Lok Sabha Election 2019: विजय की मां ने फैलाया आंचल तो हेमलाल की पत्नी ने मांगा साथ
विजय हांसदा निवर्तमान सांसद हैं। उनकी माता शांति सरोजनी बरहेट के कई गांवों में गई। आदिवासियों ने सवाल उठा दिया कि बहुत काम तो हुआ नहीं।
बरहेट, बृज नंदन कुमार, बरहेट। राजमहल में जितना गरम आसमान है, उतना ही राजनीतिक तापमान। वोट डालने की तिथि नजदीक आई है तो चुनाव लड़ रहे योद्धा के परिजन भी जनता के बीच आ गए हैं। झामुमो के उम्मीदवार विजय हांसदा की माता शांति सरोजनी मुर्मू ने जनता के बीच आंचल फैला दिया है। भाजपा के प्रत्याशी हेमलाल मुर्मू के लिए उनकी धर्मपत्नी मीरू सोरेन के पांव भी गांव की राह पकड़ चुके हैं। पुत्र विकास मुर्मू की युवा ब्रिगेड भी कमल खिलाने के लिए जोश दिखा रही है।
विजय हांसदा निवर्तमान सांसद हैं। उनकी माता शांति सरोजनी बरहेट के कई गांवों में गई। आदिवासियों ने सवाल उठा दिया कि बहुत काम तो हुआ नहीं। शांति सरोजनी समझा रही है कि उनके पति थॉमस हांसदा ने पूरा जीवन लोगों की सेवा में गुजार दिया, बेटे विजय ने भी मेहनत में कोई कसर बाकी नहीं रखी है। भाजपा सरकार ने जानबूझ कर उसका काम रुकवाने का प्रयास किया, जो गलत सियासत है। शांति सरोजनी के निकलने से विजय हांसदा को लाभ भी हुआ है। हेमलाल मुर्मू की पत्नी मीरू सोरेन लोगों को समझाने में लगी है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद साहिबगंज में पुल का काम शुरू हो गया, बंदरगाह बन रहा है। सांसद लायक रहते तो गांवों में कोई समस्या नहीं रहती।
विजय हांसदा और हेमलाल मुर्मू के साथ और उम्मीदवारों के परिजन भी चुनावी समर में कूद पड़े हैं। बरहेट के पूर्व उप प्रमुख मोहम्मद उमेद अली अपनी पत्नी मोनिका किस्कू के लिए घूम घूम कर वोट मांग रहे हैं। मोनिका तृणमूल कांग्र्रेस से चुनाव लड़ रही हैं। निर्दल उम्मीदवार प्रत्याशी महेंद्र हांसदा के लिए उनके भाई सूर्या हांसदा और माता नीलमणि मुर्मू जनता के बीच में आ गए हैं। सूर्या हांसदा झाविमो में थे। उनके खिलाफ गंभीर आरोपों में आपराधिक मामले दर्ज रहे हैं।
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