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Lok Sabha Election 2019: सत्ती के बचाव में शांता, कांग्रेस बिना वजह कर रही बवाल

सत्‍ती के बयान को लेकर शांता कुमार ने किया बचाव खेद प्रकट कर दिखाया बड़प्पन कहा इस सवाल पर व्यर्थ का बवाल नहीं खड़ा नहीं किया जाना चाहिए।

By BabitaEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 01:01 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 01:01 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019: सत्ती के बचाव में शांता, कांग्रेस बिना वजह कर रही बवाल
Lok Sabha Election 2019: सत्ती के बचाव में शांता, कांग्रेस बिना वजह कर रही बवाल

पालमपुर, जेएनएन। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती के बयान को लेकर सांसद शांता कुमार ने बचाव किया है। सांसद शांता कुमार ने कहा कि बड़े दुख की बात है कि भाजपा अध्यक्ष सतपाल सत्ती के कहे कुछ शब्दों पर कांग्रेस पार्टी पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन कर रही है।

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सत्ती ने इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण दिया है और आयोग को अपना जवाब भी भेजा है। इसके साथ ही अपने कहे शब्दों से किसी को ठेस लगने पर वे इसके लिए खेद भी प्रकट कर चुके हैं। शांता ने कहा कि खेद प्रकट करके उन्होंने अपना बड़प्पन दिखाया है। इसके बाद इस सवाल पर व्यर्थ का बवाल नहीं खड़ा नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा एक बार नहीं कई बार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चोर कहा है। बिना किसी प्रमाण के इस तरह का आपत्तिजनक शब्द प्रयोग करना निंदनीय  है। भारत के इतिहास में किसी भी विपक्ष के नेता ने कभी भी प्रधानमंत्री के लिए ऐसे शब्द का प्रयोग नहीं किया। कांग्रेस के दस वर्ष के शासन में जब घोटालों की भरमार थी तब भी किसी विपक्ष के नेता ने मनमोहन सिंह के विरूद्व इस शब्द का प्रयोग नहीं किया।

शांता कुमार ने कहा है कि इस बार बड़े-बड़े नेता बहुत हल्की और भद्दी टिप्पणियां कर रहें हैं। ये सब लोकतंत्र के लिए हानिकारक है। उन्होंने सभी नेताओं से आग्रह किया है कि लोकतंत्र में शालीनता बनाए रखें और एक-दूसरे का विरोध करने में हल्की भाषा का प्रयोग न करें। उन्होंने कहा कि भारत में नेताओं की छवि पहले ही बहुत खराब हो चुकी है। स्वतंत्रता से पहले नेता शब्द बहुत बड़े सम्मान का सूचक था परंतु अब कहीं कहीं नेता शब्द बहुत हल्के अर्थ में लिया जाने लगा है।
 
क्या यह भारत के लोकतंत्र के लिए एक शर्म की बात नहीं है कि भारत में नेताओं पर चल रहें आपराधिक
मुकदमों का शीघ्र निपटारा करने के लिए विशेष अदालतों का गठन किया गया है। भारत के आंतकवादियों और कठोर अपराध करने वालों के लिए भी विशेष अदालतें नहीं बनी परंतु नेताओं के लिए विशेष अदालतें बनाई गई हैं। शांता कुमार ने कहा कि यदि भारत में नेता इसी प्रकार से व्यवहार करके अपनी छवि को बिगाड़ते रहेंगे तो धीरे-धीरे लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा संकट पैदा हो जाएगा।

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