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General Election 2019: भाजपा-कांग्रेस के लिए एक और मुश्किल, AAP ने चली कर्जमाफी की चाल

भाजपा अभी कांग्रेस द्वारा कर्जमाफी की चाल का काट ढूंढ रही थी कि AAP सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर स्वामीनाथन आयोग को लागू करने की कवायत शुरू कर एक और मुश्किल खड़ी कर दी है।

By Edited By: Published: Mon, 28 Jan 2019 08:14 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jan 2019 08:56 AM (IST)
General Election 2019: भाजपा-कांग्रेस के लिए एक और मुश्किल, AAP ने चली कर्जमाफी की चाल
General Election 2019: भाजपा-कांग्रेस के लिए एक और मुश्किल, AAP ने चली कर्जमाफी की चाल

नई दिल्ली, जेएनएन। आम आदमी पार्टी (AAP) ने आगामी लोकसभा चुनाव में किसानों को लेकर भाजपा की राह और कठिन कर दी है। भाजपा अभी कांग्रेस द्वारा कर्जमाफी की चाल की काट ढूंढ़ रही थी कि सोमवार को दिल्ली की AAP सरकार ने फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की कवायद शुरू कर दी।

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इसके तहत सरकार किसानों को फसल का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने को तैयार है। इस आयोग की सिफारिशों को लागू करने में कुछ माह लग सकते हैं, लेकिन मंगलवार को इसका पहला ड्राफ्ट जारी कर दिया जाएगा। ड्राफ्ट में तेलंगाना मॉडल को भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए दिल्ली सरकार ने मंगलवार को कृषि से संबंधित विशेषज्ञों की बैठक बुलाई है, जिसमें केंद्र सरकार के कृषि विभाग से संबंधित विभिन्न अधिकारियों को भी बुलाया गया है।

दिल्ली सचिवालय में सोमवार को प्रेस वार्ता में दिल्ली सरकार के विकास मंत्री गोपाल राय ने बताया कि इस मुद्दे पर सरकार ने चार दिसंबर को तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर दिल्ली की कृषि और उत्पादन लागत का आकलन किया है।

इस आकलन पर दिल्ली के कृषि विभाग के अधिकारी मंगलवार को उनके नेतृत्व में केंद्र सरकार के लागत एवं मूल्य निर्धारण विभाग, भारतीय खाद्य निगम और भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा के वैज्ञानिकों के साथ चर्चा करेंगे। चर्चा के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पहला ड्राफ्ट आएगा। इसके बाद नरेला और नजफगढ़ में किसानों के साथ इस पर चर्चा की जाएगी। साथ ही ओडिशा समेत कुछ अन्य राज्यों के किसानों और अधिकारियों के साथ चर्चा कर अंतिम ड्राफ्ट तय किया जाएगा।

गोपाल राय का कहना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य केंद्र सरकार ही तय कर सकती है, लेकिन वह बार-बार इससे पीछे हटती जा रही है। इसलिए दिल्ली सरकार इसके लिए एक मॉडल तैयार कर रही है। इस दिशा में तेलंगाना और ओडिशा नया प्रयोग कर रहे हैं, इसलिए उनके प्रयोगों को भी समझ रहे हैं। दिल्ली में 75 हजार हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है, जिसमें से 20 हजार हेक्टेयर पर गेहूं की फसल होती है और 6100 हेक्टेयर पर धान की खेती होती है। दिल्ली में आज भी 20 हजार किसान खेती पर निर्भर हैं।

क्या है स्वामीनाथन आयोग
आर्थिक तंगी के चलते किसानों की आत्महत्या से चिंतित केंद्र सरकार ने 18 नवंबर 2004 में प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक प्रो. एमएस स्वामीनाथन के नेतृत्व में आयोग का गठन किया था। आयोग ने 4 अक्टूबर 2006 को अंतिम रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। इस रिपोर्ट में मुख्य रूप से फसल का समर्थन मूल्य डेढ़ गुना निर्धारित किए जाने की सिफारिश की गई है।


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