Lok Sabha Election 2019 में मोदी मैजिक बरकरार, आस-पास भी नहीं विपक्षी पार्टियां
मतदाताओं ने कांग्रेस की न्याय योजना और उनकी नकारात्मक राजनीति को खारिज कर दिया है। वहीं पीएम मोदी और भाजपा के राष्ट्रवाद और विकास के एजेंडे को खुले मन से स्वीकार किया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। 17वीं लोकसभा के लिए हुए चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मैजिक बरकरार नजर आ रहा है। मतदाताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की 'न्याय' योजना और उनकी नकारात्मक राजनीति को खारिज कर दिया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रवाद और विकास के एजेंडे को खुले मन से स्वीकार किया है। चुनाव आयोग की ओर से जारी 542 सीटों के रुझानों के मुताबिक भाजपा 292 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि कांग्रेस सिर्फ 51 सीटों पर आगे है। अगर राजग के घटक दलों की सीटें भी इसमें जोड़ ली जाएं यह आंकड़ा 343 तक पहुंच रहा है। खास बात यह है कि विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम में जुटे टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश में अपनी सरकार बचा पाने में भी विफल साबित हो रहे हैं। आंध्र में वाईएसआर कांग्रेस ने एक तरह से टीडीपी का सफाया कर दिया है।
अंतिम नतीजों तक अगर यही रुझान बरकरार रहे तो भाजपा 2014 से भी बेहतर प्रदर्शन करने जा रही है क्योंकि तब भाजपा ने सिर्फ 282 सीटें हासिल की थीं और राजग को कुल 336 सीटें हासिल हुई थीं। शेयर बाजार ने भी रुझानों पर शानदार प्रतिक्रिया दी है और बीएसई का सेंसेक्स पहली बार 40 हजार के आंकड़े को पार कर गया। एनएसई ने भी 12 हजार के आंकड़े को पीछे छोड़ दिया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर भाजपा की शानदार जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी है और जनता का आभार प्रकट किया है।
राजनीतिक रूप से संवेदनशील उत्तर प्रदेश में भाजपा 80 में से 56 सीटों पर आगे चल रही है। जबकि सपा-बसपा गठबंधन सिर्फ 20 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। इनमें सपा आठ और बसपा 12 सीटों पर आगे है। हालांकि 2014 के चुनावों में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 72 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन फिर भी भाजपा का इस बार का प्रदर्शन एक्जिट पोल के नतीजों से बहुत बेहतर है। प्रदेश में कांग्रेस सिर्फ एक सीट पर आगे चल रही है, यहां तक कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी अमेठी सीट से भाजपा की स्मृति ईरानी से पीछे चल रहे हैं। हालांकि केरल में वायनाड सीट से उन्होंने बढ़त बना ली है।
मोदी मैजिक सिर्फ हिंदी पट्टी और गुजरात में ही नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी दिखाई दे रहा है। सिर्फ केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में इसका असर नहीं दिखा। यहीं नहीं, तेलंगाना में भी भाजपा चार सीटों पर आगे चल रही है। ओडिशा की 21 सीटों में से भाजपा नौ और बीजू जनता दल 11 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। 2014 में बीजू जनता दल को 20 और भाजपा को सिर्फ एक सीट हासिल हुई थी। पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में से तृणमूल कांग्रेस 25 और भाजपा 15 पर आगे चल रही है। राज्य से वामपंथियों को सफाया होता हुआ दिखाई दे रहा है। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक को झटका लगा है। वहां 20 सीटों पर द्रमुक आगे चल रही है।
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