LokSabha Elections 2019 : योगी आदित्यनाथ ने दिया जीत का मंत्र, तिथिवार तैयार किया चुनाव प्रचार का खाका
गोरखपुर में मुख्यमंत्री वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक की। लोकसभा चुनाव जीतने के लिए उन्होंने कार्यकर्ताओं को मंत्र बताया।
By Edited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 09:05 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 10:27 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। चुनाव के लिए जितनी भी योजनाएं बनायी जातीं है, उनकी सफलता का निर्णायक बिंदु बूथ होता है। बूथ अगर कमजोर है तो सारी योजनाएं धरी की धरी रह जाएंगी। जीत से बूथ के इस गहरे और अनिवार्य रिश्ते को पूरी संजीदगी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न केवल बताया बल्कि उसे आत्मसात कर जीत की राह तय करने की अपील भी की।
मुख्यमंत्री बुधवार को सिविल लाइंस स्थित गोकुल अतिथि भवन में गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों, वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और ¨हदू युवा वाहिनी के पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। तिथिवार चुनाव प्रचार का खाका तैयार मुख्यमंत्री ने बूथ और जीत का रिश्ता ही नहीं अपितु बल्कि इस रिश्ते को आधार बनाकर तिथिवार चुनाव प्रचार का खाका भी तैयार किया। उन्होंने बूथ को मजबूत करने के लिए चार तिथियां खासतौर से निर्धारित कीं। मुख्यमंत्री के अनुसार 27 अप्रैल को लोकसभा क्षेत्र के सभी 2148 बूथों पर एक साथ बैठकें आयोजित होंगी।
प्रत्याशी रवि किशन मुख्यमंत्री के बूथ पर मौजूद रहेंगे। 29 अप्रैल को सभी बूथों पर एक साथ जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा, जिसमें हर मतदाता तक पहुंचने का लक्ष्य होगा। तीन और सात मई को बूथ के प्रमुख लोगों के साथ जनसंपर्क अभियान चलाने की योजना योगी ने बैठक में बताई। इन सभी अभियान में जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ पदाधिकारी अपने-अपने बूथ पर हर हाल में मौजूद रहेंगे। उन्होंने इसे लेकर विधानसभा क्षेत्रवार योजना तैयार करने का निर्देश भी दिया।
इससे पहले 25 अप्रैल को मंडल स्तर पर बैठक का भी उन्होंने निर्देश दिया। कार्यकर्ताओं को उन्होंने आगाह किया कि अति विश्वास और अति उत्साह में वह अपनी जिम्मेदारी को निभाने में शिथिलता हरगिज न बरतें। अपने ही बूथ पर रहेंगे जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में इस बात पर काफी जोर दिया कि जो जनप्रतिनिधि या पदाधिकारी जिस बूथ का निवासी हो, चार दिवसीय अभियान के दौरान खासतौर से अपने बूथ पर ही रहे। किसी और बूथ पर जाने की जरूरत नहीं है।
कोई भी व्यक्ति जितना अपने बूथ पर प्रभावशाली हो सकता है, उतना किसी अन्य बूथ पर नहीं। बूथ की जिम्मेदारियों को देनी होगी प्राथमिकता मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि या पदाधिकारी को चाहे जो भी जिम्मेदारी सौंपी गई है लेकिन अपने बूथ की जिम्मेदारी हर हाल में उसे अतिरिक्त रूप से निभानी ही होगी। यदि दोनों में चयन करना होगा तो बूथ को प्राथमिकता देनी होगी। क्योंकि हर प्रयास के मूल में बूथ ही है।
मुख्यमंत्री बुधवार को सिविल लाइंस स्थित गोकुल अतिथि भवन में गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों, वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और ¨हदू युवा वाहिनी के पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। तिथिवार चुनाव प्रचार का खाका तैयार मुख्यमंत्री ने बूथ और जीत का रिश्ता ही नहीं अपितु बल्कि इस रिश्ते को आधार बनाकर तिथिवार चुनाव प्रचार का खाका भी तैयार किया। उन्होंने बूथ को मजबूत करने के लिए चार तिथियां खासतौर से निर्धारित कीं। मुख्यमंत्री के अनुसार 27 अप्रैल को लोकसभा क्षेत्र के सभी 2148 बूथों पर एक साथ बैठकें आयोजित होंगी।
प्रत्याशी रवि किशन मुख्यमंत्री के बूथ पर मौजूद रहेंगे। 29 अप्रैल को सभी बूथों पर एक साथ जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा, जिसमें हर मतदाता तक पहुंचने का लक्ष्य होगा। तीन और सात मई को बूथ के प्रमुख लोगों के साथ जनसंपर्क अभियान चलाने की योजना योगी ने बैठक में बताई। इन सभी अभियान में जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ पदाधिकारी अपने-अपने बूथ पर हर हाल में मौजूद रहेंगे। उन्होंने इसे लेकर विधानसभा क्षेत्रवार योजना तैयार करने का निर्देश भी दिया।
इससे पहले 25 अप्रैल को मंडल स्तर पर बैठक का भी उन्होंने निर्देश दिया। कार्यकर्ताओं को उन्होंने आगाह किया कि अति विश्वास और अति उत्साह में वह अपनी जिम्मेदारी को निभाने में शिथिलता हरगिज न बरतें। अपने ही बूथ पर रहेंगे जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में इस बात पर काफी जोर दिया कि जो जनप्रतिनिधि या पदाधिकारी जिस बूथ का निवासी हो, चार दिवसीय अभियान के दौरान खासतौर से अपने बूथ पर ही रहे। किसी और बूथ पर जाने की जरूरत नहीं है।
कोई भी व्यक्ति जितना अपने बूथ पर प्रभावशाली हो सकता है, उतना किसी अन्य बूथ पर नहीं। बूथ की जिम्मेदारियों को देनी होगी प्राथमिकता मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि या पदाधिकारी को चाहे जो भी जिम्मेदारी सौंपी गई है लेकिन अपने बूथ की जिम्मेदारी हर हाल में उसे अतिरिक्त रूप से निभानी ही होगी। यदि दोनों में चयन करना होगा तो बूथ को प्राथमिकता देनी होगी। क्योंकि हर प्रयास के मूल में बूथ ही है।
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