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दक्षिणी दिल्ली के सियासी अखाड़े में भाजपा और कांग्रेस ये दिग्गज भी आजमा चुके हैं दांव

दक्षिणी दिल्ली के सियासी अखाड़े में मनमोहन सिंह सुषमा स्वराज मदन लाल खुराना जनसंघ के बलराज मधोक जैसे दिग्गज उतर चुके हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 04:06 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 04:06 PM (IST)
दक्षिणी दिल्ली के सियासी अखाड़े में भाजपा और कांग्रेस ये दिग्गज भी आजमा चुके हैं दांव
दक्षिणी दिल्ली के सियासी अखाड़े में भाजपा और कांग्रेस ये दिग्गज भी आजमा चुके हैं दांव

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। दक्षिणी दिल्ली के सियासी अखाड़े में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना, जनसंघ के बलराज मधोक जैसे दिग्गज उतर चुके हैं। वर्ष 1989 से भाजपा इस सीट पर अपना दबदबा बनाए हुए हैं। सिर्फ परिसीमन के बाद वर्ष 2009 में हुए चुनाव में कांग्रेस को यहां से जीत मिली थी, लेकिन 2014 में फिर से यह सीट भाजपा के पास आ गई है।

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शुरुआत से ही यहां कांग्रेस और भाजपा के विचारधारा वाले उम्मीदवारों के बीच सियासी भिड़ंत होती रही है, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव से यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था। यदि आम आदमी पार्टी व कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं हुआ तो इस बार भी त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार हैं।

मनमोहन सिंह को करना पड़ा था हार का सामना

भाजपा को बेदखल करने के लिए कांग्रेस यहां से लगातार उम्मीदवार बदलती रही है। वर्ष 1999 में हुए चुनाव में पार्टी ने यहां से अपने दिग्गज डॉ. मनमोहन सिंह को चुनावी समर में उतार दिया था, लेकिन उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। भाजपा नेता प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा उन्हें पराजित कर दूसरी बार संसद पहुंचे थे।

कभी पंजाबी मतदाताओं का होता था दबदबा

1966 में अस्तित्व में आए इस सीट का स्वरूप अब बहुत बदल गया है। महानगर पालिका परिषद के समय से लेकर विधानसभा के गठन के बाद भी इस सीट पर पंजाबी मतदाताओं का दबदबा रहता था, इसलिए कांग्रेस व भाजपा दोनों ही किसी पंजाबी उम्मीदवार को इस क्षेत्र से उतारते रहे हैं। वहीं, 2008 के परिसीमन के बाद इसे नया स्वरूप मिला, अधिकांश पंजाबी आबादी वाले विधानसभा क्षेत्र इससे अलग हो गए हैं।

अब यहां गुर्जर, जाट, पंजाबी के साथ ही पूर्वाचल के लोगों की संख्या ज्यादा है। 1966 से 1993 तक इस क्षेत्र में शामिल दिल्ली मेट्रोपोलिटन कौंसिल के क्षेत्र दिल्ली कैंट, ओखला, मालवीय नगर, आरके पुरम, हौजखास, अशोक नगर, तिलक नगर और राजौरी गार्डन रहे।

1993 से 2008 तक इसमें शामिल विधानसभा क्षेत्र

ओखला, कालकाजी, मालवीय नगर, हौजखास, आरके पुरम, दिल्ली कैंट, जनकपुरी, हरिनगर, तिलक नगर, राजौरी गार्डन, सरोजनी नगर, गोल मार्केट, कस्तूरबा नगर।

2008 के परिसीमन के बाद इसमें शामिल विधानसभा क्षेत्र

बिजवासन, पालम, महरौली, छतरपुर, देवली, अंबेडकर नगर, संगम विहार, कालकाजी, तुगलकाबाद, बदरपुर।

कार्यकाल                    सांसद                               निकटतम प्रतिद्ंदी

1967-1971       बलराज मधोक                            आर सिंह ( कांग्रेस)     

                       ( भारतीय जनसंघ )

1971-1977      शांति भूषण (कांग्रेस)                   बलराज मधोक ( भारतीय जनसंघ )

1977-1980      विजय कुमार मल्होत्रा                 चरणजीत सिंह(कांग्रेस) 

                          (भारतीय लोकदल) 

1980-1984      चरणजीत सिंह(कांग्रेस)               विजय कुमार मल्होत्रा (जनता पार्टी)

1984-1985      ललित माकन(कांग्रेस)                 विजय कुमार मल्होत्रा (जनता पार्टी)

1985-1989    अर्जुन सिंह(कांग्रेस)                        विजय कुमार मल्होत्रा (जनता पार्टी)

1989-1990     मदन लाल खुराना (भाजपा)             सुभाष चोपड़ा(कांग्रेस)

1991-1996     मदन लाल खुराना(भाजपा)            रोमेश भंडारी( कांग्रेस)

1996-1998    सुषमा स्वराज(भाजपा)                 कपिल सिब्बल(कांग्रेस)

1998-1999    सुषमा स्वराज(भाजपा)                 अजय माकन(कांग्रेस)

1999-2004    विजय कुमार मल्होत्रा (भाजपा)       डॉ. मनमोहन सिंह(कांग्रेस)

2004-2009    विजय कुमार मल्होत्रा (भाजपा)       आरके आनंद(कांग्रेस)

2009-2014    रमेश कुमार (कांग्रेस)                     रमेश बिधूड़ी (भाजपा)


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