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चुनावी माहौल में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सैम पित्रोदा ने सिख दंगों को लेकर दिया विवादित बयान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कांग्रेस पर आरोपों के जवाब में पित्रोदा ने कहा- अब क्या है 84 का? आपने क्या किया पांच साल में उसकी बात करिए। 1984 में जो हुआ वो हुआ।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 10 May 2019 07:46 AM (IST)Updated: Fri, 10 May 2019 08:03 AM (IST)
चुनावी माहौल में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सैम पित्रोदा ने सिख दंगों को लेकर दिया विवादित बयान
चुनावी माहौल में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सैम पित्रोदा ने सिख दंगों को लेकर दिया विवादित बयान

नई दिल्ली, प्रेट्र। कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने गुरुवार को सिख दंगों को लेकर एक विवादित बयान दे दिया। सिख विरोधी दंगे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कांग्रेस पर आरोपों के जवाब में पित्रोदा ने कहा- अब क्या है 84 का? आपने क्या किया पांच साल में उसकी बात करिए। 1984 में जो हुआ वो हुआ। उनके बयान के लिए भाजपा ने राहुल और सोनिया गांधी से माफी की मांग की है।

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भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पित्रोदा के इस बयान की वीडियो क्लिप को शेयर किया। इस क्लिप के साथ शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए लिखा, ‘पूरे सिख समुदाय के दर्द। 1984 में कांग्रेस नेताओं के हाथों मारे गए सिखों के परिजनों की परेशानियों। दिल्ली के सेकुलर चरित्र पर हमला। इन सभी को सैम पित्रोदा ने तीन शब्दों ‘हुआ तो हुआ’ में समेट दिया। देश मर्डरर कांग्रेस को उसके पापों के लिए कभी माफ नहीं करेगा।’

वहीं, भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पित्रोदा का बयान ‘चौंकाने वाला’ है और कोई भी इस तरह की उम्मीद नहीं कर सकता। उन्होंने पित्रोदा के बयान के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी से माफी मांगने की मांग की। वहीं, शिरोमणि अकाली दल नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि पित्रोदा के बयान से कांग्रेस की सिख विरोधी मानसिकता का पता चलता है।

दरअसल, प्रधानमंत्री ने दिल्ली के रामलीला मैदान की अपनी चुनावी सभा में सिख दंगे के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा था। उन्होंने कहा, ‘इन्हें अपने पूर्वजों के नाम पर वोट तो चाहिए, लेकिन जब उन्हीं के कारनामे खंगाले जाते हैं तो इन्हें मिर्च लग जाती है..कांग्रेस को बताना पड़ेगा कि 1984 के सिख दंगों का हिसाब कौन देगा? कांग्रेस को बताना पड़ेगा कि सिख दंगों से जुड़े लोगों को सीएम बनाना कौन सा न्याय है? ’इसी बयान पर मीडिया द्वारा पूछे गए एक सवाल पर पित्रोदा ने प्रतिक्रिया दी।

राजीव गांधी से वापस लें भारत रत्न’

उधर, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के इशारे पर 1984 में सिखों का कत्लेआम हुआ था, इसलिए उन्हें दिया गया देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न वापस लिया जाना चाहिए। कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मौत 31 अक्टूबर, 1984 को हुई थी। उनकी मौत वाले दिन और उसके एक दिन बाद भी कोई ¨हसा नहीं हुई थी। राजीव गांधी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उनके इशारे पर सज्जन कुमार, एचकेएल भगत, टाइटलर, कमलनाथ जैसे कांग्रेस नेताओं ने सिखों को निशाना बनाया। नानावती आयोग की रिपोर्ट में भी पूर्व प्रधानमंत्री को दोषी ठहराया है। उन्होंने आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए पुलिस व न्यायपालिका को धमकी दी थी। आरोपितों को वर्षों तक कांग्रेस की सरकारें बचाती रही हैं। अब निष्पक्ष जांच शुरू हुई और दोषियों को सजा हो रही है। यह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की वजह से संभव हुआ है। दंगे के आरोपित कमलनाथ के खिलाफ शिकायत दी गई है। उम्मीद है कि विशेष जांच दल की जांच के बाद उन्हें जेल जाना पड़ेगा।

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