दिल्ली में अब भी जिंदा है आप व कांग्रेस के बीच गठबंधन की उम्मीद : मनीष सिसोदिया
सिसोदिया ने कहा कि अब यह कांग्रेस को तय करना है कि इस समय उसकी प्राथमिकता मोदी और शाह की जोड़ी को हराना है या ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड बनाना है।
नई दिल्ली [राज्य ब्यूरो]। लोकसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच गठबंधन की उम्मीद शेष है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में इस बात के संकेत दिए। सिसोदिया ने कहा कि अब यह कांग्रेस को तय करना है कि इस समय उसकी प्राथमिकता मोदी और शाह की जोड़ी को हराना है या ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड बनाना है। अगर कांग्रेस चाहे तो अभी भी समय है, मोदी और शाह की जोड़ी को 18 सीटों पर हराया जा सकता है। हालांकि उन्होंने साफ किया कि कांग्रेस के साथ गठबंधन केवल दिल्ली को लेकर नहीं होगा, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी गठबंधन करना होगा। हमने दिल्ली में सर्वे कराया है जिसमें सामने आया है कि कांग्रेस को जनता में जो समर्थन मिल रहा है वह छह से सात फीसद है।
गठबंधन सिरे नहीं चढ़ पाने के लिए उन्होंने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पिछले एक महीने से गठबंधन को लेकर कांग्रेस का ढुलमुल रवैया देखने को मिल रहा है। इससे एक बात स्पष्ट हो गई है कि कांग्रेस की प्राथमिकता भाजपा की तानाशाही से देश को बचाना नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा को जीतने में मदद करने की है।
सिसोदिया ने कहा कि शुरू से ही कांग्रेस के प्रति हमारा विरोध रहा है। परंतु आज देश में जो हालात हैं उसमें मिलकर ही भाजपा को हराया जा सकता है। यही कारण है कि आम आदमी पार्टी ने महागठबंधन का हिस्सा बनना स्वीकार किया।
दिल्ली की परिस्थितियों को देखते हुए कई विपक्षी पार्टियों ने भी हमें सलाह दी कि दिल्ली में कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा जाए। जिससे दिल्ली की सातों सीटों पर भाजपा को हराया जा सके। इसी के चलते दिल्ली में कई बार कांग्रेस के नेताओं से बातचीत भी हुई। यह बड़ा ही आश्चर्यजनक है कि इतनी बड़ी पार्टी कांग्रेस देश पर मंडरा रहे खतरे को समझ नहीं पा रही है। सिसोदिया ने कहा कि अब गोवा का टाइम निकल चुका है। उस पर बात करना व्यर्थ है। अगर कांग्रेस दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा और चंडीगढ़ में भी गठबंधन को हां करे तो आम आदमी पार्टी गठबंधन के लिए तैयार है।