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Lok Sabha Election 2019: 1969 में अटलजी ने संताल में शुरू की थी भगवा जमीन की तलाश

लक्ष्मी नारायण बताते हैं अटल जी ने कहा था कि युवा हो परिश्रम करो। अभी जीतने की स्थिति नहीं है। आज मेहनत करेंगे तो भविष्य में जन संघ का बोलबाला होगा।

By mritunjayEdited By: Published: Fri, 03 May 2019 12:43 PM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 12:43 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019: 1969 में अटलजी ने संताल में शुरू की थी भगवा जमीन की तलाश
Lok Sabha Election 2019: 1969 में अटलजी ने संताल में शुरू की थी भगवा जमीन की तलाश

दुमका, जेएनएन।1969 से संताल परगना में भाजपा की जमीन की तलाश में जुटे थे अटल बिहारी वाजपेयी। तब संताल परगना में केवल कांग्रेस का बोलबाला था। तब अटल बिहारी वाजपेयी ने संताल परगना की बंजर राजनीतिक जमीन में जनसंघ को उगाने की कोशिश शुरू की थी। वह अटल थे जो 1969 में बांका, भागलपुर एवं दुमका के चुनाव के लिए धनबाद से मर्सीटीज कार से ही हंसडीहा आ गए। राजनीति में शुचिता को बनाए रखने वाले अटल जी मर्सीटीज कार से 1969 में जामा गए थे और चुनावी सभा को संबोधित किए थे। आज उसी जामा के सुनील सोरेन भाजपा के उम्मीदवार हैं। वह भागलपुर भी गए थे। हंसडीहा में लक्ष्मी नारायण चौधरी के घर की दालान में अटल जी ने कुछ वक्त गुजारा था। डाक बंगला में रहे थे।

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लक्ष्मी नारायण बताते हैं, अटल जी ने कहा था कि युवा हो, परिश्रम करो। अभी जीतने की स्थिति नहीं है। आज मेहनत करेंगे तो भविष्य में जन संघ का बोलबाला होगा। बताते हैं कि 1983 में बांका लोकसभा से जगदंबी प्रसाद यादव उम्मीदवार थे। उनके प्रचार में भी आए थे। उस वक्त भागलपुर के कमिश्नर ए बटुआल थे। बांका में सभा करने के बाद वापस हंसडीहा ही आए थे। 1984 में दुमका से बटेश्वर हेम्ब्रम चुनाव लड़ रहे थे। वाजपेयी जी उस वक्त भी चुनाव प्रचार में आए थे। हंसडीहा में जब वह रूके थे तो बच्चों को पुचकारते हुए बोले थे कि पढ़ लिख कर अच्छा इंसान बनना। लक्ष्मी नारायण की उम्र अभी 80 साल हो गयी है। जब अटलजी आए थे, तब जीवन के सिर्फ 28 बसंत देखे थे। बातों ही बातों में नानाजी देशमुख के भी आगमन के प्रसंग पर चर्चा की। बोले कि उनको भी जनसंघ के समय टिकट दिया जा रहा था। वे चुनाव लडऩा नहीं चाहते थे।

अटल के साथ साया की तरह रहने वाले लालकृष्ण आडवाणी भी दो बार दुमका क्षेत्र में चुनाव प्रचार में आए थे। तब विधानसभा चुनाव था। वह साल 1995 था। अयोध्या के लिए उनकी रथयात्रा निकली थी तो उन्हें लालू सरकार ने गिरफ्तार किया था। मसानजोर डैम में आडवाणी जी को नजरबंद कर रखा गया था। रिहाई हुई थी तो वे हंसडीहा में रूके थे।

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