Lok Sabha Election 2019: अल्पसंख्यक व आधी आबादी को नहीं मिली तवज्जो
Lok Sabha Election 2019. आज तक किसी भी दल ने अल्पसंख्यक को नहीं बनाया उम्मीदवार। सन 1957 के चुनाव में रामगढ़ राजघराने की ललिता राज लक्ष्मी यहां से बनी थी सांसद।
हजारीबाग, [मासूम]। Lok Sabha Election 2019 14 हजारीबाग लोक सभा क्षेत्र में शुरूआती दौर से रामगढ़ राजघराने का वर्चस्व रहा था। उस घराने से करीब आधा दर्जन लोगों को क्षेत्र का बतौर सांसद प्रतिनिधित्व का मौका मिला। राजघराने की बहु ललिता राज लक्ष्मी जो राजा कामाख्या नारायण सिंह की पत्नी थी, ने 1957 का चुनाव लड़कर सांसद बनी थी। वह एकमात्र महिला हैं जिन्हें अब तक हजारीबाग संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला।
उसके बाद से इस संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस, भाजपा और भाकपा का प्रभाव रहा मगर किसी भी दल ने महिला को प्रत्याशी नहीं बनाया है। वास्तविकता यह है कि इस लोकसभा क्षेत्र से किसी भी दल ने आधी आबादी यानी महिला को प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं दिया। रामगढ़ राजघराने के प्रति पूरी सम्मान के बावजूद नेहरू परिवार या कांग्रेस ने इस वर्ग को तवज्जो नही दी।
राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बावजूद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी रामगढ़ राजघराने को काफी तरजीह देती थीं। कांग्रेस पार्टी के साथ साथ भाजपा द्वारा भी हजारीबाग से महिला को उम्मीदवार नहीं बनाया गया। इसके अलावा प्रमुख दलों द्वारा अल्पसंख्यक वर्ग को भी तवज्जो नहीं दी। यही कारण है कि आसन्न 17वें लोकसभा चुनाव तक 14 हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र का अब तक कोई भी अल्पसंख्यक प्रत्याशी प्रतिनिधित्व नहीं कर पाया है।