट्रेशन नंबर खुद अटल बिहारी वाजपेयी के नाम था।


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