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Loksabha Election 2019 : 'मृतक संतोष' भी ठोकेगा पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ ताल

सरकारी फाइलों में मृत घोषित होने के बाद एक दशक से खुद को कागजी जिंदा साबित करने की लड़ाई लड़ रहे चोलापुर के संतोष को लेकर पुलिस ने अलर्ट जारी किया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 07:08 PM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 08:05 AM (IST)
Loksabha Election 2019 : 'मृतक संतोष' भी ठोकेगा पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ ताल
Loksabha Election 2019 : 'मृतक संतोष' भी ठोकेगा पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ ताल

वाराणसी, जेएनएन। सरकारी फाइलों में मृत घोषित होने के बाद एक दशक से खुद को 'कागजी जिंदा' साबित करने की लड़ाई लड़ रहे चोलापुर के संतोष को लेकर पुलिस ने अलर्ट जारी किया है। प्रदेश व स्थानीय खुफिया तंत्र ने  पुलिस को आगाह किया है कि संतोष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी के सामने प्रदर्शन कर असहज स्थिति पैदा कर सकता है। एसएसपी ने चोलापुर, कैंट समेत सभी थानों को अलर्ट किया है कि जहां कहीं भी संतोष सिंह दिखे उसे तत्काल हिरासत में ले लिया जाए। उन थानों की पुलिस को विशेष सतर्कता की हिदायत दी गई है जहां से 25 को पीएम का रोड शो निकलेगा और 26 को नामांकन जुलूस।

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दिल्ली के जंतर-मंतर पर साल 2012 से चाय बेचकर खुद को जिंदा साबित करने की लड़ाई लड़ रहे चौबेपुर निवासी संतोष ने प्रधानमंत्री के खिलाफ वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव लडऩे की घोषणा की है। 

धमाके में मारे जाने की अफवाह फैलाकर हड़प ली थी जमीन : फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर के यहां भोजन पकाने वाले संतोष की कहानी भी फिल्मी है। दो दशक पहले नाना पाटेकर एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में संतोष के गांव आए थे। संतोष से प्रभावित होकर वह उसे अपने साथ मुंबई लेते गए। इस दौरान अनुसूचित जाति की युवती से संतोष ने शादी कर ली। इसके बाद मुंबई में बम धमाका हुआ। ब्लास्ट में संतोष के मारे जाने की अफवाह उड़ाकर रिश्तेदारों ने उसकी जमीन के दस्तावेज पर अपने नाम चढ़वा लिए। हालांकि बाद में संतोष गांव लौटा और अपने को जिंदा साबित करने की कोशिश में जुट गया। इस दौरान वह सरकारी बाबुओं के मकडज़ाल में उलझ गया। तत्कालीन डीएम प्रांजल यादव ने उसकी मुश्किल को समझा और उसे जमीन दिला दी। हालांकि संतोष ने तब दावा किया कि उसके हिस्से की पूरी जमीन नहीं मिली है। बीते सात साल से संतोष शेष जमीन अपने नाम कराने के लिए 'मैं जिंदा हूं' की तख्ती टांगे घूम रहा है। अब संतोष की यहीं पहचान भी बन गई है। 


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